हम में से कई लोगों के लिए, स्पष्ट दृष्टि पाना चश्मे में सुधार के बिना संभव नहीं है, और स्पष्ट दृष्टि का आनंद लेने के लिए समुचित चश्मे पहनना महत्वपूर्ण है।
मोतियाबिंद, या आंख के अंदर लेंस की अस्पष्टता, प्रकाश को रेटिना तक पहुंचने से रोक सकता है या विकृत कर सकता है, जिसके कारण स्पश्ट नहीं दिख पाता। हमारी उम्र बढ़ने के साथ, लेंस के धुधला बनने की प्रक्रिया हम में से ज्यादातर को कुछ हद तक प्रभावित करती है। लेकिन अच्छी बात यह है कि मोतियाबिंद हटाने की सर्जरी धुंधले लेंस को निकालकर और इसकी जगह स्पष्ट इंट्राओकुलर लेंस (आईओएल) को प्रत्यारोपित कर दृष्टि बहाल कर सकती है।
आईकेयर आई हाॅस्पिटल, नोएडा के रिफ्रैक्टिव सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. सौरभ चौधरी ने कहा कि ''आईओएल प्रत्यारोपण प्रेसक्रिप्शन लेंस है जिसे आपकी आंखों की निकट की दृष्टि या दूर की दृष्टि के लिए विशेष रूप से चुना जाता है जो स्पष्ट दृष्टि की जरूरत के लिए चश्मे की जरूरत को कम करने में मदद करता है। इसके अलावा, आईओएल प्रत्यारोपण प्रौद्योगिकी अब इतनी विकसित हो गई है कि यह आस्टिगमैटिज्म (आंख में प्रकाश का नियमित रूप से फोकस) को निष्प्रभावी करने के लिए प्रीमियम लेंसों को सक्षम बनाती है और यहां तक कि मल्टीफोकल आईओएल दूर से और पास से पढ़ने के लिए स्पष्ट दृष्टि प्रदान करता है।
डॉ सौरभ चौधरी कहते हैं कि रूटीन मोतियाबिंद सर्जरी में, चिकित्सक काॅर्निया के माध्यम से आंख में प्रवेश करते हैं और आईओएल को प्रत्यारोपित करने से पहले अल्ट्रासाउंड ऊर्जा का उपयोग कर मोतियाबिंद को तोड़ते हैं और फिर निकालते हैं। मौजूदा प्रौद्योगिकी सर्जन को 20 मिनट से भी कम समय में प्रक्रिया को पूरा करने में मदद करती है और इसके लिए अत्यंत छोटे चीरे (टूथपिक के व्यास से केवल थोड़ा बड़ा) लगाने की जरूरत पड़ती है, जिसके कारण रोगी तेजी से स्वस्थ होता है और उसे अस्पताल से जल्द डिस्चार्ज कर दिया जाता है। हाल तक, सर्जन को हाथ से ब्लेड और औजारों का इस्तेमाल कर चीरा लगाकर कॉर्निया और लेंस तक पहुंचना पड़ता था, लेकिन अब चिकित्सक नई लेजर तकनीक का इस्तेमाल कर इसे पूरा कर सकते हैं जो मोतियाबिंद सर्जरी में आवश्यक चीरों को यहां तक कि अधिक सटीकता से लगाने में भी सक्षम बनाता है।
फेमटोसेकंड लेजर सर्जरी नामक लेजर उपचार, प्रक्रिया की शुरुआत में किया जाता है। यह प्रक्रिया दर्द रहित होती है और इसमें केवल 30 सेकंड लगता है। यह मोतियाबिंद को और अधिक कुशलता से हटाने में सक्षम बनाता है, इससे आंखों के लिए कम ऊर्जा और कम तनाव की आवश्यकता होती है और हमें अधिक स्पष्ट और गुणवत्तापूर्ण दृष्टि प्रदान करता है।
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