Header Ads Widget

We’re here to help you live your healthiest, happiest life.

सर्दियों में कैसे रखें डायबिटिज पर नियंत्रण 

जाड़े के दिनों में मधुमेह के मरीजों का रक्त चाप बढ़ जाता है। इससे दिल का दौरा पड़ने की भी आशंका बढ़ती है। कई बार सुबह घुमने के समय एंजाइना हो जाता है इसलिये मरीजों को इस मौसम में ठंड से बचने के प्रति विशेष सावधानी बरतनी चाहिये। 
जाड़े के दिनों में मधुमेह के मरीज मीठा खाना चाहते हैं। कई बार दोस्तों एवं परिवार के दबाव के चलते मीठी चीजें खा लेते हैं, जिससे रक्त शुगर बढ़ जाता है। कई लोग जाड़े के दिनों में मूंगफलियां, बादाम और गुड़ की चीजें खाते हैं। लेकिन उन्हें इससे परहेज करना चाहिये। इसके बदले वे भुने हुये चने खा सकते हैं। 
सर्दी के मौसम में शादियों और पार्टियों का जोर अधिक होता है जिससे अक्सर बाहर की चीजें खानी पड़ती है। एसे में मरीजों को वही खाद्य एवं पेय लेना चाहिये जो उनके लिये उपयुक्त हो। पार्टियों में शराब पीने से परहेज करना चाहिये, क्योंकि शराब पीकर बाहर निकलने पर ठंड के कारण रक्त धमनियां सिकुड़ जाती है जिससे एंजाइना बढ़ने का खतरा रहता है। कई लोग शराब पीने के समय खाना नहीं खाते हैं, लेकिन ऐसा करने से हाइपोग्लाइसीमिया जैसी खतरनाक स्थिति उत्पन्न हो सकती है। 
मधुमेह में दिल का दौरा पड़ने पर छाती में दर्द जैसे लक्षण नहीं होते हैं। उन्हें सांस लेने में दिक्कत जैसे लक्षण होते हैं जिससे वे समझ लेते हैं कि पेट में गैस बन रही है। ऐसे मरीज को पेट में गैस बनने जैसी तकलीफ होने पर उसकी अनदेखी नहीं करनी चाहिये, बल्कि तत्काल चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिये। 
मधुमेह के मरीजों को सर्दियों में हाथों में गर्म दस्ताने और पैरों मंे मौजे पहनना चाहिये। कई मरीज पैरों एवं हाथों को गर्म करने के लिये हीटर या गर्म पानी की बोतलों का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मधुमेह के मरीजों को पैरों एवं हाथों में संवेदना समाप्त हो जाने के कारण जब उन्हें गर्मी महसूस नहीं होती है तो वे पैरों या हाथों को हीटर के और पास ले जाते हैं जिससे पैर या हाथ जल जाने का खतरा होता है। मधुमेह के मरीजों को संवेदना नहीं होने के कारण हाथ या पैर के जलने का पता भी नहीं चलता है और इस कारण समय पर उसका इलाज भी नहीं होता है जिससे पैर एवं हाथ के बेकार होने का खतरा रहता है। 
सर्दियों में अंगुलियां ठंड के कारण सूज जाती हैं, इसे चिल बर्न कहते हैं। कई बार सर्दियों में गर्म पानी में हाथ डूबोकर रखने से खारिज हो जाती है। इसलिये अंगुलियों को गुनगुने पानी में डालें। इसके अलावा एलोबेरा जैसी क्रीम अंगुलियांे पर लगायी जा सकती है। 
खाने के तुरंत बाद बाहर घुमने निकलने पर एंजाइना होने की आशंका बढ़ सकती है। जाड़ों में घुमना-फिरना कम होने तथा व्यायाम आदि कम होने के कारण शुगर बढ़ जाता है। इसलिये ठंड के कारण घुमना-फिरना संभव नहीं होने पर घर में ही व्यायाम करना चाहिये। महिलायें चार बजे शाम को घूमने जा सकती हैं। 


Post a Comment

0 Comments