महिलाओं को हृदय की सर्जरी के बाद दिल के दौरे पड़ने की तथा इन दौरों से मौत की आशंका पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। उच्च रक्तचाप, धमनियों के संकरापन और मधुमेह सर्जरी के बाद दिल के दौरे की आशंका बढ़ाने वाले ज्ञात कारक हैं लेकिन अमरीका के सेंट लुइस स्थित वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल आफ मेडिसीन तथा डरहम स्थित ड्यूक युनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं द्वारा किये गये अध्ययन से पता चला कि लैंगिक विभिन्नता सर्जरी के बाद दिल के दौरे का एक प्रमुख कारक है। इन शोधकर्ताओं ने अमरीका में 1996 और 1997 के बीच हृदय की सर्जरी कराने वाले चार लाख महिलाओं तथा पुरुषों के चिकित्सकीय दस्तावेजों के अध्ययन के आधार पर उक्त निष्कर्ष निकाला। हालांकि सर्जरी के बाद महिलाओं को अधिक खतरा होने के कारणों का अभी पता नहीं चला है।
महिलाओं को रजोनिवृति से पूर्व इस्ट्रोजेन नामक हार्मोन दिल की बीमारियों एवं दिल के दौरे से बचाता है लेकिन रजोनिवृति के बाद इस हार्मोन के अनुपस्थित हो जाने के कारण महिलाओं को हृदय रोगों एवं दिल के दौरे का खतरा पुरुषों के समान हो जाता है।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की शोध पत्रिका सर्कुलेशन में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार उक्त अध्ययन से यह भी पता चला है कि हृदय की सर्जरी के बाद महिलाओं में दिल के दौरे के कारण मौत की आशंका भी पुरुषों की तुलना में अधिक होती है। इस अध्ययन के दौरान सर्जरी के बाद के पहले माह में महिलाओं में मृत्यु दर 5.7 प्रतिशत जबकि पुरुषों में मृत्यु दर 3.5 प्रतिशत पायी गयी।
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