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डायबिटीज रोगियों को इंजेक्शन के दर्द से निजात दिलाता है इंसुलिन पंप

डायबिटीज के मरीजों को इंसुलिन के इंजेक्शन के दर्द से निजात दिलाने के लिए अब बाजार में इंसुलिन पंप मौजूद हैं। दुनिया भर में इस बीमारी के मरीजों की तादाद सबसे ज्यादा है और हर रोज इनमें से कई रोगियों को इंसुलिन इंजेक्शन के दर्द से दो-चार होना पड़ता है। इन मरीजों के लिए इंसुलिन पंप के जरिए दवाई इंजेक्ट करना एक बेहद आसान तरीका है। यह रोज इंसुलिन इंजेक्शन लेने से मुक्ति दिलाता है।
इंसुलिन पंप क्या है
इंसुलिन पंप असल में एक छोटा मैकेनिकल डिवाइस है, जो देखने में पेजर की तरह दिखता है। इसे शरीर के बाहरी हिस्से में पॉकेट या बेल्ट पर लगाया जाता है। इंसुलिन पंप में इंसुलिन के लिए एक जलीय क्षेत्र, एक छोटी सी बैटरी और एक पंप होता है। इस डिवाइस में इन्फ्यूजन सेट के माध्यम से इंसुलिन पहुंचता है। इन्फ्यूजन सेट प्लास्टिक की एक बारीक नली होती है, जिसका एक सिरा प्लास्टिक के बने लचीले कैन्युला या सूई में होता है। इस इंसर्सन डिवाइस की मदद से सुई को आसानी से त्वचा के अंदर डाल दिया जाता है। इसके बाद मरीज खुद इंफ्लूजन सेट में इंसुलिन भर सकते हैं और हर दो तीन दिन पर सेट बदल सकते हैं। 
पंप को लगाने का तरीका
पहले 10 से 12 दिन तक मरीज की डायबिटीज की जांच की जाती है। उसके बाद यह पंप लगाया जाता है। साथ ही, रोगी को इसे लगाना भी सिखाया जाता है। दरअसल, हर तीसरे दिन इस पंप की नीडल बदली जाती है, जिसे रोगी खुद बदल सकता हैं। 
इंसुलिन पंप के फायदे 
इंसुलिन पंप, रक्त शर्करा नियंत्रण करने में मदद कर सकता है। इंसुलिन लेने से रक्त में बार-बार शर्करा के उच्च स्तर और निम्न स्तर होने से बचाने में मदद मिलती है। इंसुलिन पंप किसी भी प्रकार के डायबिटीज के मरीजों में शर्करा की मात्रा को सामान्य बनाए रखने, यौन क्षमता को बेहतर बनाने और न्यूरोपैथी की वेदना से छुटकारा दिलाने में कारगर हैं। इंसुलिन पंप थेरेपी खासकर डायबिटीज टाइप 1 और टाइप 2 के मरीजों के लिए फायदेमंद है। रोगी को एक महीने में पंप से सिर्फ 6 से 8 बार इंजेक्शन लेना होगा, जबकि इंजेक्शन से इंसुलिन के लिए रोगी को 90 से 120 बार इंजेक्शन लेना पड़ता है। 
बच्चों के लिए भी वरदान है इंसुलिन पंप
बच्चों के लिए तो यह बहुत बढ़िया है। इसे लगाकर बच्चे कुछ भी खा सकते हैं, बल्कि अपने पसंदीदा आउटडोर गेम्स का भी मजा उठा सकते हैं। इंसुलिन पंप पद्धति का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसकी मदद से बच्चों को रोजाना लगने वाले इंसुलिन के इंजेक्शनों से छुटकारा मिल सकता है। भारत में लाखों बच्चे टाइप 1 डायबिटीज से पीड़ित हैं, और उन्हें इंसुलिन के इंजेक्शन का दर्द भी सहन करना पड़ता है। लेकिन अब इंसुलिन पंप के आ जाने से उन्हें दर्द से छुटकारा मिल जाएगा।
इंसुलिन पंप की कीमत
इस पंप की कीमत 1 लाख रुपये से साढ़े तीन लाख रुपये के बीच है। जबकि, इंसुलिन पर हर महीने करीब साढ़े 4 हजार रुपये खर्च होते हैं। 
हालांकि इंसुलिन पंपों के इस्तेमाल में कुछ सावधानियां बरतने की भी आवश्यकता है। क्योंकि इंसुलिन पंप एक मकैनिकल डिवाइस है। और ऐसे में पंप की कोई भी गड़बड़ी मरीज पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। ऐसे में जानकार से मशीन की जांच करानी चाहिए।


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