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गर्भ निरोधक गोलियों के दुष्प्रभाव से कैसे रहें मुक्त 

अनचाहा और असामयिक गर्भ न केवल किसी महिला के स्वास्थ्य पर असर डालता है बल्कि वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित करता है। कुछ महिलाएं अनचाहा गर्भ ठहरने पर गर्भपात (एबार्शन) का सहारा लेती हैं। लेकिन ऐसा करना सही नहीं है, क्योंकि गर्भपात के काफी दुश्प्रभाव हो सकते हैं। इसलिए बेहतर है कि गर्भपात कराने की नौबत ही न आने दी जाए। अनचाहा गर्भ को रोकने के लिए गर्भ निरोधक उपायों का इस्तेमाल करना बेहतर है लेकिन कई महिलाओं को गर्भ निरोधक उपायों के बारे में सही-सही जानकारी नहीं होती है। जैसे यदि हम गर्भनिरोधक गोली की ही बात करें तो कई महिलाएं इनका सेवन नहीं करना चाहती हैं क्योंकि वे इनके दुष्प्रभाव से डरती हैं। लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता है कि अनचाहे गर्भ से बचने का सबसे आम उपाय गर्भनिरोधक गोलियों का इस्तेमाल है। आजकल महिलाओं के लिये कई सस्ती, सुरक्षित, प्रभावी और आसानी से उपलब्ध होने वाली गर्भ निरोधक गोलियां मौजूद हैं। लेकिन आपको इनका चयन अपनी जरूरत, स्वास्थ्य और पहले से मौजूद चिकित्सकीय इतिहास को ध्यान में रखते हुए डाॅक्टर की परामर्श से करना चाहिए।
गर्भ निरोधक गोलियों के प्रकार
गर्भ निरोधक गोलियां मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं- मिश्रित गर्भनिरोधक गोलियां (कंबाइंड बर्थ कंट्रोल पिल्स) और मिनी पिल। कंबाइंड पिल का पूरा नाम, कम्बाइंड ओरल कंट्रासेप्टिव पिल या सीओसीपी है जबकि मिनी पिल का पूरा नाम प्रोजेस्टिन ओनली पिल या पीओपी है। कम्बाइंड बर्थ कंट्रोल पिल्स में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टिन हार्मोन होते हैं जबकि मिनी-पिल में सिर्फ प्रोजेस्टिन हार्मोन होता है। लेकिन इन दोनों प्रकार की गर्भ निरोधक गोलियों को अधिकतर लोग 'गर्भनिरोधक गोली' या 'कंट्रासेप्टिव पिल' के नाम से ही जानते हैं।
कैसे करें गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
कम्बाइंड बर्थ कंट्रोल पिल्स 
कम्बाइंड बर्थ कंट्रोल पिल्स 21 दिन और 28 दिन के पैक में होती है और इन्हें इसके पैक पर लिखे निर्देश के अनुसार लेना जरूरी होता है। 21 दिन वाली गोलियों को 21 दिन तक एक ही वक्त पर लेना होता है। उसके बाद अगले 7 दिनों तक कोई गोली नहीं लेनी होती है। आमतौर पर इस दौरान आपका पीरियड आएगा। 7 दिन बाद आप फिर से गोलियां लेना शुरू करेंगी। 28 दिन वाली गोलियों को महीने के 28 दिन एक ही वक्त पर लेना होता है। इनमें से कई गोलियों में हार्मोन नहीं होते और कुछ में केवल एस्ट्रोजेन होता है। इनको लेते हुए आपको 4 से 7 दिनों तक रक्तस्राव हो सकता है। इसके लिए घबराने की कोई जरूरत नहीं है। तीन महीने वाली कम्बाइंड बर्थ कंट्रोल पिल्स को 84 दिनों तक हर दिन एक ही वक्त लेना होता है। उसके बाद अगले 7 दिनों तक गोलियों में हार्मोन नहीं होंगे या कुछ में केवल एस्ट्रोजेन होंगे। इनको लेते हुए आपको हर 3 महीने में एक बार 7 दिनों तक रक्तस्राव हो सकता है। कम्बाइंड बर्थ कंट्रोल पिल्स एक साल के पैक में भी आती हैं जिन्हें एक साल तक हर दिन एक ही वक्त लेना होता है।
आप गोलियों को नियमित समय पर लेने की कोशिश करें। वैसे तो आप गोलियां दिन के किसी भी समय ले सकती हैं परन्तु ज्यादातर महिलाएं इसे रात में लेना पसंद करती हैं क्योंकि उनके रात को सोने से पहले की प्रक्रिया रोजाना एक समान ही होती हैं और उन्हें इन गोलियों को लेना याद रहता है। फिर भी, यदि आप किसी दिन गोली लेना भूल जाती हैं तो अगले दिन जब भी याद आए तब वह गोली ले लें। फिर रात में नियमानुसार दूसरी गोली लें। लेकिन यदि आप एक से अधिक दिन तक गोलियां नहीं लेती हैं तो फिर आपको हल्का रक्तस्राव हो सकता है। लेकिन इसमें घबराने वाले कोई बात नहीं है। बस, आप पीरियड आने तक साथ में कंडोम जैसे अन्य गर्भनिरोधक उपाय का भी इस्तेमाल करें ताकि आप गर्भ ठहरने से सुरक्षित रह सकें।
