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उम्र बढ़ने के साथ बढ़ती है ऑस्टियो आर्थराइटिस की समस्या

ऑस्टियो आर्थराइटिस (ओए) भारत में आर्थराइटिस का सबसे प्रचलित रूप है। यह हर साल डेढ़ करोड़ से अधिक वयस्कों को प्रभावित करता है। दो में से एक वयस्क में घुटने की ओस्टियो आर्थराइटिस के लक्षण विकसित होते हैं जबकि चार में से एक वयस्क में 85 साल की उम्र तक कूल्हे की ओस्टियो आर्थराइटिस के लक्षण विकसित होते हैं और 12 में से एक लोग में 60 साल या उससे अधिक उम्र में हाथ के ओस्टियो आर्थराइटिस होते हैं। हालांकि ओस्टियोआर्थराइटिस सभी उम्र के लोगों में होता है, लेकिन 65 साल से अधिक उम्र के लोगों में ऑस्टियो आर्थराइटिस सबसे आम है।
ऑस्टियो आर्थराइटिस क्या है
यह एक डिजेनरेटिव ज्वाइंट रोग है। यह जोड़ों की सबसे गंभीर स्थिति है। यह किसी भी जोड़ को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह घुटनों, कूल्हों, पीठ के निचले हिस्से, गर्दन और उंगलियों के छोटे जोड़ों में सबसे अधिक होता है। इस तरह के रोग जोड़ों की पूरी तरह से विकलांगता पैदा कर सकते हैं। यदि लंबे समय तक दवा के सेवन या फिजियोथेरेपी से राहत नहीं मिलती है, तो आखिरकार व्यक्ति अपाहिज हो सकता है।
कारण
— ऑस्टियो आर्थराइटिस उम्र बढ़ने का एक सामान्य परिणाम है। यह जोड़ो के घिसने और टूटने के कारण भी होता है।
— जोड़ों में कार्टिलेज होते हैं, रबड़ जैसे ऊतक होते हैं जो जोड़ों में आपकी हड्डियों के लिए कुशन का काम करते हैं, और हड्डियों को एक दूसरे पर फिसलने में सक्षम बनाते हैं। जब कार्टिलेज टूट जाती है और अपनी जगह से हट जाती है, तो हड्डियां आपस में रगड़ खाने लगती हैं। इस कारण दर्द, सूजन और जकड़न पैदा होती है।
— जोड़ों के चारों ओर बोनी स्पर या अतिरिक्त हड्डी का निर्माण हो सकता है। जोड़ के आसपास के लिगामेंट और मांसपेशियां अधिक कमजोर और कड़ी हो जाती हैं।
जोखिम कारक
— ओस्टियोआर्थराइटिस में पीढ़ी दर पीढ़ी होने की प्रवृत्ति होती है।
— अधिक वजन होने पर कूल्हे, घुटने, टखने और पैर के जोड़ों में ओस्टियो आर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि अतिरिक्त वजन से जोड़ अधिक घिसते हैं और टूटते-फूटते हैं।
— फ्रैक्चर या जोड़ों के अन्य चोट जीवन में बाद में ओस्टियो आर्थराइटिस होने का खतरा बढ़ा सकते हैं। इसमें आपके जोड़ों में कार्टिलेज और लिगामेंट शामिल होते हैं।
— प्रतिदिन एक घंटा घुटना टेककर या घुटना मोड़कर बैठने वाले कार्यो को करने से ओस्टियो आर्थराइटिस होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। वजन उठाने, सीढ़ियां चढ़ने या अधिक पैदल चलने से भी इसका खतरा बढ़ जाता है।
— ऐसे खेल जिनमें जोड़ पर सीधा प्रभाव पड़ता है (जैसे फुटबॉल), घुमना पड़ता हो (जैसे बास्केटबॉल या साॅसर) या फेंकना पड़ता हो, खेलने पर आर्थराइटिस का खतरा बढ़ जाता है।
— जोड़ में रक्तस्राव पैदा करने वाले हीमोफिलिया जैसे ब्लीडिंग डिसआर्डर
— जोड़ के निकट रक्त की आपूर्ति में अवरोध पैदा करने वाले और वैस्कुलर नेक्रोसिस पैदा करने वाले डिसआर्डर 
— क्रोनिक गाउट, स्यूडो गाउट या रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस सहित अन्य प्रकार के आर्थराइटिस
