जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में 69 देशों की 240 फिल्में होंगी प्रदर्शित

जयपुर। गुलाबी शहर की गुलाबी सर्दियों में होने जा रहा है जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल। दुनिया भर में अपनी ख़ास पहचान और जगह बना चुके जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल [जिफ] का यह 12वां संस्करण होने जा रहा है। सिने प्रेमियों के लिए यह जानना किसी खुशखबरी से कम नहीं है कि जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ट्रस्ट और आर्यन रोज़ फाउण्डेशन की ओर से आयोजित जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल [ जिफ] का आगाज़ आगामी वर्ष 17 से 21 जनवरी को आयनॉक्स सिनेमा हॉल, जी.टी. सेन्ट्रल में होने जा रहा है।


जिफ में प्रदर्शित होने वाली फिल्मों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह जिफ की एक बड़ी उपलब्धि है कि यहां दुनिया भर में सबसे अधिक संख्या में फिल्मों का चयन होता है। या यूं कहें, यहां होता है विश्व की फिल्मों का हाइएस्ट सलेक्शन। जिफ पिछले साल से ही विश्व का सबसे बड़ा कॉम्पिटिटीव फिल्म फेस्टिवल है।


आयनॉक्स सिनेमा हॉल [जी.टी. सेन्ट्रल] के स्क्रीन – 1, 3, 6 और 7 में फिल्में प्रदर्शित होंगी। 18 से 21 जनवरी तक सुबह 9:30 से फिल्मों की स्क्रीनिंग शुरू होगी, जो रात 9:30 बजे तक जारी रहेगी। 17 जनवरी 2020 को ओपनिंग सेरेमनी महाराणा प्रताप ऑडिटोरियम में होगी। इसके बाद 18 जनवरी को 79 फिल्में, 19 जनवरी को 45 फिल्में, 20 जनवरी को 63 फिल्में और 21 जनवरी को 42 फिल्में दिखाई जाएंगी। 21 जनवरी को क्लोजिंग सेरेमनी से फेस्टिवल का समापन होगा।


जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में इस वर्ष 98 देशों से 2411 फिल्में आईं, जिनमें 69 देशों की 229 फिल्मों की स्क्रीनिंग होगी। प्रदर्शित होने वाली फिल्मों में अभी 11 फिल्में और जुड़ेंगी। वहीं डेस्कटॉप श्रेणी में 186 फिल्में प्रदर्शित होंगी। 


नन्हे दर्शकों के लिए ख़ास


बड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि शहर के नन्हे दर्शकों के लिए भी जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल [जिफ] में कई फिल्में दिखाई जाएंगी। ख़ास बच्चों के लिए बनाई गई फिल्में सुबोध पब्लिक स्कूल, जयपुरिया विद्यालय, संस्कार स्कूल और स्प्रिंगडेल स्कूल में दिखाई जाएंगी। सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तक फिल्मों का प्रदर्शन होगा।


राजस्थान की फिल्मों का प्रदर्शन होगा ख़ास


ज़ाहिर तौर पर राजस्थान के लोगों के लिए यह बहुत खुशी और गर्व की बात है कि जनवरी माह में होने वाले जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में राज्य की 11 फिल्में प्रदर्शित होंगी। राजेश सेठ के निर्देशन में बनी शॉर्ट फिक्शन फिल्म वेटिंग टिल टुडे दिखाई जाएगी। राहुल सूद निर्देशित शॉर्ट फिक्शन फिल्में – मज़ार – ए – लैला मजनू फेस्टिवल में दिखाई जाएगी। डॉ. हेमा उडावत के निर्देशन में बना चार मिनट लम्बा सॉन्ग [गीत] करीब  दिखाया जाएगा। राजस्थान से राजेश सोनी निर्देशित शॉर्ट फिक्शन फिल्म सबक और पूर्णिमा कौल की डॉक्यूमेंट्री फिल्म हौसले की उड़ान दिखाई जाएगी। वहीं, राजस्थान की राजधानी जयपुर पर बनी चन्दन सिंह की फिल्म अलबेलो जयपुर का भी जिफ में प्रदर्शन होगा। राघव रावत और मोहित शर्मा की फिल्म पंछी का प्रदर्शन भी ख़ास रहेगा, जो गरीब और मजदूर परिवार के संघर्षों की कहानी है। फीचर फिल्म देसी बैंड और एक स्टोरी टैलिंग सॉन्गरात का प्रदर्शन होगा। विनोद सैम के निर्देशन में बनी एड फिल्म डू नॉट ड्रिंक एंड ड्राइव का प्रदर्शन ख़ास रहेगा।


