1. मिथक: गुर्दे की पथरी की बीमारी में बियर का सेवन लाभदायक साबित होता है।
तथ्य: बियर गुर्दे की पथरी की बीमारी में लाभदायक साबित नहीं होती है, बल्कि यह गुर्दे में पथरी पैदा करती है। यह शरीर के महत्वपूर्ण तरल पदार्थ को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाती है। इसके अलावा, बियर में ऐसे कई रसायन होते हैं जो गुर्दे की पथरी पैदा कर सकते हैं।
2. मिथक: मुझे गुर्दे की पथरी नहीं होनी चाहिए क्योंकि मेरेे परिवार में किसी को भी गुर्दे की पथरी नहीं हुई है।
तथ्य: जिन लोगों में गुर्दे की पथरी का पारिवारिक इतिहास होता है, उनमें वैसे लोगों की तुलना में जिनमें गुर्दे की पथरी का इतिहास नहीं होता है, गुर्दे की पथरी होने का खतरा 2.5 गुना अधिक होता है। गुर्दे की पथरी से पीड़ित अधिकतर लोगों में वास्तव में पारिवारिक इतिहास नहीं होता है।
3. मिथक: दर्द खत्म हो जाने का अर्थ पथरी का गायब हो जाना है।
तथ्य: तथ्य यह है कि जो पथरी पहले दर्द पैदा कर रही थी, लेकिन अब दर्द पैदा नहीं कर रही है, इस बात का संकेत नहीं है कि पथरी निकल चुकी है। वास्तव में, कई बार, दर्द अचानक बंद हो जाता है क्योंकि गुर्दा कार्य करना बंद कर देता है। यहां तक कि अल्ट्रासाउंड में भी पथरी नहीं दिखने पर इस बात की पुष्टि नहीं हो सकती कि पथरी निकल चुकी है।
4. मिथक: किसी भी व्यक्ति को पथरी से छुटकारा पाने के लिए काफी मात्रा में सभी प्रकार के तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
तथ्य: गुर्दे की पथरी को रोकने और इसका इलाज करने के लिए सबसे बेहतर गांरटीशुदा तरल पदार्थ काफी मात्रा में पानी पीना है। लेकिन विशेष रूप से चीनी या नमक के बगैर नींबू- पानी लेना पथरी की बीमारी में काफी हानिकारक साबित हो सकता है। चाय, कॉफी, सोडा, शीतल पेय जैसे अन्य सभी तरल पदार्थ का सेवन कम मात्रा में किया जाना चाहिए! ये सभी तरल पदार्थ मूत्र के प्रवाह को तो बढ़ा सकते हैं लेकिन दरअसल ये शरीर के अपने तरल पदार्थ का नुकसान पहुंचाते हैं।
5. मिथक: ''फ्लशिंग'' / ''लैसिक्स थेरेपी'' या ''फ्ल्युड डियूरेसिस'' से पथरी से छुटकारा मिल सकता है।
तथ्य: इस बात के कोई भी चिकित्सकीय साक्ष्य उपलब्ध नहीं है कि लैसिक्स थेरेपी / फोस्र्ड डियूरेसिस पथरी से छुटकारा पाने में मदद करता है। इस तथ्य के बावजूद, इस प्रकार की चिकित्सा का सबसे अधिक दुरुपयोग हो रहा है।
यदि गुर्दे में पथरी है तो मूत्र प्रवाह में वृद्धि से यह प्रभावित नहीं होगी। यदि पथरी मूत्रवाहिनी में है, और यह उस तंत्र में अवरोध पैदा कर रही है, तो ''फ्लशिंग'' इतना खतरनाक साबित हो सकता है कि इससे रोगी की मौत भी हो सकती है। कुछ चिकित्सक गलत तरीकों से इलाज करने की कोशिश करते हैं इसलिए आपात स्थिति में लाये गये रोगियों में सभी मूत्र रोग विशेषज्ञ सेप्टिसीमिया पाते हैं।
6. मिथक: पथरी को सर्जरी से निकालना बेकार होता है क्योंकि पथरी दोबारा बन सकती है।
तथ्य: सर्जरी से पथरी को निकालना दरअसल नयी पथरी बनने का कारण नहीं हो सकती! मूत्र रोग विशेषज्ञ पथरी को दोबारा बनने से रोकने के लिए रोगी को आम तौर पर विस्तृत आहार और चिकित्सीय सलाह देते हैं। इसलिए सलाह पर कड़ाई से अमल करना रोगी और चिकित्सक दोनों का कर्तव्य बन जाता है।
7. मिथक: कैल्शियम युक्त दूध पीने से गुर्दे की पथरी हो सकती है।
तथ्य: अपने भोजन में एक गिलास दूध या दही को शामिल करने और मैग्नीशियम युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन करने से आक्जेलेट को बांध कर रखने और गुर्दे की पथरी की रोकथाम करने में सहायता मिलती है। दूध और कैल्शियम युक्त दवाओं के सेवन से भी गुर्दे की पथरी के निर्माण पर किसी भी प्रकार का कोई प्रभाव नहीं देखा गया है। हालांकि मांस, चिकन और मछली जैसे अधिक प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
8. मिथक: केवल पुरुषों में ही गुर्दे की पथरी होती है।
तथ्य: महिलाओं को भी गुर्दे की पथरी होती है। यहां तक कि बच्चों में भी गुर्दे की पथरी हो सकती है। हालांकि पुरुषों में महिलाओं की तुलना में गुर्दे की पथरी अधिक बार होने की प्रवृति होती है। गुर्दे की पथरी से पीड़ित महिलाओं की संख्या बढ़ रही है। यहां तक कि बच्चों को भी गुर्दे की पथरी हो सकती है, लेकिन अक्सर वयस्कों की तुलना में कम होती है। यदि आपका गुर्दे की पथरी का पारिवारिक इतिहास है, तो आपमें भी गुर्दे की पथरी होने की अधिक संभावना होगी। ऐसा माना जाता है कि गुर्दे की पथरी के पारिवारिक इतिहास वाले कुछ लोगों में दोषपूर्ण जीन होते हैं जिसके कारण उनके मूत्र में अतिरिक्त कैल्शियम होता है।
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