लक्षण 
— जोड़ों में दर्द और जकड़न इसके सबसे आम लक्षण हैं। व्यायाम करते समय, जब आप अपने जोड़ पर वजन या दबाव डालते हैं, तो अक्सर दर्द बढ़ जाता है। यदि आपको ऑस्टियो आर्थराइटिस है, तो समय के साथ आपके जोड़ कठोर हो सकते हैं और उनमें जकड़न हो सकता है। जब आप जोड़ को मूव करते हैं तो आप रगड़ खाने, सख्त या चटचटाहट की आवाज सुन सकते हैं। ''मार्निंग स्टिफनेस'' शब्दावली का अर्थ दर्द और जकड़न से है जो आप सोकर उठने के बाद महसूस कर सकते हैं। जकड़न आम तौर पर 30 मिनट या उससे कम समय तक रहता है। इसमें जोड़ को सक्रिय करने वाली हल्की गतिविधि से सुधार होता है। दिन के दौरान, जब आप सक्रिय होते हैं तो दर्द बढ़ सकता है और जब आप आराम कर रहे होते हैं तो बेहतर महसूस होता है। जब आप आराम करना षुरू करते हैं तो थोड़ी देर तक दर्द मौजूद रह सकता है, उसके बाद दर्द कम होगा। इसके कारण यहां तक कि रात में आपकी नींद भी खुल सकती है। कुछ लोगों में एक्स-रे में ओस्टियो आर्थराइटिस के परिवर्तन दिखने के बावजूद भी इसके लक्षण नहीं हो सकते हैं।
— जोड़ में मूवमेंट करने पर रगड़ खाने (चटचटाहट) की आवाज होती है, जिसे क्रेपिटेशन कहा जाता है।
— जोड़ में सूजन (जोड़ों के आसपास की हड्डियां सामान्य से बड़ा महसूस कर सकते हैं)
— सीमित दूरी तक चल पाना
— जोड़ को दबाने पर कोमल महसूस होना
— सामान्य गतिविधियां करने में दर्द महसूस होना
जांच
— प्रभावित जोड़ों के एक्स-रे में जोड़ वाले क्षेत्र में क्षति दिखाई देगी। गंभीर मामलों में, हड्डी के सिरों और बोनी स्पर का नीचे आना।
उपचार
ओस्टियो आर्थराइटिस को ठीक नहीं किया जा सकता है, बल्कि समय के साथ इसके और अधिक बदतर होने की संभावना होती है। हालांकि, ओस्टियो आर्थराइटिस के लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। आप सर्जरी करा सकते हैं, लेकिन अन्य उपचार से आपको दर्द से राहत मिल सकती है और आप अपनेे जीवन को ज्यादा बेहतर बना सकते हैं। हालांकि इन उपचार से आर्थराइटिस को ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन सर्जरी को टाला जा सकता है।
दवा
— डॉक्टर के पर्चे के बिना आप दर्द निवारक दवा खरीद सकते है, जिससे आपको ओस्टियो आर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद मिल सकती है।
— कुछ समय के लिए दर्द से राहत पाने के लिए घुटने में कृत्रिम ज्वांट तरल इंजेक्ट किया जा सकता है।
सर्जरी
— ओस्टियो आर्थराइटिस के गंभीर मामलों में क्षतिग्रस्त जोड़ों की मरम्मत करने के लिए सर्जरी की जरूरत हो सकती है। 
सर्जरी के विकल्पों में शामिल हैं:
— टूटे-फूटे और क्षतिग्रस्त कार्टिलेज को तराषने के लिए आथ्रोस्कोपिक सर्जरी 
— हड्डी या जोड़ पर दबाव को कम करने के लिए हड्डी के अलाइनमेंट में बदलाव लाना (ओस्टियोटाॅमी)
— हड्डियों का सर्जिकल फ्युजन, आमतौर पर रीढ़ की हड्डी (आथ्रोडेसिस) में
— कृत्रिम ज्वाइंट रिप्लेसमेंट (नी रिप्लेसमेंट, हिप रिप्लेसमेंट, शोल्डर रिप्लेसमेंट, ऐंकल रिप्लेसमेंट, एल्बो रिप्लेसमेंट) से क्षतिग्रस्त जोड़ का टोटल या पार्शियल रिप्लेसमेंट।


 


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