होगा राजस्थानी फिल्म चीड़ी बल्ला का प्रदर्शन


राधेश्याम पिपलवा निर्देशित चीड़ी बल्ला [स्मैश] स्कूल में पढ़ रहे भगत के बारे में है, जिसे किसी तरह अपने स्कूल को बचाना है। चीड़ी – बल्ला खेलने वाले भगत के सामने चुनौती है कि वह राज्य स्तर के बैडमिंटन टूर्नामेंट में अपने स्कूल को जिता सके। राजस्थानी भाषा में बनी एक घण्टे 51 मिनट की यह फीचर फिल्म राजस्थान की कला, खेल और संस्कृति की ख़ासियत बताती हुई आगे बढ़ती है।


भारत की फीचर फिक्शन फिल्म मेजर निराला की स्क्रीनिंग ख़ास रहेगी। मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशांक के उपन्यास पर आधारित इस फिल्म का निर्देशन गणेश वीरन ने किया है, जो 19 जनवरी को दिखाई जाएगी।


होगा फिल्मों का विश्व प्रीमियर


कई फिल्मों का वल्ड प्रीमियर भी जिफ में ख़ास रहेगा। अभय डालाकोटी की 29 मिनट लम्बी भारतीय फिल्म चैम्पियन और मैरिना लिबिक की नो मैन्स ट्रूथ का प्रदर्शन ख़ास रहेगा। ब्राजील की फिल्म हैनरी कार्टियर – ब्रेसन, फॉर दा लव ऑफ इंडिया फिल्म का प्रीमियर ख़ास होगा। स्टेवार्ट मार्शल और जोश मैसन की आयरन सिटी1978 की स्क्रिनिंग होगी, वहीं मणि शंकर अय्यर की फिल्म सत्तम का प्रदर्शन होगा।


ऑस्कर की दौड़ में रही फिल्मों की स्क्रीनिंग


जब फिल्म पुरस्कारों की बात हो, तो ऑस्कर की प्रतिष्ठा से हम सब बखूबी परिचित हैं। यह जिफ की बड़ी उपलब्धि है कि ऑस्कर की दौड़ में रही फिल्में – डॉटर, जोसेफअमेरिकन मिरर – इंटीमेशंस ऑफ इमॉरेलिटी और ईरान की फाइंडिंग फैरिदे भी जिफ में दिखाई जाएंगी।


ऑस्कर की टॉप फिल्मों में अपनी जगह बना चुकी डारिया शचीवा निर्देशित फिल्म डॉटर जिफ में दिखाई जाएगी। यह 15 मिनट की एनिमेशन शॉर्ट फिल्म है।


ईरान की फिल्म फाइंडिंग फैरिदे एक लड़की फैरिदे की कहानी है, जो अपने जन्म से जुड़े रहस्यों को खोजने में जुटी है। वहीं यू.एस. में बनी अमेरिकन मिरर – इंटीमेशंस ऑफ इमॉरेलिटी आज के इस सच को दिखाती है कि हम किस तरह सोशल मीडिया पर झूठी और दिखावटी जिंदगी जी रहे हैं। एक घंटे की यह फिल्म ऑस्कर सहित कई प्रतिष्ठित पुरस्कार हासिल कर चुकी है। वहीं सुशान्त मिश्रा की हिन्दी फिल्म जोसेफ – बॉर्न इन ग्रेस एक छोटी कहानी जोसेफ पर आधारित है।


फिल्मकार होंगे दर्शकों से रूबरू


जयपुर इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में देश – विदेश के फिल्मकार, अभिनेता – अभिनेत्री फिल्म स्क्रीनिंग के बाद दर्शकों से रूबरू होंगे, और उनके सवालों के जवाब भी देंगे। वहीं, दूसरी ओर क्लाक्स आमेर होटल में जयपुर फिल्म मार्केट आयोजित होगा, जहां फिल्मकार आपसी संवाद और चर्चाएं करेंगे।


