आने वाले समय में हाड़-मांस के बने हृदय के बजाय बिजली से चलने वाले इलेक्ट्राॅनिक हृदय धड़केंगे। फ्रांस में चिकित्सकों ने एक मरीज को इलेक्ट्राॅनिक हृदय लगाया है और यह सफलतापूर्वक काम कर रहा है। यह दुनिया में अपने किस्म का केवल दूसरा हृदय है। इस हृदय की बैटरी मरीज के पेट के निचले हिस्से में प्रत्यारोपित की गयी है। चिकित्सकों का कहना है कि मरीज को किसी तरह के संक्रमण का खतरा पहुंचाये बगैर यह बैटरी रिचार्ज की जा सकती है। पहले कृत्रिम हृदय की बैटरी शरीर के बाहर लगी होती थी जिसे कैथेटर के जरिये हृदय से जोड़ा जाता था। इससे मरीज को संक्रमण होने का खतरा रहता था। लेकिन अब शरीर में प्रत्या रोपित बैटरी को उससे लगी एक तार के माध्यम से रिचार्ज किया जा सकता है। फ्रांस की राजधानी पेरिस स्थित ला पिटी-सैलपेट्री हास्पीटल में यह इलेक्ट्राॅनिक हृदय मधुमेह एवं हृदय रोगों से ग्रस्त 70 वर्षीय मरीज को लगाया गया है।
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