पुणे में दुर्लभ जन्मजात दोष लार्सन सिंड्रोम से पीड़ित एक मरीज के कूल्हे को बदलने का सफल आपरेशन किया गया है। उस मरीज को जन्मजात बीमारी के अलावा हृदय संबंधी समस्या भी थी।
लार्सन सिंड्रोम कई आर्थोपेडिक समस्याओं के साथ-साथ हृदय असामान्यताओं का कारण बनता है। छोटे अंगों वाले भूशण (मरीज की अनुमति से नाम प्रकट किया जा रहा है) के दोनों कूल्हे में नाॅक नी विकार के अलावा रीढ़ भी बुरी तरह से मुड़ी हुई थी। नाॅक नी विकार में जब मरीज घुटने को सटा कर खड़ा होता है तो दोनों पैरों के बीच काफी दूरी होती है। हालांकि वह अपने रोजमर्रे के कामकाज कर पा रहा था लेकिन उसके हृदय की स्थिति ऐसी थी जिसके कारण उसे तनाव होने पर हार्ट फेल्योर का भी खतरा हो सकता था।
कोलंबिया एशिया हास्पीटल, पुणे के ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विशेषज्ञ डाॅ. सिनुकुमार भास्करन कहते हैं, ''भूषण की जटिल स्थितियों के कारण पिछले चार वर्षों के दौरान कई प्रतिष्ठित संस्थाओं ने उसका इलाज करने से मना कर दिया था। हमने सर्वाधिक अनुभवी सर्जनों और अत्यंत कुशल एनेस्थेटिक डॉक्टरों की टीम बनाई। चूंकि भूषण के अंग अत्यंत छोटे थे इसलिए उपलब्ध हिप रिप्लेसमेंट प्रत्यारोपण फिट नहीं हो सकते थे और इसलिए उसके लिए विषेश आकार के प्रत्यारोपण के आर्डर दिए गए। यही नहीं आॅपरेषन के दौरान फ्रैक्चर होने का भी खतरा था।''
कोलंबिया एशिया, पुणे के मुख्य एनेस्थेटिस्ट डाॅ. सुनील बोर्डे ने कहा, ''ऐसे मामलों के प्रबंधन के लिए विभिन्न विशेषज्ञताओं से लैस बेहतर तरह से समन्वित टीम वर्क की जरूरत होती है। हमें यह बताते हुए खुषी हो रही है कि आॅपरेषन के दौरान किसी तरह की कोई घटना नहीं हुई। हमने आपरेशन के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रोटोकॉल का पालन करके ऐसे कई मुश्किल मामलों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है।''
कोलंबिया एशिया हास्पीटल, पुणे के ज्वांइट रिप्लेसमेंट सर्जन डाॅ. महेश कुलकर्णी ने बताया, ''हम जानते थे कि वह मरीज इस स्थिति में नहीं था कि उसे दोबारा एनेस्थिसिया दिया जा सकता था। हम यह जानते थे कि हमारे लिए यह केवल एकमात्र मौका था जब हम उसे दर्दरहित और गतिषील कूल्हे प्रदान कर सकते थे। सर्जरी के बाद मरीज को एक दिन के लिए आईसीयू में हमारी निगरानी में रखा गया और सातवें दिन उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।''
आज, भूषण चल-फिर सकता है और उसका जीवन दर्द रहित है। भूषण और इस अस्पताल में आने वाले अन्य मरीज इस बात के जिंदा सबूत हैं कि अस्पताल अपने मरीजों को किस तरह से बेहतरीन चिकित्सा प्रदान कर रहा है। कोलंबिया हास्पीटल ने अनेक जटिल एवं कठिन मामलों को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है और पुणे में चिकित्सा सुविधाओं के स्तर को उठाया है।
दुलर्भ जन्मजात विकृतियों से ग्रस्त 33 साल के मरीज चलने-फिरने में सक्षम
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