वर्टिगो ऐसी स्वास्थ्य समस्या है जिसमें रोगी को चक्कर आता रहता है और यह मस्तिष्क, कान के अंदरूनी हिस्से या संवेदी तंत्रिका मार्ग से संबंधित विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत दे सकती है।
यह स्थिति मोशन सिकनेस या बैलेंस डिसआर्डर के नाम से भी जानी जाती है। इस समस्या के बढ़ने पर पीड़ित व्यक्ति जब अपनी आँखें बंद करता है तो उसे गिरने का आभास होता है। इसमें स्थिर व्यक्ति को भी ऐसा महसूस होता है मानों वह गतिशील है और इसके कारण उसे सनसनाहट महसूस होती है। संतुलन की प्रक्रिया को शरीर की तीन प्रणालियां नियंत्रित करती हैं - अपने लैबिरिंथीन कैनाल के साथ भीतरी कान, आंख और आंख की मांसपेशियां और गर्दन की मांसपेशियां। इन प्रणालियों से इनपुट को मस्तिष्क के विशिष्ट क्षेत्रों में संसाधित किया जाता है और इनपुट सिंक्रनाइज किए जाने पर संतुलन की धारणा कायम रहती है। जब भी मस्तिष्क (सीपीयू) सूचना को ठीक से संसाधित करने में असमर्थ होता है, तो इससे वर्टिगो पैदा होता है।
मैक्स सुपर स्पेशिएलिटी हाॅस्पिटल, पटपड़गंज के न्यूरोसर्जरी के वरिष्ठ निदेशक डॉ. संजीव दुआ कहते हैं, “सबसे बड़ी गलत धारणाओं में से एक है और जिसे दूर करना भी जरूरी है, वह है सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कारण वर्टिगो होता है। वर्टिगो से पीड़ित कई रोगियों में सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस का भी निदान किया जाता है और उनमें उस बीमारी का इलाज किया जाता है जो बीमारी उनमें या तो होती ही नहीं है या वर्टिगो के लक्षणों के लिए जिम्मेदार नहीं होती है। वर्टिगो का सबसे आम कारण आंतरिक कान, या मध्य कान में दर्द है जो साधारण कान की गंदगी से लेकर लैबिरिंथ के वायरल संक्रमण तक हो सकता है।''
इसका इलाज अलग-अलग व्यक्ति में अलग-अलग होता है। हालांकि कुछ मामलों में, लक्षणों को कम करने के लिए कुछ समय तक दवा लेना ही पर्याप्त होता है। लेकिन क्रोनिक वर्टिगो से पीड़ित रोगियों के मामले में, डॉक्टर इपलिस मनूवर जैसी कुछ शारीरिक गतिविधियां करने की सलाह देते हैं क्योंकि यह किसी भी दवा के इस्तेमाल के बिना ही बीमरी के लक्षण में राहत प्रदान करने में मदद करता है। वर्टिगो के अन्य बहुत ही दुर्लभ और जटिल कारण हैं जिनमें मस्तिष्क के महत्वपूर्ण क्षेत्रों की व्यापक जांच की आवश्यकता हो सकती है। ये बीमारियां दुर्लभ हैं और कई अन्य लक्षणों से जुड़ी होती हैं जैसे कि बोलने या निगलने में कठिनाई, दृश्टि संबंधित समस्याएं, अंगों की कमजोरी आदि।
बार—बार चक्कर आने पर कराएं वर्टिगो की जांच
~ ~
SEARCH
LATEST
6-latest-65px
POPULAR-desc:Trending now:
-
- Vinod Kumar मस्तिष्क में खून की नसों का गुच्छा बन जाने की स्थिति अत्यंत खतरनाक साबित होती है। यह अक्सर मस्तिष्क रक्त स्राव का कारण बनती ह...
-
विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी लेकिन कोरोना से बच नहीं पाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक...
-
INDIAN DOCTORS FOR PEACE AND DEVELOPMENT An international seminar was organised by the Indian Doctors for Peace and Development (IDPD) at ...
-
अत्यधिक प्रतीक्षित इंडो इंटरनेशनल फैशन कार्निवल एंड अवार्ड्स सीजन 2: मिस, मिसेज और मिस्टर स्टार यूनिवर्स ने एक शानदार लोगो लॉन्च इवेंट के सा...
-
The woman in the picture with a smile is Salwa Hussein !! She is a woman without a heart in her body. She is a rare case in the world, as...
Featured Post
Air Pollution Fuels Alarming Rise in Childhood Asthma Cases (On World Asthma Day - 6 May)
- Vinod Kumar, Health Journalist In a month, 3-4 kids, aged 6-10, report symptoms like frequent coughing, breathlessness during play, dis...
