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टाइप टू डायबिटीज के लक्षणों को पहचानें

टाइप टू मधुमेह की शुरुआत में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। लेकिन अक्सर लोगों को इन लक्षणों की जानकारी नहीं होती जिसके कारण वे इन्हें नजरअंदाज कर देते हैं। असल में यह गंभीर समस्या के संकेत होते हैं। 
टाइप टू मधुमेह की शुरुआत में दिखने वाले लक्षण
यूरीन की समस्या 
अगर आपको हर थोड़ी-थोड़ी देर में बाथरुम जाने की जरूरत महसूस हो तो यह सामान्य नहीं है। खासकर रात में जब आपको नींद के बीच में बार-बार बाथरुम जाने की जरूरत पड़े। ऐसा तब होता है जब आप मधुमेह की चपेट में हों। ब्लड में शुगर की मात्रा बढ़ने से इसकी ओस्मोलालिटी बढ़ जाती है,  जिससे रक्तप्रवाह में तरल पदार्थ की मात्रा बढ़ जाती है। इससे किडनी पर  ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे ज्यादा यूरीन बनता है। 
ज्यादा प्यास लगना 
अगर आपको बार-बार प्यास लगती है तो यह सामान्य नहीं  है। शरीर से ज्यादा मात्रा में पानी निकलने के कारण ज्यादा पानी की जरूरत होती है और बार-बार प्यास का एहसास होता है। ज्यादा प्यास लगने और ज्यादा पेशाब लगने को एक साथ मिलाकर मधुमेह की पहचान अच्छे से की जा सकती है।
धुंधला दिखाई देना 
मधुमेह के रोगी को देखने में भी परेशानी होती है। शरीर में ग्लूकोज की अधिक मात्रा रक्त और उतकों के साथ आंख के उतकों से भी तरल पदार्थ खींच लेता है। इससे आंख के देखने की क्षमता प्रभावित होती है।  अगर मधुमेह का इलाज न करवाया जाए तो आंख की रोशनी पूरी तरह से भी जा सकती है।
तेजी से वजन घटना 
टाइप-2 मधुमेह का यह सबसे सामान्य लक्षण वजन में तेजी से कमी आना है। जैसै-जैसे शरीर में मधुमेह का स्तर बढ़ने लगता है शरीर ऊर्जा के लिए उतकों को तोड़ता है, जिससे कोशिकाओं को पर्याप्त ग्लूकोज नहीं मिलता है। परिणामस्वरुप दो या तीन महीने में दो या तीन किलो वजन कम होने लगता है। 
थकान महसूस करना  
जब टाइप टू डायबिटीज की समस्या बढ़ जाती है तो रोगी को थकान और सुस्ती महसूस होने लगती है क्योंकि शरीर शुगर का उपयोग ऊर्जा के लिए नहीं कर पाता है। ऐसे में कोशिकाएं इंसुलिन के बिना  रक्तप्रवाह में मौजूद ग्लूकोज को अवशोषित नहीं  कर पाती हैं, जिससे ऊर्जा का स्तर कम हो जाता  है।
झनझनाहट होना 
अगर आपके हाथ और पैरों में झनझनाहट या अकड़न रहती है तो यह मधुमेह का लक्षण भी हो सकता है। दरअसल खून में शुगर की  ज्यादा मात्रा होने से नर्वस सिस्टम पर असर होता है। अगर यह समस्या   कुछ दिनों में ठीक ना हो तो डॉक्टर को दिखा कर मधुमेह जांच अवश्य करवाएं। 
चोट ठीक ना होना
अगर शरीर के किसी हिस्से में चोट लगी है और उसे ठीक होने में सामान्य से अधिक समय  लगता है तो इस हल्के में ना लें। रक्त में शुगर की ज्यादा मात्रा से इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता है जिससे ऊतकों में पानी संतुलन बिगड़ जाता है जिससे जख्म  देरी  से भरते हैं।
त्वचा की समस्या
त्वचा में कालापन, खुजली और रुखेपन की समस्या होना मधुमेह का लक्षण हो सकता है। पेरीफेरल    न्यूरोपेथी के कारण पसीने वाली ग्रंथि ठीक से काम नहीं करती है जिससे त्वचा संबंधी समस्याएं शुरु हो जाती हैं।
ज्यादा भूख लगना 
अगर आप खाने की ठीक खुराक ले रहे हैं और कुछ खास शारीरिक मेहनत भी नहीं कर रहें हैं फिर भी आपको बार-बार भूख का एहसास हो रहा है तो यह एक संकेत है कि आप अपना मधुमेह परीक्षण करा  लें। 
मसूड़ों की समस्या 
मधुमेह में शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम हो  जाती है जिससे बैकेटेरिया का हमला बढ़ जाता है।  ज्यादातर बैक्टेरिया मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करते हैं। इससे मसूड़े की समस्या सहित कई तरह की समस्याएं पैदा हो जाती है।


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