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ब्यूटी पार्लर में सुंदरता के बदले मिल सकती है बीमारियां 

सुंदरता आज के आधुनिक एवं उपभोक्तावाद के दौर में करियर के साथ सामाजिक प्रतिष्ठा का प्रमुख मानदंड बन गयी है। मौजूदा समय में माडलिंग, फिल्म एवं टेलीविजन और विज्ञापन एवं फैशन जैसे अेनक ऐसे क्षेत्रो का अभ्युदय हुआ है जहां सफलता की एकमात्र कुंजी सुंदरता ही बन गयी है। लेकिन आज के समय में फिल्म, टेलीविजन, फैशन आयोजनों एवं सौंदर्य प्रतियोगिताओं के असर के कारण न केवल इन क्षेत्रों से जुड़ी हुयी लड़कियों में बल्कि आम लड़कियों एवं गृहणियों में सुंदर बनने एवं दिखने की ललक तीव्र हुयी है। अपनी इस ललक की पूर्ति तथा अपनी शारीरिक सुंदरता में चार चांद लगाने के लिये महिलायें अक्सर ब्यूटी पार्लर का सहारा लेती हैं। महिलाओं के लिये ब्यूटी पार्लर जाना फैशन और स्टेटस सिम्बल बन गया है। कुछ साल पहले तक संभ्रांत परिवारों की महिलायें और महत्वाकांक्षी कामकाजी महिलायें ही ब्यूटी पार्लर जाती थीं लेकिन अब घरेलू महिलायें तथा मध्यम एवं निम्न तबकों की महिलायें भी नियमित तौर पर ब्यूटी पार्लर जाने लगी हैं। यही नहीं अब तो कमसिन लड़कियां और बच्चियां भी फैशन एवं सुंदरता के प्रति इतनी जागरुक हो गयी हैं कि वे अपने आप को सुंदर और आकर्षक दिखाने के लिये ब्यूटी पार्लर जाने लगी हैं। इसी का फायदा उठाते हुये गली-कूचे में ब्यूटी पार्लर खुल गये हैैं।


सुंदर बनने एवं दिखने के लिये ब्यूटी पार्लर जाना बुरी बात नहीं है लेकिन यह प्रवृत्ति एवं शौक उस वक्त महंगी साबित हो सकती है जब महिलायें ब्यूटी पार्लर से त्वचा रोगों की सौगात ले आती हैं। दरअसल ज्यादातर ब्यूटी पार्लरों में स्वच्छता एवं सेहत के मापदंडों का खुल्लमखुल्ला   उल्लंघन होता है।


इनमें से कई ब्यूटी पार्लरों में तौलिये और सौंदर्य उपकरणों की सफाई पर पूरा ध्यान नहीं दिया जाता है। एक ही तौलिये या उपकरण से कई ग्राहकों को निबटाया जाता है जिससे कई तरह के संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। जिन महिलाओं में पर्याप्त रोग प्रतिरोधक शक्ति नहीं होती है उन्हें संक्रमण लगने का अधिक खतरा रहता है। फेशियल करने में ब्रश, कील निकालने की स्लैक हैड एक्सप्रेशर, क्रीम, तौलिये आदि का इस्तेमाल होता है। लेकिन ज्यादातर ब्यूटी पार्लरों में ब्रश, तौलिये आदि धुले हुये नहीं होते हैं। एक ही डिब्बे की क्रीम का इस्तेमाल कई महिलाओं पर किया जाता है। स्लैक हैड एक्सप्रेशर भी स्टरलाइज किये हुये नहीं होते हैं जिससे कील निकालते वक्त संक्रमण हो सकता है। चेहरे के मसाज से पहले कई ब्यूटीशियन अपने हाथ भी साफ नहीं करती हैं। अगर ब्यूटीशियन को कोई त्वचा रोग हो या इससे पहले उसने त्वचा रोग वाली महिला का फेशियल, पैडीक्योर या मैनीक्योर किया हो तो त्वचा रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। यही नहीं अगर ब्यूटीशियन अच्छी तरह से प्रशिक्षित नहीं हो तो गलत मसाज से रक्त संचार में गड़बड़ी आ सकती है। कील निकालते वक्त जरा सी असावधानी होने पर चेहरे पर दाग आ सकते हैं या वहां जख्म हो सकते हैं।


