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डबल-चिन वसा को कम करने में सामान्य रूप से उपलब्ध जेनेरिक डीसीए प्रभावी है

50 वर्ष की उम्र पार कर लेने के बाद अधिकांश भारतीय लोगों में डबल चिन (सबमेंटल फुलनेस) की समस्या हो जाती है जो कि उम्र बढ़ने की प्रक्रिया का ही एक हिस्सा होता है। लेकिन यह देखने में भद्दा लगता है और चेहरा भी भारी- भारी और उम्रदराज लगता है। ठुड्डी और गर्दन क्षेत्र के आसपास वसा के जमाव को कम करने के लिए डीआक्सीकोलिक एसिड (डीसीए) का इंजेक्शन लंबे समय से स्थायी और प्रभावी गैर-शल्य चिकित्सा उपचार रहा है। हालाँकि, अधिकांश भारतीय यह उपचार नहीं कराते हैं या इसके खर्च को वहन नहीं कर सकते हैं। इसका कारण केवल यह नहीं है कि किबेला (यूएस) और बेल्किरा (कनाडा) जैसे प्रोपरायटरी डीसीए फॉर्मूलेशन बहुत महंगे हैं, बल्कि वे वर्तमान में भारत में उपलब्ध भी नहीं हैं क्योंकि उन्हें भारतीय एफडीए से मंजूरी नहीं मिली है।
अब, ठुड्डी की चर्बी कम करने के उपाय खोजने वाले भारतीय रोगियों के लिए कुछ अच्छी खबर है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि जेनेरिक डीसीए, गर्दन पर और चेहरे के निचले हिस्से में जमा वसा से छुटकारा पाने में समान रूप से प्रभावी है। यह भारत में तुलनात्मक रूप से सस्ती और व्यापक रूप से उपलब्ध भी है। द एस्थेटिक क्लीनिक्स के निदेशक डॉ. देबराज शोम और प्रसिद्ध त्वचा विशेषज्ञ डॉ. रिंकी कपूर ने इस पर एक अध्ययन किया है जिसमें 20 से 63 वर्ष उम्र के 50 भारतीय मरीज को शामिल किया गया। इसके निष्कर्ष अमेरिका में त्वचाविज्ञान में सबसे सम्मानित और विषेशज्ञों के द्वारा समीक्षा की जाने वाली पत्रिकाओं में से एक, 'जर्नल ऑफ ड्रग्स इन डर्मेटोलॉजी' के मार्च 2019 के संस्करण में प्रकाशित हुए हैं।
यह अध्ययन इस परिकल्पना को वैज्ञानिक मान्यता प्रदान करता है कि जेनेरिक डीसीए डबल-चिन की समस्या का सामना कर रहे भारतीय रोगियों पर चेहरे की चर्बी को कम करने का काम करता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, चेहरे का कायाकल्प करने वाली इस चिकित्सा के परिणाम को मान्यता मिली हुई है। इसका असर लंबे समय तक रहता है और कई रोगियों में यह अत्यधिक कारगर साबित होता है।
प्रसिद्ध कॉस्मेटिक सर्जन डाॅ. देबराज शोम ने कहा, ''भारतीय पर काकेशियंस (गोरों) की तुलना में उम्र का प्रभाव अलग तरह से होता है। भारत में 50 वर्ष की उम्र पार करते ही लोगों के चेहरे और गर्दन का निचला हिस्सा उम्र बढ़ने के लक्षणों से प्रभावित होने लगता है। ये हिस्से वसा के जमाव से भारी हो जाते हैं, उनमें भेद करना मुश्किल हो जाता है, और वे एक समान मांस के रूप में दिखाई देते हैं। इस उम्र के लोगों में डबल चिन की समस्या व्यापक रूप से हो जाती है। इसके कारण लोग अपने युवा रूप को खो देते हैं और वास्तव में वे इतना भारी दिखाई देने लगते हैं जितना वास्तव में होते नहीं हैं। कई लोग अपने चेहरे के निचले हिस्से और गर्दन के चारों ओर वसा से छुटकारा पाने के लिए नेक लिफ्ट सर्जरी या नेक लिपोसक्शन सर्जरी कराना पसंद करते हैं। हालांकि, डीसीए इंजेक्शन का चयन करने पर स्वास्थ्य से संबंधित बहुत कम समस्याएं होती हैं। इसमें जोखिम भी कम है और इससे कास्मेटिक सर्जरी के समान ही परिणाम हासिल होते हैं। हमारे अध्ययन से पता चला है कि भारत में सामान्य रूप से उपलब्ध जेनेरिक डीसीए डबल चिन के उपचार में भी काफी प्रभावी है, और रोगियों के पास चेहरे की उम्र बढ़ने को रोकने के लिए एक पहले से तैयार और सस्ता समाधान उपलब्ध है।''
डॉ. रिंकी कपूर ने कहा, “सबमेंटल फैट न केवल सौंदर्य की दृष्टि से बेकार है, बल्कि यह रोगियों पर नकारात्मक मनोवैज्ञानिक प्रभाव भी डाल सकता है। भारत में यह समस्या व्यापक है। यहां 50 वर्ष की उम्र पार करते ही लगभग 95 प्रतिशत भारतीय लोगों की गर्दन उनकी युवावस्था की तुलना में भारी हो जाती है। हमारे अध्ययन से पता चला है कि इसके लिए महंगे ब्रांडेड डीसीए विकल्पों को अपनाने की कोई आवश्यकता नहीं है, जिसका खर्च 4,000 अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक है। जेनेरिक डीसीए से चेहरे के निचले हिस्से और गर्दन वाले हिस्से के आसपास जमा वसा के उपचार के अच्छे परिणाम हासिल होते हैं और यह ब्रांडेड डीसीए विकल्पों की तुलना में दस गुना कम कीमत में उपलब्ध है। इसमें कम खर्च आने के कारण यह आम भारतीय के लिए अधिक किफायती इलाज है और उनकी पहुंच के भीतर भी है। इसके अलावा, डीसीए उपचार एक ओपीडी प्रक्रिया है, और इसके लिए किसी भी अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं है। भारतीय सर्जन पहले से ही सामान्य डीसीए के इंजेक्शन से डबल चिन के रोगियों का इलाज कर रहे हैं। लेकिन यह अध्ययन इस उपचार के लिए आवश्यक वैज्ञानिक मान्यता प्रदान करता है और सभी संदेहों को दूर करता है।''
इस अध्ययन के बाद सर्जन अब हाथों पर बनी रोल्स, लव हैंडल्स, बैक रोल्स और यहां तक कि बिकनी लाइन को कम करने के लिए जेनेरिक डीसीए के प्रभाव का क्लिनिकल ट्रायल शुरू करना चाह रहे हैं क्योंकि वसा कोशिकाओं की संरचना शरीर के सभी क्षेत्रों में एक समान ही होती है।
फेस और नेक लिफ्ट जैसी चेहरे की सौंदर्य शल्यचिकित्सा प्रक्रियाएं सालाना की जाने वाली शीर्ष कॉस्मेटिक शल्यचिकित्सा प्रक्रियाओं में से एक हैं, लेकिन इनमे गंभीर जटिलताएं हो सकती हैं और रिकवरी में भी काफी समय लग सकता है। ऐसी स्थिति में, डीसीए से नाॅन-इनवेसिव उपचार तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। सर्जन ने कहा कि इस इलाज के बाद यदि मरीज अपना वजन सामान्य बनाये रखता है और स्वस्थ जीवनषैली को अपनाता है तो इस इलाज का प्रभाव लंबे समय तक रहता है।


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