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बदल रहा है रोमांस के प्रति महिलाओं का नजरिया

इश्क, प्यार और रोमांस हमेशा से रहस्य एवं विवाद के चादर से ढके रहे हैं। आज भी ये रहस्य और विवाद में घिरे हैं। आज हालांकि प्रेम, सेक्स एवं रोमांस के प्रति हमारे समाज में काफी खुलापन आया है और इन्हें लेकर पुरुषों एवं महिलाओं के नजरिये में व्यापक बदलाव आया है लेकिन इसके बावजूद यह सवाल अभी भी अनसुलझा है कि महिला और पुरुष अथवा पति और पत्नी में से कौन ज्यादारोमांटिक होता है।


टेलीविजन, फिल्म, इंटरनेट जैसे नवीनतम माध्यमों के उदय तथा महिलाओं के घर के दहलीज से बाहर निकल कर पुरुषों के साथ नौकरी एवं रोजगार करने के कारण महिलाओं में पहले की तरह सेक्स एवं रोमांस को लेकर संकोच नहीं रहा है। इसके अलावा हमारे समाज में भी अनेक कारणों से पिछले एक दशक में रोमांस की धारणा काफी हद तक बदल गयी है। अब यह अधिक भावात्मक हो गया है। लेकिन इस संबंध में पुरुष और महिला के विचारों और रवैये में भिन्नता आज भी कायम है। आम तौर पर देखा गया है कि पुरुष  रोमांस के मामले में अक्सर भावुक होते हैं और वे इस रिश्ते को शादी तक ले जाना पसंद करते हैं। लेकिन महिलाएं अपने ब्वाय फ्रैंड में कम रोमांस ही पाती हैं, वह भी कुछ ही दिनों तक।


रीमा कपूर की शादी को 15 साल हो गए हैं। वह रोमांस के मामले में महिलाओं के विचार के बारे में बताती हैं कि पुरुष और महिला के संवेदना में काफी फर्क है। उनके अनुसार महिलाएं सपने ज्यादा देखती हैं जबकि पुरुष यथार्थ में विश्वास करते हैं। महिलायें अपने पति से हर रोज कोई उपहार या फूलों के गुलदस्ते नहीं चाहतीं। वे सिर्फ यह चाहती हैं कि उसका पति उससे प्यार का इजहार करता रहे। ऐसा करने से वे दिन भर खुद को तरोताजा महसूस करती हैं।


दीपा गुप्ता का मानना है कि पत्नी की बजाय प्रेमिका बनकर रहना अच्छा है क्योंकि शादी के बाद रोमांस खत्म हो जाता है। पुरुष  घर-गृहस्थी के चक्कर में रोमांस करना ही भूल जाते हैं जबकि एक पुरुष और महिला को प्यार में बांधे रखने के लिए रोमांस बहुत जरूरी  है।


कॉलेज की पढ़ाई खत्म कर चुकी दिव्या शर्मा की इच्छा है कि उसका पार्टनर हर वक्त उसके साथ रहे। लेकिन उनका यह भी मानना है कि वास्तविक जिंदगी में ऐसा होना संभव नहीं है फिर भी वह यही चाहेगी कि उसका पति उसके साथ अधिक से अधिक समय बितायें और उसे हर रोज 'आई लव यू' बोले।


ये तो कुछ महिलाओं के विचार हैं जो व्यक्तिगत एवं निजी भी हो सकते हैं। लेकिन अनेक अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष  प्यार एवं रोमांस के चक्कर में जल्दी पड़ते हैं लेकिन वे प्यार से जल्दी ऊब जाते हैं और जब संबंध टूटते हैं तो वे लंबे समय तक तनाव में रहते हैं।


इससे तो यही पता चलता है कि महिलाएं रोमांस के मामले में अधिक आदर्श विचार रखती हैं। वे पुरुष- महिला के रिश्ते में अधिक व्यावहारिक भी होती हैं। महानगरों में जहां महिलाओं को अपना जीवन साथी चुनने के लिये परिस्थितियां एवं अवसर दोनों मौजूद हैं, वे ऐसा जीवन साथी चुनना पसंद करती हैं जो उन्हें सुरक्षा और सहारा दे तथा भविष्य में बच्चों को भी सुरक्षा प्रदान कर सके ।  हालांकि कई मामलों में महिलाएं पुरुष  के शारीरिक, आर्थिक या सामाजिक रुतबे  के कारण भी उनके प्रति आकर्षित हो जाती हैं।