मिनी पिल
यदि आप सिर्फ प्रोजेस्टिन वाली गोलियां 'मिनी पिल' लेती हैं तो इसे समयानुसार लेना आवश्यक है। कुछ घंटों की लापरवाही की वजह से भी आप गर्भवती हो सकती हैं। मिनी पिल गर्भ ग्रीवा से स्रावित द्रव को गाढ़ा करती है, जिससे शुक्राणु गर्भ के अंदर नहीं पहुंच पाते और इस प्रकार गर्भाधारण नहीं होता है। मिनी पिल के इस्तेमाल के मामले में अधिक सावधानी बरतने की जरूरत होती है। आप रोजाना एक ही समय के 3 घंटों के अंदर-अंदर गोली ले लें। यदि आप ऐसा करना भूल जाती हैं तो अगले 48 घंटों के लिए कोई दूसरा निरोध का उपाय भी करें। उदाहरण के तौर पर, यदि आप गोली रोजाना रात को 8 बजे लेती हैं, और किसी दिन 12 बजे तक भूल गयी तो गोली ले लें पर अगले 48 घंटों के लिए कंडोम जैसा कोई दूसरा निरोधक का भी प्रयोग करें। अब तो मॉयपिल और लेडी पिल रिमाईंडर जैसे कुछ मोबाइल ऐप भी उपलब्ध हैं जो आपको गोली लेने के बारे मे याद दिलाते हैं।
बाजार में उपलब्ध गर्भनिरोधक गोलियां 
बाजार में अभी कई प्रकार की गर्भनिरोधक गोलियां उपलब्ध हैं जिनमें से कुछ गर्भनिरोधक गोलियां गर्भनिरोध के मामले में काफी प्रभावी तो हैं ही, साथ ही साथ सुरक्षित भी हैं। भारत में वर्तमान में अनवांटेड 21 डेज, यास्मिन, बंधन, सहेली, सेंट्रन, माला डी, ट्राईक्यूलार, ओवेराल-एल, लोएट, नोवेलोन, फेमिलोन, यासमीन इत्यादि जैसी गर्भनिरोधक गोलियां प्रचलन में हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों के लाभ
इन गोलियों का उचित समय पर इस्तेमाल करने पर गर्भनिराध के मामले में यह 99 प्रतिषत तक प्रभावी होती हैं। गर्भनिरोध के अलावा इन गोलियों के और भी कई फायदे हैं। जैसे- ये गोलियां पीरियड के समय होने वाली ऐंठन को कम करती हैं, पीरियड के दौरान अधिक रक्तस्राव को भी रोकती हैं और पेल्विक इंफ्लामेट्री डिजीज से बचाव करती हैं। इस प्रकार ये एनीमिया से बचाती हैं। यही नहीं, ये गोलियां अंडाशय, गर्भाशय, बड़ी आंत और इंडोमेट्रियल कैंसर की संभावना को भी कम करती हैं, एक्टोपिक प्रेगनेंसी से बचाती हैं और पोलिसिस्टिक ओवरी सिन्ड्रोम (पीसीओ) की वजह से एन्ड्रोजन के अधिक उत्पादन को कम करती हैं।
गर्भनिरोधक गोलियों के दुष्प्रभाव
अधिकतर महिलाओं पर गर्भनिरोधक गोलियों का कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। कुछ महिलाओं को थोड़ी-बहुत परेशानी होती है, जो 3-4 माह तक गोली का सेवन करने पर स्वतः दूर हो जाती है। कुछ महिलाओं को छाती में दर्द और भारीपन, उल्टी और मिचली होती है। कभी-कभी गोली से चेहरे पर झाइंयां पड़ जाती हैं। कभी-कभी महिला को दो पीरियड के बीच में भी हल्का रक्तस्राव हो जाता है। इसके कुछ सामान्य दुष्प्रभाव हैं - कंडोम की तरह ये यौन रोग या एच.आई.वी से नही बचाती हैं, दिल के दौरे और स्ट्रोक की संभावना को बढ़ाती हैं, खून का थक्का बनने की संभावना को बढ़ाती हैं, उच्च रक्तचाप की संभावना को बढ़ाती हैं, लीवर ट्यूमर, गॉलस्टोन और पीलिया की संभावना को बढ़ाती हैं। कुछ महिलाओं में इनके सेवन से घबराहट और उल्टी, सिर दर्द, डिप्रेशन, वजन में वृद्धि, अनियमित रक्तस्राव जैसी समस्याएं हो सकती हैं। लेकिन इसके दुष्प्रभाव इसके फायदों की तुलना में काफी कम हैं। 
गर्भनिरोधक गोली के सेवन के पूर्व क्या सावधानी बरतनी चाहिए?
यह गोली शरीर में रक्त के जमने की प्रक्रिया पर प्रभाव डालती है और पैरों में खून के जमने की संभावना को बढ़ाती है। इसलिए जिन महिलाओं में हृदय रोग, मोटापा, हार्ट अटैक या अधिक रक्तचाप जैसी बीमारी हो या इनकी संभावना हो तो उन्हें गर्भनिरोधक गोली का सेवन नहीं करना चाहिए। 


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