मिस दिवा 2020; ; दिल्ली ऑडिशन में बड़े पैमाने पर प्रतिक्रिया मिली

नई दिल्ली। सैकड़ों युवतियों के लिए प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता लिवा मिस दिवा 2020 का इंतजार बेसब्र करने वाला होता है। प्रतियोगिता आठवें संस्करण के साथ लौट रही है। देश की युवतियों को प्रतियोगिता में भाग लेते हुए देखा जाएगा। बहुप्रतीक्षित शहर-वार दिल्ली में आयोजित किए गए,जो दिल्ली के ऑडिशन के लिए होस्ट और हॉस्पिटैलिटी एंड वेन्यू पार्टनर के रूप में शामिल हुआ है। दिल्ली में आकांक्षी दीवाज़ से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली, इसमें 70 शॉर्टलिस्ट की गई प्रविष्टियां मिली।


मिस यूनिवर्स 2020 में मौका


दिल्ली ऑडिशन में मिस्टर सुप्रानेशनल एशिया 2019 वरुण वर्मा और डाइनामिक फैशन डिजाइनर रीना ढाका जज रहे। वैश्विक सौंदर्य प्लेटफार्म पर भारतीय सौंदर्य और प्रतिभा को सामने लाने की इस अविश्वसनीय यात्रा के माध्यम से लिवा मिस दिवा 2020 अपनी परंपरा को जारी रखेगा और एक लड़की की तलाश करेगा जो सुंदर, आत्मविश्वास, डायनामिक और वीवाशियस की परिभाषा को बदल देगी। वह नई पीढ़ी की उन महिलाओं को पूरे दिल से समर्थन देगी, जिनमें नेतृत्व की क्षमता है। दिल्ली और शेष 9 शहरों से चुनी इन फाइनलिस्ट का जयपुर, बैंगलोर, दिल्ली और मुंबई में 4 सिटी प्रीलिमिनरी मीडिया टूर होगा और उन्हें ट्रेनिंग दी जाएगी और ग्रूमिंग सेशंस भी होंगे। लिवा मिस दिवा 2020 की विजेता भारत को प्रतिष्ठित वैश्विक मंच मिस यूनिवर्स 2020 में और लिवा मिस दिवा सु्प्रानेशनल 2020 में देश का प्रतिनिधित्व करेगी। मेंटर लारा दत्ता ने कहा हर साल की तरह मैं इस साल भी उन चेहरों की तलाश करने के लिए बेताब हूँ, जो अपना सपना पूरा करने जा रही हैं। मैं उम्मीद करती हूँ कि उन्हें सफलता मिले।


