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न्यूरो रोगों के लक्षणों की अनदेखी हो सकती है खतरनाक 

क्या आपको अचानक सिर दर्द होने लगता है? क्या आपकी स्मृति में धीरे- धीरे कमी आ रही है? क्या आपको अक्सर चक्कर आते हैं, दौरे पड़ते हैं या आप अंगों में कंपन अनुभव करते हैं? यदि हाँ, तो आप तुरंत न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ से परामर्श करें क्योंकि आपके लक्षणों का मूल कारण मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी के डिसआर्डर हो सकते हैं।
भारत में न्यूरो से संबंधित डिसआर्डर को अब भी बहुत अधिक नजरअंदाज किया जाता है जो कि स्वास्थ्य से संबंधित चिंता का विषय है। न्यूरो से संबंधित बीमारियों के लक्षणों से पीड़ित लोग या तो अपनी स्थिति की गंभीरता से अनजान बने हुए हैं या इसे उम्र बढ़ने का एक सामान्य लक्षण समझकर विशेषज्ञों से परामर्श नहीं लेते हैं। हालांकि, यह रेखांकित करना आवष्यक है कि ऐसी स्थितियों में रोग के बढ़ने की जांच करने के लिए और उनके लक्षणों का इलाज करने के लिए चिकित्सा हस्तक्षेप की आवश्यकता है। 
न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. सतवंत सचदेवा ने कहा, ''भारत में न्यूरो संबंधित बीमारियों के बारे में जागरूकता की काफी कमी है। ज्यादातर लोगों को यह पता ही नहीं होता है कि अचानक शुरू होने सिर दर्द को डॉक्टर को अवष्य दिखाना चाहिए क्योंकि यह सब- ड्युरल हीमैटोमा या यहां तक कि ब्रेन ट्यूमर जैसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। अधिकतर लोगों का यह भी मानना है कि स्मृति में कमी या अंगों में कमजोरी उम्र बढ़ने का ही सामान्य लक्षण है जबकि यह अल्जाइमर या पार्किंसंस रोग का संकेत हो सकता है। हमारे शिविर का उद्देश्य न्यूरो संबंधित बीमारियों के लक्षणों वाले सभी लोगों को विषेशज्ञ से परामर्श लेने के लिए प्रोत्साहित करना है।
मुख्य और बाहरी अंगों (पेरिफेरल) के तंत्रिका तंत्र के रोगों को न्यूरोलाॅजिकल डिसआर्डर कहा जाता है। दूसरे शब्दों में, मस्तिष्क, रीढ़ की हड्डी, कपाल नसों, पेरिफेरल नव्र्स, नर्व रूट्स, आटोनाॅमिक नर्वस सिस्टम, न्यूरोमस्कुलर जंक्षन और मांसपेशियों के डिसआर्डर से संबधित स्थितियां न्यूरोलाॅजिकल बीमारियां होती हैं। इन स्थितियों में मिर्गी, डिमेंषिया, स्ट्रोक, माइग्रेन, मल्टीपल स्क्लेरोसिस, पार्किंसंस रोग, न्यूरो संक्रमण, ब्रेन ट्यूमर, तंत्रिका तंत्र के ट्राॅमेटिक डिसआर्डर शामिल हो सकते हैं और ये कुपोषण का परिणाम हो सकते हैं। बैक्टीरियल, वायरल, फंगल और परजीवी के संक्रमण भी तंत्रिका तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, दुनिया भर में लाखों लोग न्यूरो से संबंधित बीमारियों से प्रभावित हैं। हर साल स्ट्रोक के कारण 60 लाख से अधिक लोगों की मौत हो जाती है और इन मौतों में से 80 प्रतिशत से अधिक मौत भारत जैसे निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती है। दुनिया भर में 5 करोड़ से अधिक लोगों को मिर्गी की बीमारी है। अनुमान लगाया है कि दुनिया भर में 4 करोड़ 75 लाख लोग डिमेंसिया से पीड़ित हैं और हर साल डिमेंसिया के 77 लाख नये मामले सामने आते हैं। अल्जाइमर रोग डिमेंसिया का सबसे आम कारण हैं और डिमेंसिया के 60-70 प्रतिषत मामले अल्जाइमर रोग से ही संबंधित होते हैं। माइग्रेन से दुनिया भर में 10 प्रतिषत से अधिक लोग पीड़ित होते हैं।


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