वैज्ञानिकों ने नैनोवायर्स से ऐसी कृत्रिम त्वचा का निर्माण किया है जो वास्तविक त्वचा की तरह महसूस कर सकती है। इस त्वचा का विकास अमरीका के कैलिफोर्निया में बर्कली स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किया है। यह त्वचा मानव त्वचा की तरह कार्य कर सकेगी।
स्पर्श के प्रति संवेदनशील इस कृत्रिम त्वचा के विकास से रोबोट के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी। यह कृत्रिम त्वचा स्पर्श के आधार पर तय कर सकेगी कि किस वस्तु को पकड़ने के लिये कितना बल लगाना है। वैज्ञानिक लंबे समय से ऐसी ई-स्किन बनाने की कोशिश में थे जो कृत्रिम अंगों के साथ रोगियों में स्पर्श की भावना को भी बहाल कर सके।
इस त्वचा का विकास करने वाले वैज्ञानिक अली जावे कहते है कि मनुष्य आम तौर पर जानते हैं कि एक नाजुक अंडे को किस तरह पकड़ना है जिससे यह नहीं टूटे। रोबोट के मामले में भी हम यह चाहेंगे कि वह इस तरह से शराब के गिलास को पकड़े कि वह टूटे नहीं। साथ ही हम यह भी चाहेंगे कि किसी चीज पर रोबोट की पकड़ ऐसी हो कि वह गिरे नहीं।
अली जावे यू सी बर्कली के प्रमुख और इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटर साइंसेज के सहायक प्रोफेसर हैं। वह बताते हैं कि यह त्वचा अकार्बनिक एकल क्रिस्टलीय अर्धचालक से बनायी गयी है। कृत्रिम त्वचा को विकसित करने के पहले के प्रयासों में कार्बनिक पदार्थों पर प्रयास किया गया था क्योंकि वे लचीले और इस प्रक्रिया के लिए आसान होते हैं।
जावे कहते हैं, ''समस्या यह है कि कार्बनिक पदार्थ खराब अर्धचालक होते हैं। इसका अर्थ यह हुआ कि इनसे बने इलेक्ट्रॉनिक यंत्रां को अक्सर परिपथ को संचालित करने के लिए अधिक वोल्टेज की जरूरत होगी। दूसरी तरफ, क्रिस्टलीय सिलिकॉन जैसे अकार्बनिक पदार्थों में उत्कृश्ट विद्युतीय गुण होते हैं और इन्हें कम पावर पर भी संचालित किया जा सकता है। वे रासायनिक रूप से भी अधिक स्थिर होते हैं। लेकिन, ये गैर लचीले होते हैं और आसानी से इनमें दरार पड़ सकती है। इस कारण से इस विशय पर काम करने वाले अन्य वैज्ञानिकों और हमने भी देखा कि अकार्बनिक की छोटी पट्टी या तार अत्यधिक लचीली बन सकती है जो अच्छे प्रदर्शन, यंत्रवत् घुमाव युक्त इलेक्ट्रॉनिक्स और सेंसर के लिए सबसे अच्छा है।''
यूसी बर्कली के इंजीनियरों ने इसके लिए एक नयी फैब्रिकेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जो रिवर्स में लिंट रॉलर की तरह कार्य करता है। यह फाइबर को चुनने की बजाय, नैनोवायर ''हेयर'' को जमा करता है।
असली की तरह काम करेगी नकली त्वचा
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