जब देव आनंद ने 30 रूपए में बेच दिया डाक टिकटों का बेशकीमती अलबम

देव आनंद फिल्मों में कैरियर बनाने के लिए मुंबई पहुंचे थे जहां वह शुरू में कुछ समय फिल्म पत्रकार ख्वाजा अहमद अब्बास के घर में रहते थे। लेकिन बाद में उन्होंने वहां से कहीं और रहने का फैसला किया और अब्बास साहब के घर से निकल गए। जब वह अब्बास साहब के घर से निकले थे तो उनके पास कोई पैसे नहीं थे, लेकिन देव आनंद के पास हिम्मत और उत्साह की कमी नहीं थी। उन्हें हर हाल में अपने बहुरंगी सपनों को संवारना था। वह सामने आती एक बस में बैठ गये और “विक्टोरिया टर्मिनस” पहुंच गये। बस से उतरकर हॉर्नबाई रोड की तरफ पैदल चलने लगे। उन्हें जोर की भूख लगी थी। उन्होंने अपनी जेब में हाथ डाला कि शायद जेब में एक-दो रुपया पड़ा हो। लेकिन सभी जेबें खाली थीं। जेब में केवल एक रुमाल पड़ा था और कुछ नहीं। पैदल चलते हुये ही देव आनंद शिवाजी पार्क पहुंच गये। उस समय तक भूख और बढ़ गयी। सड़क के दोनों ओर मिठाइयों, फलों और जूस की दुकानें थी जो उनकी भूख और प्यास को और बढ़ा रही थी। सामने पुराने टिकटों को बेचने वाला दिख गया। अचानक उन्हें अपनी जरूरत को पूरी करने का रास्ता सूझ गया। उन्हें उस आदमी के पास टिकटों का अपना अनमोल अलबम बेच दिया जिसे वह वर्षों से संभाल कर रख रहे थे। इस अलबम को बेचने पर उन्हें 30 रूपये मिले जिससे कुछ और दिनों तक बंबई में गुजारा कर सकते थे। उन्हें अपनी प्यास मिटाने के लिये लेमनेड की एक बोतल खरीदी। उन्हें इतनी तेज की प्यास लगी थी कि एक घूंट में लेमनेड की आधी बोलत गटक गये। इसके बाद आधा दर्जन केले खाकर भूख मिटायी।
अपनी प्यास और भूख मिटाकर जब आगे बढ़ रहे थे तो उन्हें किसी ने आवाज दी। उन्होंने घूम कर देखा - उन्हें आवाज देने वाला कोई और नहीं उनके बचपन का दोस्त तारा था। तारा ने उन्हें बताया कि वह अपने भाई के साथ परेल में एक चाल में रहता था। तारा ने देव आनंद को अपने साथ रहने की पेशकश की। कृष्णा निवास नाम की यह  यह चाल परेल में केईएम हॉस्पिटल के सामने थी। पांच फ्लोर वाली इस चाल में एक-एक कमरे वाले मकान थे और हर मकान में अलग-परिवार रहते थे। हर फ्लोर पर रहने वाले सभी परिवारों के लिये एक बाथरुम था। देव आनंद उस चाल में तारा और उसके भाई के साथ कुछ महीने बिताए। तारा और उनके भाई ने हमेशा देव आनंद को प्रोत्साहित किया और मदद भी की। तारा और देव आनंद सुबह चाल से निकल जाते थे और काम की तलाश में दिन भर भटकते रहते थे। हर शाम जब दोनों दिन भर थककर लौटते तो चाल  की गली के कोने पर स्थित उदीपी रेस्टोरेंट गरमा-गरम इडली और मसाला डोसा खाते थे जो वहां काफी मशहूर था। जल्द ही टिकटों के एलबम बेच कर कमाये गये 30 रुपये खत्म हो गये। 
सदाबहार आनंद — देवानंद नामक पुस्तक से।


पॉस्को एक्ट के तहत होने वाली घटनाओं के दोषियों को दया याचिका के अधिकार से वंचित किया जाए: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद


- राष्ट्रपति बोले- हम सभी एक परमात्मा की संतान हैं ये सभी समझ जाएं तो सारी समस्याएं खत्म हो जाएंगी
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शांतिवन आबूरोड में किया दो दिवसीय राष्ट्रीय महिला सम्मेलन का उद्घाटन
- ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय पहुंचे राष्ट्रपति ने सपत्नीक दादी जानकी से की मुलाकात
-ब्रह्माकुमारियों को दी रत्न की उपाधि, बोले- इस संस्था ने देश का गौरव बढ़ाया है



6 दिसंबर, आबू रोड (राजस्थान) राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को ब्रह्माकुमारीज संस्थान में महिला सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि बेटियों पर होने वाले आसुरी प्रहारों की वारदातें देश की अंतर आत्मा को अंदर तक झकझोर कर रख देती हैं। लड़कों में महिलाओं के प्रति सम्मान की भावना को मजबूत बनाने की जिम्मेदारी हर माता-पिता की है, हर नागरिक की है, मेरी है, आपकी भी है। इसी संदर्भ में कई बातें आ रही हैं। इस प्रकार के जो दोषी होते हैं उनको संविधान में दया याचिका का अधिकार दिया गया है। मैंने कहा कि इस पर आप पुन: विचार करिए। दया याचिका के अधिकार को ऐसे केस में जो पॉस्को एक्ट में घटनाएं होती हैं उनको ऐसे दया याचिका के अधिकार से वंचित कर दिया जाए। उन्हें ऐसे किसी भी प्रकार के अधिकार की जरूरत नहीं है। अब ये सब हमारी संसद पर निर्भर करता है कि उसमें एक संविधान है, संविधान संशोधन हो। लेकिन उस दिशा में हम सबकी सोच आगे बढ़ रही है।
ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय आबू रोड स्थित शांतिवन परिसर में महिला सशक्तीकरण द्वारा सामाजिक परिवर्तन विषय पर राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र, संस्थान की मुख्य प्रशासिका दादी जानकी और ऊर्जा संरक्षण मंत्री बीडी कल्ला ने दीप प्रज्जवलित कर किया। राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि महिला सुरक्षा बहुत ही गंभीर विषय है जिसका सम्मेलन में उल्लेख भी किया गया है। इस विषय पर बहुत काम हुआ है लेकिन अभी बहुत काम करना बाकी है।