वैक्सिंग के दौरान भी संक्रमण का खतरा अधिक रहता है। वैक्सिंग करने वाला कपड़ा यदि कीटाणु रहित नहीं हो या क्रीम और मोम में कीटाणु हों तो संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है। ब्यूटीशियन अगर वैक्सिंग के कपड़े को सही ढंग से नहीं उतार पाती है तो वहां जख्म बनने का भी खतरा रहता है। मैनीक्योर के जरिये हाथों और ऊंगलियोें को सुंदर और आकर्षक बनाया जाता है। इस दौरान नेल ब्रश से नाखूनों के बाहर और भीतर जमी मैल को साफ किया जाता है। क्यूटिकल पुशर की सहायता से नाखूनों के ऊपर बढ़ी हुयी त्वचा को पीछे की ओर ठीक से धकेला नहीं जाये तो त्वचा में जख्म हो सकते हैं। इससे नाखूनों की सील टूट सकती है और गंदा पानी अंदर घुसकर संक्रमण पैदा कर सकते हैं। इसी तरह पैडीक्योर के दौरान भी संक्रमण रहित क्यूटिकल पुशर का इस्तेमाल नहीं करने या गलत इस्तेमाल करने पर पैर के नाखूनों में भी जख्म हो सकते हैं। पैडीक्योर के लिये आमतौर पर साफ टब और उबले हुये का पानी का इस्तेमाल नहीं किया जाता है। पैडीक्योर करने के बाद बिना पानी बदले उसी पानी से दूसरी महिला का भी पैडीक्योर कर दिया जाता है। कई ब्यूटी पार्लरों में तो एक्जिमा और फंगस से संक्रमित व्यक्ति के पैडीक्योर के बाद भी पानी बदला नहीं जाता है। इससे दूसरे लोगों में भी ये बीमारियां लग जाती हैं।


आई ब्रो बनाने के समय भी ब्यूटीशियन हाथ धोये बगैर ही मसाज करती हैं। कई ब्यूटी पार्लरों में तो थ्रेडिंग के बाद एंटीसेप्टिक दवा भी नहीं लगायी जाती है। थ्रेडिंग के समय ब्यूटीशियन की सांस थ्रेडिंग कराने वाली महिला की संास से टकराती है। अगर ब्यूटीशियन को संास के जरिये फैलने वाली कोई बीमारी हो तो उस महिला को भी वह बीमारी हो सकती है। बाल कटाने के लिये ब्यूटी पार्लरों में एक ही कंघी और ब्रश का इस्तेमाल किया जाता हैं जिससे सिर में रूसी और अन्य त्वचा रोग होने का खतरा रहता है। हालांकि एड्स जैसे लाइलाज रोगों के संक्रमण का खतरा ब्यूटी पार्लरों में नहीं के बराबर होता है फिर भी ब्यूटी पार्लर जाने के मामले में सावधानी एवं सतर्कता बरतने की जरूरत है ताकि किसी भी तरह के संक्रमण लगने का खतरा नहीं हो। ब्यूटी पार्लर जाते समय अपने साथ तौलिया, ब्रश, कंघी आदि साथ ले जाना एक बेहतर उपाय हो सकता है। हालांकि कुछ ब्यूटी पार्लरों में साफ-सफाई और हाईजीन का पूरा ख्याल रखा जाता है फिर भी हमें अपनी तरफ से किसी तरह की असावधानी नहीं बरतनी चाहिये।


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