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फोलिक एसिड के सेवन से हृदय रोगों से सुरक्षा

रोजाना फोलिक एसिड की गोली और प्रचूर मात्रा में विटामिनयुक्त आहार के सेवन से हृदय रोग, स्ट्रोक और रक्त के थक्के के खतरे से बचा जा सकता है। विशेषकर इन रोगों के प्रति संवेदनशील रोगियों को फोलिक एसिड के सेवन से काफी सुरक्षा हो सकती हैै। फोलिक एसिड फोलेट का एक कृत्रिम यौगिक है। यह विटामिन हरी पत्तीदार सब्जियों में पाया जाता है। गर्भावस्था में इसके सेवन से बच्चे में जन्मजात विकृति से ग्रस्त बच्चे के पैदा होने का खतरा कम हो जाता है।
ब्रिटिश शोधकर्ताओं का कहना है कि फोलिक एसिड दौरा और हृदय रोग के खतरे को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विकसित देशों में हृदय रोग सबसे बड़ा हत्यारा माना जाता है और इसका कारण रक्त में होमोसिस्टिन नामक पदार्थ के खतरनाक स्तर तक बढ़ जाना है। होमोसिस्टिन हृदय की मांसपेशियों को क्षतिग्रस्त कर हृदय की धमनियों, मस्तिष्क, पैरों और फेफड़ों में रक्त के थक्का बनने की प्रक्रिया को बढ़ाता है।  
दक्षिणी इंग्लैंड में साउथ ऐंप्टन जेनेरल हाॅस्पीटल के हृदय रोग विशेषज्ञ डा. डेविड वार्ड का कहना है कि होमोसिस्टिन दिल का दौरा औैर स्ट्रोक का एक कारण है लेकिन फोलिक एसिड के अधिक मात्रा में सेवन से इन बीमारियों के खतरों को कम किया जा सकता है। फोलिक एसिड शरीर में होमोसिस्टिन को तोड़कर हृदय रोग, स्ट्रोक और रक्त के थक्का बनने से सुरक्षा प्रदान करता है। वार्ड और उनके सहयोगियों का कहना है कि रोजाना 0.8 मिलीग्राम अतिरिक्त फोलिक एसिड के सेवन से हृदय रोग का खतरा 16 फीसदी, रक्त के थक्का बनने का खतरा 25 फीसदी और स्ट्रोक का खतरा 24 फीसदी कम हो जाता है। हृदय रोग या स्ट्रोक की आशंका 55 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों को अधिक होती है और इसलिए उनके लिए भी फोलिक एसिड का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। 
अमरीका में जन्मजात विकृति को कम करने के उद्देश्य से कुछ साल पहले फोलिक एसिड युक्त आटा बनाने की शुरूआत की गयी जबकि ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया जैसे देश फोलिक एसिड युक्त आहार बनाने पर विचार कर रहे हैं। 


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