विश्व पटल पर प्रभावी भूमिका निभा रहा है संस्थान
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि लगभग विश्व के 140 देशों में आठ हजार से अधिक सेवाकेंद्र के माध्यम से ब्रह्माकुमारीज संस्थान विश्व पटल पर अपनी प्रभावी भूमिका निभा रहा है। पूरे विश्व में ये सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था है। संस्थान ने पूरे विश्व में भारत का गौरव बढ़ाया है। महिलाओं के सशक्तीकरण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, ऊर्जा संरक्षण, स्वच्छता के क्षेत्र में संस्थान सामाजिक परिवर्तन लाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। राष्ट्रपति ने ब्रह्माकुमारीज के शांतिवन में सहभोज की व्यवस्था की सराहना करते हुए कहा कि यहां सभी वर्गों, जाति-धर्म को लोगों को लिए एकसमान सहभोज की व्यवस्था सराहनीय है।


बेटियों का हो रहा सशक्तीकरण, बांसवाड़ा बेहतर उदाहरण
राष्ट्रपति ने कहा कि देश में चाइल्ड सेक्स रेशियों में सुधार हो रहा है। महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है। आज देश में दस लाख से अधिक महिलाएं पंचायती राज में जिम्मेदारी संभाल रही हैैं। देश में पहली बार 78 महिला सांसद निर्वाचित होकर संसद पहुंची हैं। जनधन योजना के तहत खोले गए खातों में 52 फीसदी खाते महिलाओं के हैं। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में प्रति हजार बेटों पर 1005  बेटियां पैदा होना ये सब बातें नारी सशक्तीकरण को बढ़ावा देती हैं।


महिलाओं के विकास से ही समाज का विकास संभव
राष्ट्रपति कोविंद ने जोर दिया कि महिलाओं को आगे बढ़ाने और उनके विकास में ही राष्ट्र का विकास संभव है। शिक्षा सशक्तीकरण का आधार होता है। आज बालिकाओं की शिक्षा को सुविधाजनक बनाया जा रहा है। स्कूलों में शौचालय से लेकर अन्य व्यवस्थाएं होने से छात्राओं को सुविधा मिली है। एक बालिका शिक्षित होती है तो दो परिवारों को लाभ मिलता है। शिक्षित महिला के बच्चे कभी अशिक्षित नहीं होंगे। बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने सदा महिलाओं के विकास के लिए कार्य किया है। आज उनका परिनिर्माण दिवस भी है, उन्हें सुबह संसद में श्रद्धांजलि देकर सीधे यहां आया हूं।


हम सभी एक ईश्वर की संतान हैं: राष्ट्रपति
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जब हमें शांति नहीं मिलती है तो भटकते हैं और लगता है कि उपासना पद्धति में शांति मिलेगी। यदि हम हिंदू परंपरा को मानने वाले हैं तो मंदिर जाएंगे, सिख परंपरा को मानने वाले हैं तो गुरुद्वारा जाएंगे, मुस्लिम परंपरा को मानने वाले हैं तो हम मस्जिद जाएंगे और ईसाई परंपरा को मानने वाले हैं तो चर्च में जाएंगे। लेकिन इन सब चीजों के बाद भी हमें शांति नहीं मिलती है, लेकिन ब्रह्माकुमारीज ने आध्यात्म का जो मार्ग खोजा है, उसमें ये उपासना, पूजा पद्धति पहला चरण है। यदि आप इसमें सफल हुए हैं तो इसकी निशानी है नैतिक और मोरल वैल्यूज की धारणा होगी। यदि नैतिकता का अभाव रहता है तो समझ लेना चाहिए कि हमारी पूजा पद्धति में हम कहीं सफल नहीं हैं। अंत में आता है आध्यात्म। आध्यात्म के मार्ग पर चलने की सच्ची कसौटी  दादी जानकी ने बताई कि हम सब एक ईश्वर की संतान हैं। जिस दिन ये भाव हम सबमें आ जाएगा, उस दिन समझना चाहिए कि हमने आध्यात्म के रास्ते पर चलना प्रारंभ कर दिया है।


