दुर्घटना के दौरान होने वाले अत्यधिक आघात के कारण अस्पतालों में सड़क दुर्घटना के शिकार काफी लोगों का मस्तिष्क मृत हो जाता है। हालाँकि, पीड़ितों में से कुछ पीड़ित के परिवार वाले पीड़ित के दिमागी तौर पर मृत होने के बाद भी कार्य कर रहे उनके अंगों को दान कर दूसरों की जान बचाने के लिए आगे आते हैं जबकि कुछ पीड़ित के परिवार वाले ऐसा नहीं करते हैं।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल, शालीमार बाग के मूत्रविज्ञान एवं गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग के प्रमुुख कंसल्टेंट डॉ. वाहीद जमान ने कहा, ''औसतन, एक अंग दाता अपने अंगों को दान करके अपने जीवन में आठ से अधिक जीवन बचा सकता है। हमारा मानना है कि लोगों विशेषकर युवाओं को इस बारे में जानकारी प्रदान करने की अत्यंत आवश्यकता है कि कैडेवरिक दान क्या है, इसे कैसे किया जाता है और इसके साथ क्या जोखिम हैं। इससे समाज में इस प्रक्रिया के साथ जुड़े विभिन्न मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी और कैडवेरिक अंग दान को बढ़ावा मिलेगा।''
अक्सर अंग दान शब्द जीवित दाता अंग दान की सोच तक ही सीमित होती है, जहां एक व्यक्ति अपने गुर्दे, लीवर का एक हिस्सा किसी प्रियजन को दान करता है ताकि उन्हें जीवित रहने में मदद मिल सके। हालांकि, एक औसत मानव शरीर मस्तिष्क की मृत्यु के बाद भी अंग दान के माध्यम से किसी को जीवन देने में सक्षम है, जिसे कैडवरिक अंग दान के नाम से व्यापक रूप से जाना जाता है।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल शालीमार बाग के न्यूरोलाॅजी विभाग के प्रमुख कंसल्टेंट डाॅ. मनोज खनाल ने कहा, ''हालांकि, किसी परिवार के लिए अपने प्रिय व्यक्ति के दिमागी तौर पर मृत हो जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण होता है। लेकिन साथ ही उस परिवार के लिए मृतक रोगी की शक्ति, अंग दान के माध्यम से किसी के जीवन को बचाने की शक्ति को समझना उतना ही आवश्यक है।
कैडेवरिक दान में, डॉक्टरों की एक टीम दिमागी तौर पर मृत मरीज से अंगों को लेती है और मौत की कगार पर पहुंच चुके रोगी या आंशिक रूप से बीमार रोगी के जीवन को बचाने के लिए उसमें अंगों को प्रत्यारोपित करती है। ऐसे मामलों में जिन अंगों को दान किया जा सकता है वे हैं - हृदय, लीवर, फेफड़े, गुर्दे, अग्न्याशय और साथ ही त्वचा, कॉर्निया, टेंडन, हड्डी के ऊतक।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल, शालीमार बाग के न्यूरोसर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा, ''चिकित्सा विज्ञान में होने वाली प्रगति के प्रमुख उदाहरणों में से एक उदाहरण कैडवेरी अंग प्रत्यारोपण भी है। हालांकि, हमारे देश में इसकी सफलता इस प्रक्रिया के प्रति दाता के परिवार के दृष्टिकोण से काफी हद तक निर्धारित होती है। इसलिए, अंग दान से पहले हमारा और साथ ही डॉक्टर को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उसका परिवार अंग दान की पूरी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझता हो और अंग दान करने से पहले पूरी तरह से सहज हो।''
अंग दान पर जागरूकता बढ़ाने के लिए, इस प्रक्रिया से संबंधित मौजूदा गलत धारणाओं को दूर करना और इससे जुड़े जोखिमों को समझना अनिवार्य है। हम में से हर व्यक्ति मृत्यु होने पर अंग दान कर 7 जीवन बचा सकता है। हम में से हर व्यक्ति ऊतक दान कर 50 से अधिक जीवन को बढ़ा सकता है। यहां तक कि अपनी मृत्यु के बाद भी हम किसी को जीवन दे सकते हैं। हमारे पास देने के लिए काफी है।
दिमागी तौर पर मृत व्यक्ति अंग दान कर 7 से अधिक लोगों की जान बचा सकता है
~ ~
SEARCH
LATEST
6-latest-65px
POPULAR-desc:Trending now:
-
- Vinod Kumar मस्तिष्क में खून की नसों का गुच्छा बन जाने की स्थिति अत्यंत खतरनाक साबित होती है। यह अक्सर मस्तिष्क रक्त स्राव का कारण बनती ह...
-
विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी लेकिन कोरोना से बच नहीं पाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक...
-
INDIAN DOCTORS FOR PEACE AND DEVELOPMENT An international seminar was organised by the Indian Doctors for Peace and Development (IDPD) at ...
-
अत्यधिक प्रतीक्षित इंडो इंटरनेशनल फैशन कार्निवल एंड अवार्ड्स सीजन 2: मिस, मिसेज और मिस्टर स्टार यूनिवर्स ने एक शानदार लोगो लॉन्च इवेंट के सा...
-
The woman in the picture with a smile is Salwa Hussein !! She is a woman without a heart in her body. She is a rare case in the world, as...
Featured Post
Air Pollution Fuels Alarming Rise in Childhood Asthma Cases (On World Asthma Day - 6 May)
- Vinod Kumar, Health Journalist In a month, 3-4 kids, aged 6-10, report symptoms like frequent coughing, breathlessness during play, dis...
