एक नवीनतम अध्ययन में पाया गया है कि गंजे लोगों में हृदय रोग होने की आशंका बहुत अधिक होती है। ऐसा टेस्टोस्टेराॅन हारमोन की अधिकता के कारण होता है। बर्किंघम स्थित हार्वर्ड मेडिकल स्कूल तथा बोस्टन स्थित वीमेन्स हाॅस्पीटल में किये गए इस अध्ययन में अनुसंधानकर्ताओं ने पुरुष गंजापन और कोरोनरी हृदय रोग (सी एच डी) में गहरा संबंध पाया। यह अध्ययन 40 से 84 वर्ष उम्र के 22 हजार से अधिक पुरुष चिकित्सकों पर किया गया। अध्ययनकर्ताओं के अनुसार भरपूर बाल वाले़ लोगों की तुलना में सिर के ऊपरी भाग से पूरी तरह से गंजे लोगों में दिल का दौरा और एंजाइना जैसी दिल की वैसी बीमारियां होने का खतरा 36 प्रतिशत अधिक हो जाता है जिनके इलाज के लिये बाईपास सर्जरी या एंजियोप्लास्टी कराने की नौबत आती है। सिर के ऊपरी भाग से मामूली रूप से गंजे लोगों में यह खतरा 23 प्रतिशत अधिक होता है तथा मध्यम रूप से गंजे लोगों में यह खतरा 32 प्रतिशत अधिक होता है। जबकि सिर के अगले भाग से गंजे लोगों में हृदय रोगों का खतरा 9 प्रतिशत अधिक होता है। इस अध्ययन के अनुसार पुुरुष हारमोन- टेस्टोस्टेराॅन और एन्ड्रोजेन की अधिकता के कारण पुरुषों में गंजापन होता है और इस कारण उनमें हृदय रोगों का खतरा बढ़ता है। गंजे लोगों के सिर की खाल में काफी मात्रा में एन्ड्रोजेन रिसेप्टर होते हैं। एन्ड्रोजेन धमनियों में वसा के जमाव (एथेरोस्क्लेरोसिस) में मदद करता है और रक्त के थक्का बनने (थ्रोम्बोसिस) की संभावनाओं को बढ़ाता है। इस अध्ययन में कहा गया है कि कुछ लोगों में हृदय रोगों और गंजेपन का कारण आनुवांशिक हो सकता है, लेकिन इस अध्ययन में गंजेपन के आनुवांशिक कारणों पर अधिक अध्ययन नहीं किया जा सका। अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि सभी गंजे लोगों को हृदय की समस्याओं के प्रति सचेत रहना चाहिए। आर्काइव्स आफ इंटरनल मेडिसीन नामक पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन रिपोर्ट में लेखक डा.पाॅलो लोटुफो लिखते हैं कि कम उम्र में ही सिर के ऊपरी भाग से गंजापन तत्काल हृदय रोग का कारण नहीं बनता लेकिन यह भविष्य में हृदय रोग होने की सूचना जरूर दे देता है। इसलिए ऐसा होने पर हृदय रोगों के प्रति लोगों को सतर्क हो जाना चाहिए और समय-समय पर इसकी जांच कराते रहना चाहिए तथा पर्याप्त सावधानियां बरतनी चाहिए।
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