ब्रह्माकुमारियों को राष्ट्रपति ने दी महिला रत्न की उपाधि
राष्ट्रपति ने कहा कि राजयोगिनी महिलाओं का ये समूह विश्व के लिए एक मिसाल है। लगभग 80 वर्ष पूर्व इस ईश्वरीय संस्था को आरंभ करने वाले दादा लेखराज जो ब्रह्मा बाबा के नाम से प्रसिद्ध हैं। कहा जाता है कि वो हीरे-जवाहरात के व्यापारी थे। एक जौहरी हीरों का सच्चे मायनों में पारखी होता है। बाबा ने अनगढ़ पत्थरों को तराशकर चमकदार हीरों का रूप दिया है। ब्रह्मा बाबा ने आजीवन हीरों को तराशने का काम किया है। आज यहां ब्रह्माकुमारियों के रूप में बाबा की सोच से तराशे हुए हजारों महिला रत्न उपस्थित हैं। मैं आपको महिला रत्न की उपाधि देता हूं। जानकीजी के उद्बोधन को लेकर कहा कि जीवन में सच्चाई, सफाई और साधारणता होना जरूरी है। वास्तव में दादी के उद्बोधन से हम सभी को यह सीख लेना चाहिए। मैं यहां दादी से मिलने, उनके आशीर्वचन सुनने और उनसे आशीर्वाद लेने आया हूं। दादी का पूरा जीवन ईश्वरीय सेवा के लिए समर्पित है।


भारत का हर नागरिक प्रथम नागरिक
प्रथम नागरिक से अभिप्राय बताते हुए राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि यदि एक गोलाकार वृत्त बनाया जाए और उसके बीच में मुझे खड़ा किया जाए तो भी 130 करोड़ लोगों में जिस पर आप अंगुली रखेंगे तो वह भी प्रथम नागरिक होगा। आज पूरा विश्व शांति की खोज में है। वास्तव में शांति हमारे अंदर ही है। आज लोगों के पास अच्छे रिश्ते, परिवार, पैसा, नौकरी होने के बाद भी सुखी नहीं हैं क्योंकि शांति बाहर खोज रहे हैं। जब भी समय मिलता है तो टीवी पर ब्रह्माकुमारी शिवानी बहन का अवेकनिंग विथ ब्रह्माकुमारीज कार्यक्रम देखता हूं। मैंने देखा है कि इंसान के सामान्य व्यवहार के दौरान जो मनोभाव पैदा होता है उसका विश्लेषण करने की योग्यता इस बेटी में है।


हम सबका पिता परमात्मा एक है: दादी जानकी
ब्रह्माकुमारीज की मुखिया 103 वर्षीय दादी जानकी ने कहा कि मैं कौन (आत्मा) और मेरा कौन (परमात्मा) ये दो बातें मैं सदा याद रखती हूं। हम सब एक पिता की संतान हैं। ईश्वर एक है, हम सबका पिता एक है। मैंने अपने जीवन में हर कार्य सच्चाई, सफाई के साथ किया। दिल में सच्चाई-सफाई और कारोबार में सादगी है तो हम कार्य में सफलता मिलना ही है। विश्व में आज शांति, खुशी और शक्ति की जरूरत है। हिम्मत हमारी, मदद भगवान की। मैं सबसे पहले 1974 में लंदन गई तो वहां पूछा कि आपके पति हैं तो मैंने कहा कि मेरा दिलबर परमात्मा है। उन्होंने आह्नान कि जो भी यहां बैठे हैं सभी में विश्व कल्याण की भावना रहे तो कभी लड़ाई-झगड़ा नहीं होगा। ब्रह्माकुमारी संस्थान के महासचिव बीके निर्वैर ने स्वागत भाषण देते हुए देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता जाहिर की।  


नई दिल्ली के जीटीबी नगर में निशुल्क स्वास्थ्य जांच और कैंसर जागरूकता अभियान आयोजित किया गया