हाल में किये गये एक अध्ययन के अनुसार पुरुष  प्यार में बहुत जल्दी करते हैं। बल्कि 'पहली नजर में प्यार' के मामले में भी पुरुष अधिक संवेदनशील होते हैं और वे जिंदगी में सच्चा प्यार किसी एक ही महिला से करते हैं। लेकिन शादी के कुछ दिनों बाद वे प्यार की परिभाषा ही भूल जाते हैं।


अजीत चौपड़ा और सीमा चौपड़ा की शादी को 11 साल हो चुके हैं। अजीत कहते हैं कि महिला पुरुष  की तुलना में अधिक रोमांटिक होती है लेकिन वे इसका कारण लड़के और लड़की के पालन-पोषण में अंतर होना बताते हैं। उनका कहना है कि लड़कों को बचपन से ही बहादुर बनने, घर से बाहर समय बिताने और संरक्षक बनने की प्रेरणा दी जाती है जबकि लड़कियों को छाती से लगाकर रखा जाता है, उसकी देखभाल की जाती है और उसे सुरक्षा प्रदान की जाती है। इसलिए दोनों की मानसिकता में भी फर्क होता है। लेकिन उनकी पत्नी सीमा चौपड़ा कहती हैं कि रोजाना या हते में एक बार 'आई लव यू' कहना गलत तो नहीं है। कभी-कभी बच्चों के बगैर पति-पत्नी का घूमने जाना या डिनर के लिए जाना ज्यादा कठिन तो नहीं है। ऑफिस जाने से पहले चुंबन देना भी सामान्य बात है और यही छोटी-छोटी बातें विवाह को सफल बनाती हैं। लेकिन विवाह के बारे में अधिकतर पुरुष बार-बार यही कहते हैं कि वे अपनी पत्नी को प्यार करते हैं और उसका ध्यान रखते हैं लेकिन प्यार जताते नहीं हैं।


रवि गुप्ता एक सरकारी अधिकारी हैं। उनका कहना है कि अधिकतर महिलाओं का रोमांस के बारे में विचार यथार्थ से एकदम अलग होता है और वे कल्पना को ही सच मानती हैं। अधिकतर महिलाएं रोमांस के लिए नजाकत और पति की देखभाल का सहारा लेती हैं जबकि पुरुष  पत्नी की सुरक्षा और उनकी मांगों की पूर्ति करने को ही रोमांस मानते हैं। सेक्स के मामले में भी महिला और पुरुष के विचार भिन्न होते हैं।


मनोचिकित्सकों के अनुसार 20 से 50 साल उम्र के पुरुष  महिला के साथ हमबिस्तर होने से पहले कल्पना का सहारा लेते हैं। इससे वे जल्दी उत्तेजित हो जाते हैं और शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो जाते हैं। इसके विपरीत महिलाएं शारीरिक और मानसिक रूप से सेक्स के लिए तैयार होने में अधिक समय लगाती हैं। वे अपने पति से अधिक भावुक होने और सौहार्दपूर्ण होने की उम्मीद रखती हैं। 30 वर्षीय रचना कहती हैं कि वे अपने पति से कामुक चुंबन की उम्मीद करती हैं क्योंकि यह अधिक रोमांटिक होता है और प्यार को बरकरार रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस तरह महिलाएं पुरुष से सिर्फ सुरक्षा या उनके ध्यान रखने की ही उम्मीद नहीं करती हैं बल्कि उनसे रोमांटिक प्यार की भी उम्मीद करती हैं।


रचना बताती हैं कि एक बार ऑफिस जाते समय उनकी कार रास्ते में ही खराब हो गयी। वह वापिस घर चली आयीं और ऑफिस न जा पाने की वजह से बहुत परेशान थीं। लेकिन उनके पति ने उन्हें परेशान देखकर तुरंत एक कप चाय बना कर दिया तब उन्हें अहसास हुआ कि उस वक्त उन्हें अपने पति के चुंबन से अधिक जरूरत उनके अपनापन और ख्याल रखने की थी।


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