LightBlog

दिल्ली में प्रदूषण बना भयानक 

  • by @ हेल्थ स्पेक्ट्रम
  • at November 04, 2019 -
  • 0 Comments


देश की राजधानी दिल्ली में बढ़ता प्रदूषण इस समय सभी के लिए जहां चिंता का विषय है वहीं एक बड़ी चुनौती भी है। प्रदूषण को लेकर जहां दिल्ली एनसीआर में रहने वाले लोग भयभीत हैं वहीं राजनी. तिक पार्टियों को भी बैठे बिठाए एक मुद्दा मिल गया है। लगभग सभी राजनीतिक दलों के नेता प्रदूषण की चिंता कम बल्कि एक दूसरे को दोषी बताकर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति कर रहे हैं जो शायद उचित नहींबढ़ते प्रदूषण के लिए जिम्मेदार कौन है और इसके लिए किसकी जवाबदेही है निश्चित ही विचारणीय है लेकिन इसके लिए यह समय उचित नहीं है। पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम नियंत्रण प्राधिकरण के अनुसार दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार को प्रदूषण इस वर्ष के सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंच गया प्रदूषण को लेकर चिंतित पर्यावरण प्रदूषण रोकथाम नियंत्रण प्राधिकरण ने दिल्ली एनसीआर के लिए हैल्थ इमरजेंसी लागू कर दी है। स्कूलों में छुट्टी और निर्माण कार्यों पर रोक समेत कई पाबंदियां भी लगा दी गई है। आपात स्थिति के मद्देजर केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने तत्काल टॉक्स फोर्स की बैठक बुलाकर 5 नवम्बर तक स्कूलों में छुट्टी एवं सभी तरह के निर्माण कार्यों पर रोक लगा दी है। ठंड का मौसम खत्म होने तक आतिशबाजी पर भी पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। प्रदूषण से राजधानी में बिगड़े हालात के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को विचार करेगा तथा ईपीसीए की रिपोर्ट पर गौर करेगा जिसमें कचरा जलाने, फैक्ट्रियों के जहरीले पदार्थ बहाने और निर्माण स्थलों पर धूल की रोकथाम के कदम उठाने का निर्देश देने का मांग की गई है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में बढ़े प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों हरियाणा तथा राजस्थान को जिम्मेदार बतया है जहां पराली जलाने से धुआं आ रहा है। दिल्ली सरकार का दावा है कि पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली 46 फीसदी जहर घोल रही है जो गलत नहीं है। बीते 24 घंटों में पराली जलाने के 3178 मामले सामने हैं जो इस सीजन में सबसे अधिक बताए जाते हैं राजधानी में प्रदूषण की चिंता करते हुए दिल्ली सरकार ने 5 नवम्बर तक के लिए निजी एवं सरकारी सभी स्कूल बंदकर दिए हैं। इसके साथ ही राजधानी में 4 से 15 नवम्बर तक ऑड ईवन स्कीम लागू करने की घोषणा की गई है। अब सवाल इस बात का है कि पानी सिर से ऊपर निकल जाने के बाद ही प्रदूषण की चिंता क्यों हुई है। चाहे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की बात हो अथवा दिल्ली में अवैध निर्माण कोई नई बात नहीं है लेकिन इस पर नियंत्रण लगाने की कोशिश नहीं की गई। दिल्ली में आज प्रदूषण पिछली हमारी भूल का ही परिणाम हैअगर इस पर पहले से चिंता की गई होती तो शायद जो चिंता आज हो रही है वह नहीं होती। अभी भी समय है। प्रदूषण से हमें सबक लेने की जरूरत है जलाने, फैक्ट्रियों के जहरीले पदार्थ बहाने और निर्माण स्थलों पर धूल की रोकथाम के कदम उठाने का निर्देश देने का मांग की गई हैदिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में बढ़े प्रदूषण के लिए पड़ोसी राज्यों हरियाणा तथा राजस्थान को जिम्मेदार बतया है जहां पराली जलाने से धुआं आ रहा हैदिल्ली सरकासर का दावा है कि पड़ोसी राज्यों में जलने वाली पराली 46 फीसदी जहर घोल रही है जो गलत नहीं है। बीते 24 घंटों में पराली जलाने के 3178 मामले सामने हैं जो इस सीजन में सबसे अधिक बताए जाते हैं राजधानी में प्रदूषण की चिंता करते हुए दिल्ली सरकार ने 5 नवम्बर तक के लिए निजी एवं सरकारी सभी स्कूल बंदकर दिए हैं। इसके साथ ही राजधानी में 4 से 15 नवम्बर तक ऑड ईवन स्कीम लागू करने की घोषणा की गई है। अब सवाल इस बात का है कि पानी सिर से ऊपर निकल जाने के बाद ही प्रदूषण की चिंता क्यों हुई है। चाहे पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की बात हो अथवा दिल्ली में अवैध निर्माण कोई नई बात नहीं है लेकिन इस पर नियंत्रण लगाने की कोशिश नहीं की गई। दिल्ली में आज प्रदूषण पिछली हमारी भूल का ही परिणाम हैअगर इस पर पहले से चिंता की गई होती तो शायद जो चिंता आज हो रही है वह नहीं होती। अभी भी समय है। प्रदूषण से हमें सबक लेने की जरूरत है और भविष्य में इसका सामना न करना पड़े इस तरह के प्रयास होने चाहिएं।


Join as an Author

Health Spectrum

Health Spectrum welcomes unsolicited articles, blog posts and other forms of content. If you are interested in writing for us, please write to us at healthspectrumindia@gmail.com.

0 Comments: