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लिवर डिजीज सेंटर

कोलकाता स्थित मुख्यालय वाले मेडिका हॉस्पिटल्स ने साउथ एशियन लिवर इन्स्टीट्यूट के सहयोग से-मेडिका सेंटर फॉर लिवर डिजीज - की शुरुआत की है।


मेडिका सेंटर फॉर लिवर डिजीज का उद्देश्य, पूर्वी भारत में प्रत्यारोपण सहित लिवर की तमाम बीमारियों की इलाज संबंधी जरूरतों को पूरा करना है। इस सेंटर में लिवर, पैनक्रियाज और पित्त की थैली संबंधी बीमारियों के इलाज की सुविधा उपलब्ध है। मेडिका के लिवर प्रत्यारोपण कार्यक्रम में जीवित एवं कडैवर (मृत) दोनों, दाता (डोनर) शामिल होंगे। मेडिका, पूर्वी भारत के उन चंद अस्पतालों में से एक है, जहां प्रत्यारोपण सर्जरी सहित, लिवर संबंधी जटिल बीमारियों के इलाज की सुविधा है।


मेडिका सुपरस्पेशलटी हॉस्पिटल में गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के निदेशक डॉ. प्रदीप्ता कुमार सेठी कहते हैं, लिवर डिजीज सेंटर की शुरुआत, निश्चित तौर पर एक सामयिक निर्णय है। इसमें संदेह नहीं कि अब हम लिवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों के इलाज के लिए समग्र दृष्टिकोण अपना सकेंगे।


 मेडिका सेंटर फॉर लिवर डिजीज के बारे में बात करते हुए साउथ एशियन लिवर इन्स्टीट्यूट के संस्थापक प्रो. (डॉ.) टॉम चेरियन ने कहा, हम चाहते हैं कि लिवर संबंधी बीमारियों का विश्वस्तरीय इलाज हो। और विश्वस्तरीय क्या है? इसका सीधा-सा मतलब है कि लिवर की बीमारी का इलाज चाहे लंदन में हो या कोलकाता में, दोनों में कोई अंतर नहीं होना चाहिए। मैं, भरोसा दिलाना चाहता हं कि लिवर की बीमारी का इलाज, जिस तरह लंदन में करता था, उसी तरह यहां कोलकाता में भी करूंगा। हमने कोलकाता के बहुत से मरीजों का इलाज किया है, वो अच्छा जीवन जी रहे हैं और अपने शहर लौट आए हैं। लेकिन अपने इलाज के लिए, उन्हें बहुत लंबी यात्रा करनी पड़ती थी। मुझे खुशी है कि हम उस इलाज को इस महान शहर तक लाने में सक्षम हैं, जो शानदार लिवर सर्विस के लिए सर्वथा उचित है।


मेडिका अस्पताल समूह के चेयरमैन डॉ. आलोक रॉय ने कहा, लिवर डिजीज सेंटर बहुत बड़ा कदम है, और मेरा मानना है कि यह न केवल कोलकाता और बंगाल, बल्कि समूचे पूर्वी भारत के लिए भी मील का पत्थर है। हमारे पास लिवर संबंधी बीमारियों एवं उससे जुड़ी दिक्कतों से निपटने के लिए आधारभूत ढांचे के अलावा डॉक्टरों और सर्जनों की शानदार टीम है।


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