स्वास्थ्य के सिर्फ पांच कारणों का मुकाबला कर लाखों लोगों की समयपूर्व मृत्यु को रोका जा सकता है और लोगों की आयु औसतन पांच साल बढ़ सकती है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार विश्व में हर साल होने वाली 60 मिलियन समयपूर्व मुत्यु में से करीब एक चौथाई मृत्यु का कारण बाल्यावस्था में खराब पोषण, असुरक्षित यौन संबंध, शराब का सेवन, शौचालय और हाइजिन की खराब व्यवस्था तथा उच्च रक्तचाप है।
गरीब देशों में जहां खराब पोषण स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा है वहीं अमीर देशों में मोटापा और अधिक वजन स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है। विश्व में कम वजन के कारण होने वाली मुत्यु की तुलना में मोटापा और अधिक वजन मृत्यु का एक बड़ा कारण बन गया है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य के कुछ बड़े और विस्तृत खतरों का सामना कर रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 24 बड़े स्वास्थ्य खतरों का परीक्षण कर उनकी पहचान करने और मूल्याकंन करने की सिफारिश की है जिससे नीति निर्माताओं को विस्तृत रूप से और कम खर्च में ही स्वास्थ्य में सुधार के लिए रणनीति बनाने में मदद मिलेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि स्वास्थ्य में सुधार के फायदे कई गुना होते हैं। गरीबों में बीमारी का भार कम होने पर उनकी आमदनी में वृद्धि हो सकती है जिससे बाद में स्वास्थ्य समस्याओं को कम करने में सहायता मिलेगी।
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि हालांकि धूम्रपान, मोटापा और अधिक वजन जैसे स्वास्थ्य के कुछ बड़े और खतरनाक कारणों का संबंध आम तौर पर उच्च आय वाले देशों से होता है लेकिन विश्व में बीमारियों का कुल भार का तीन चौथाई से अधिक गरीब और विकासशील देशों में पैदा होता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, ''स्वास्थ्य के खतरे अभी परिवर्तन के दौर में हैं। एक तरफ तो संक्रामक बीमारियों पर सफलता पाने के कारण लोगों की उम्र बढ़ी है लेकिन दूसरी तरफ शारीरिक सक्रियता और भोजन, अल्कोहल तथा तम्बाकू की खपत के तौर-तरीकों में बदलाव आया है। विश्व स्वास्थ्य में सुधार के लिए स्पष्ट और प्रभावकारी रणनीतियों को बनाने में इन खतरों की भूमिका को समझना महत्वपूर्ण है।''
जेनेवा की यू. एन. हेल्थ एजेंसी ने विश्व में मृत्यु के सबसे अधिक खतरों के रूप में उच्च रक्तचाप, तम्बाकू का इस्तेमाल, उच्च रक्त शर्करा, शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा या अधिक वजन को नामांकित किया है। उच्च रक्तचाप विश्व में 13 प्रतिशत मृत्यु के लिए जिम्मेदार है जबकि तम्बाकू का इस्तेमाल 9 प्रतिशत मृत्यु के लिए, उच्च रक्त शर्करा 6 प्रतिशत मृत्यु के लिए, शारीरिक निष्क्रियता 6 प्रतिशत मृत्यु के लिए और मोटापा या अधिक वजन 5 प्रतिशत मृत्यु के लिए जिम्मेदार हैं।
ये कारण पुरानी बीमारियों और हृदय रोग, मधुमेह और कैंसर जैसे सबसे बड़े हत्यारे का खतरा बढ़ाते हैं और सभी देशों के उच्च, मध्यम और निम्न आय वर्ग वाले सभी समूहों को प्रभावित करते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा किये गए इस अध्ययन में सन् 2004 से लेकर ताजा उपलब्ध आंकड़ों का इस्तेमाल किया गया और इसमें यह देखा गया कि स्वास्थ्य किस तरह एक विश्व समस्या बनती जा रही है। संगठन ने चेतावनी दी है कि विकासशील देशों को अब स्वास्थ्य के खतरों का दोगुना सामना करना पडे़गा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक गरीब देश निर्धनता, कुपोषण, असुरक्षित यौन संबंध, असुरक्षित पानी और शौचालय के कारण अब भी स्वास्थ्य समस्या का अधिक सामना कर रहे हैं। साथ ही साथ गलत खान-पान के कारण उच्च रक्त चाप, कोलेस्ट्रॉल और मोटापा, शारीरिक सक्रियता में दोगुनी कमी बीमारियों के कुल भार को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं।
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