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दम्पतियों की कामकाजी व्यस्तताओं ने बढ़ाई संतानहीनता और बांझपन की समस्याएं

बड़े शहरों में जिंदगी की भाग-दौड़ और व्यस्त जीवनचर्या के कारण संतानहीनता के मामले बढ़ते जा रहे हैं। प्रसिद्ध आईवीएफ विशेषज्ञ डाॅ. सोनिया मलिक ने बताया कि इन बड़े षहरों में कई दम्पति कामकाज में अत्यधिक व्यस्त रहते हैं और एक दूसरे के लिए समय नहीं निकाल पाते। इन शहरों में कामकाज एवं व्यवसाय संबंधी चिंता, खान-पान की गलत आदतें तथा अन्य कारणों से संतानहीनता तथा बांझपन की समस्या बढ़ रही है। 
डाॅ. सोनिया मलिक ने कहा, ''मेट्रो शहरों के अलावा बड़े शहरों जिंदगी अत्यंत व्यस्त हो गई है और इसके कारण इन शहरों में बांझपन एवं संतानहीनता की समस्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 


डाॅ. सोनिया मलिक के अनुसार इसके कई कारण हो सकते हैं। एक कारण तो पुरुष या महिला या दोनों का तनावपूर्ण जीवन है। उन्होंने बताया कि जन्म के समय से ही आनुवांशिक विकार, चोट/दुर्घटना, तंबाकू/शराब/अन्य नशीले पदार्थों के सेवन जैसे विभिन्न कारणों से दम्पतियों की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है। 
डाॅ. सोनिया मलिक ने अल्टासाउंड की भूमिका के बारे में कहा कि अल्टासाउंड आईवीएफ टीम को यह बताता है कि कब भ्रूण का प्रत्यारोपण किया जाना चाहिए। इससे गर्भधारण की सफलता की दर में सुधार होता है। उन्होंने बताया कि अल्ट्रासाउंड आईवीएफ में उपचार पूर्व जांच की अत्यंत बहुमुखी विधि है और इसका इस्तेमाल डिम्बगंथि रिजर्व, पेल्विक विकृतियों तथा गर्भाशय गुहा का आकलन करने के लिए प्रमुखता से होता है। 


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