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बुढ़ापे में जो महिलाएं सक्रिय रहती हैं वे खुशहाल जीवन जीती हैं

नियमित रूप से व्यायाम करने और सक्रिय जीवन जीने वाली उम्रदराज महिलाएं वृद्धावस्था में सामान्य महिलाओं की तुलना में अधिक स्वावलंबी होती हैं। आर्काइव्स आॅफ इंटरनल मेडिसीन में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार यह निष्कर्ष औसतन 74 वर्ष की 171 महिलाओं के शारीरिक क्षमता पर किए गए अध्ययन से निकला है। इन महिलाओं की शारीरिक क्षमता की जांच अध्ययन के शुरू से 14 साल तक किया गया।



यूनिवर्सिटी आॅफ पिट्सबर्ग स्कूल आॅफ हेल्थ एंड रिहैबिलिटेशन साइंसेज की जेनिफर ब्राच के अनुसार इस अध्ययन में लोगों की क्रियाशीलता का आत्मनिर्भरता से सीधा संबंध पाया गया।
टहलने जैसी नियमित रूप से की जाने वाली शारीरिक गतिविधियां न सिर्फ अधिक लंबी और स्वस्थ जिंदगी जीने में सहायक होती हैं, बल्कि यह अच्छी क्वालिटी की जिंदगी जीने में भी सहायता करती हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि अधिक सक्रिय रहने वाली और नियमित रूप से व्यायाम करने वाली महिलाएं 14 साल बाद भी अर्थात् 88 साल की उम्र में भी उसी तरह सक्रिय थीं और स्वावलंबी जीवन जी रही थीं। जबकि निष्क्रिय जीवन जीने वाली महिलाएं कम स्वावलंबी थीं।
सुश्री ब्राच का कहना है कि स्वावलंबी जीवन जीने के लिए युवाओं के साथ-साथ बूढ़े लोगों को भी शारीरिक रूप से सक्रिय रहना चाहिए।


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