दिल्ली के गुरुदद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, आउट्राम लाइन्स, जीटीबी नगर में मुफ्त स्वास्थ्य जांच और कैंसर जांच शिविर का आयोजन किया गया। लगभग 400 लोगों ने नि:शुल्क बीपी, शुगर, थायरॉयड, यूरिक एसिड, पीएफटी, न्यूरोपैथी, दंत जांच, स्तन जांच और परामर्श का लाभ उठाया
इस शिविर में डॉ. कौशल यादव (कैंसर विशेषज्ञ), डॉ. जसकरन सिंह सेठी (कैंसर विशेषज्ञ), डॉ. सतीश मखीजा (चिकित्सक) और डॉ. प्रिया मेहता (डेंटल सर्जन) ने भी जन जागरूकता व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि छोटी-छोटी जीवनशैली में बदलाव आज की अर्थव्यवस्था में कुछ भयानक बीमारियों से लड़ने में हमारी मदद कर सकते हैं। इस अभियान में मुख्य अतिथि कंचन पासी (श्रीमती डेल्ही) और रीना चार्ल्स (चेयरपर्सन - एक एहसास फाउंडेशन) थीं। गुरुद्वारा प्रबंधन समिति के सभी सदस्यों ने इस अभियान को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अभियान का संपूर्ण विपणन सरबजीत सिंह आहुजा द्वारा किया गया था।
गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के महासचिव सरदार महेंद्र सिंह ने कहा कि इस तरह के जागरूकता अभियान समय की जरूरत है और इसे समदाय के बीच समय-समय पर आयोजित किया जाना चाहिए। उन्होंने सभी डॉक्टरों, आरडब्ल्यूए, परीक्षण स्टाफ, प्रायोजकों, स्वयंसेवकों और अन्य संगठनों को धन्यवाद दिया जो इस जागरूकता अभियान में शामिल हुए। 


महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक किया गया और  एक वर्ष का निशुल्क सैनिटरी नेपकिन भी प्रदान किया ' 


देश में बढ़ती सर्वाइकल कैंसर की समस्या को ध्यान में रखते हुए सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन ने नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड के सहयोग से समाज की गरीब, शोषित, वंचित, दलित महिलाओं के कल्याणार्थ सर्वाइकल कैंसर के जांच शिविर खोड़ा कॉलोनी, सर्फाबाद गांव व मामुरा गांव में आयोजित किए गए थे, इन कैंपो के माध्यम से २००० से अधिक महिलाओं की जांच की गई ।  

सेक्टर ७० नोएडा के राधा रानी फार्म हाउस में आयोजित समापन  कार्यक्रम के माध्यम से महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूक किया गया और उनकी जांच रिपोर्ट व एक वर्ष का निशुल्क सैनिटरी नेपकिन भी प्रदान किया गया । इसी कड़ी में आज सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन की टीम ने सरफाबाद, मामूरा व खोड़ा कॉलोनी में बाकी प्रतिभागियों को उनकी जांच रिपोर्ट व सैनिटरी नैपकिन वितरित किए। इस अवसर पर डॉक्टर जी पी दास, डॉक्टर शाहिद ने महिलाओं को कैंसर संबंधी जानकारी व उसके रोकथाम के उपायों को विस्तार से समझाया।

इस अवसर पर सहभागिता की सचिव श्रीमती तृप्ति सक्सेना व श्री जितेन्द्र भारद्वाज ने महिलाओं को जागरूकता का संदेश प्रदान किया। इस अवसर पर श्री योगेन्द्र यादव व अनेक गणमान्य समाजसेवी मौजूद रहे। महिलाओं ने स्वास्थ के दृष्टिकोण से सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों को सराहा और ऐसे स्वास्थ संबंधी जांच शिविरों के आयोजन के लिए अनुरोध किया।  सनद रहे कि सहभागिता इंटरनेशनल फाउंडेशन विगत 15 वर्षों से स्वास्थ के क्षेत्र में अपनी सेवाएं  समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में प्रयासरत है तथा दिल्ली, उत्तरप्रदेश, झारखंड जैसे राज्यो में अपनी सेवा के माध्यम से अपना अमूल्य योगदान देश व समाज को प्रदान किया है।