इस प्रक्रिया के तहत, सर्जन कूल्हे के जोड़ के क्षतिग्रस्त हिस्सों को हटा देता है, और आम तौर पर उनकी जगह धातु और बहुत कठोर प्लास्टिक से बने प्रोस्थेसिस को लगा देता है। यह प्रोस्थेसिस दर्द को कम करने में मदद करता है और चलने-फिरने की क्षमता एवं गतिशीलता में सुधार करता है।
हिप रिप्लेसमेंट क्यों किया जाता है?
- ऑस्टियोआर्थराइटिस - यह स्लिक कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाता है जो हड्डियों के सिरों को ढंकता है और जोड़ों को सुचारू रूप से मूव करने में मदद करता है।
- रह्युमेटाॅयड आर्थराइटिस - यह प्रतिरक्षा प्रणाली के अति-सक्रिय हो जाने के कारण होता है और एक प्रकार का इंफ्लामेशन पैदा करता है जो हड्डी और कार्टिलेज को नुकसान पहुंचाता है और जोड़ों को खराब कर देता है।
- ओस्टियोनेक्रोसिस - यह कूल्हे के जोड़ों के बाॅल वाले हिस्से में रक्त की अपर्याप्त आपूर्ति के कारण होता है, जिसके कारण हड्डी टूट सकती है और खराब हो सकती है।
यदि आप कूल्हे के दर्द से पीड़ित हैं जो दर्दनिवारक दवा के सेवन के बावजूद बना रहता है और चलने पर बढ़ जाता है, इसके कारण आपकी नींद मे व्यवधान पड़ता है और आपको चलने-फिरने में दिक्कत होती है, तो आपको डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।
हिप रिप्लेसमेंट कैसे किया जाता है?
अगर आपको किसी दुर्घटना या अन्य कारण से आपातकालीन चिकित्सा की जरूरत नहीं होती है, तब आपकी सर्जरी कई सप्ताह पहले ही निर्धारित कर ली जाएगी। यह 1-3 घंटे की लंबी प्रक्रिया है और जेनरल या लोकल एनीस्थिसिया देकर की जाती है जो आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करेगा।
प्रक्रिया के बाद
सर्जरी समाप्त होने के बाद स्वास्थ्यकर्मी आपके महत्वपूर्ण संकेतों की निगरानी करेंगे और आपको दर्द के लिए दवा देंगे। आपकी हालत स्थिर होने पर आपको अस्पताल के वार्ड में स्थानांतरित कर दिया जाएगा। आपको अस्पताल में 3-5 दिनों तक रहना पड़ सकता है।
सर्जरी के एक दिन बाद, फिजिकल थेरेपिस्ट आपको उठने और कुछ कदम चलने में मदद करेंगे। कुछ रोगी अस्पताल से छुट्टी के तुरंत बाद घर जा सकते हैं, हालांकि उन्हें ओपीडी में फिजिकल थेरेपिस्ट से लगातार फिजियोथेरेपी कराना जारी रखना पड़ता है, जबकि कुछ रोगी अतिरिक्त देखभाल और इन-पेशेंट थेरेपी के लिए रिहैबिलिटेशन फैसिलिटी में जाने का विकल्प चुन सकते हैं। सीमेंटेड ज्वाइंट प्रोस्थेसिस को रिकवरी में लंबा समय लगता है।
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