फाइब्रॉएड नॉन-कैंसरस (सौम्य) ट्यूमर होते हैं, जो गर्भाशय की मांसपेशी की परतों पर बढ़ते हैं। इन्हें गर्भाशय फाइब्रॉएड, म्यॉमास तथा फिब्रोमयोमस के नाम से भी जाना जाता है। फाइब्रॉएड चिकनी मांसपेशियों और रेशेदार ऊतकों से बने होते हैं। अलग-अलग महिलाओं में फाइब्रॉएड का आकार अलग-अलग हो सकता है। यह सेम के बीज से लेकर तरबूज जितना बड़ा हो सकता है।
लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं को पूरे जीवन में फाइब्रॉएड कभी न कभी जरूर प्रभावित करता है। 30 से 50 के बीच आयु वर्ग की महिलाओं को फाइब्रॉएड विकसित होने की आशंका सबसे अधिक होती है। सामान्य वजन वाली महिलाओं की तुलना में अधिक वजन और मोटापे से ग्रस्त महिलाओं में फाइब्रॉएड विकासित होने का जोखिम अधिक होता है।
फाइब्रॉएड क्या है
गर्भ के अंदर घातक (कैंसर वाली) चिकनी मांसपेशियां विकसित हो सकती हैं, इन्हें गर्भ का लेमियोसार्कोमा कहा जाता है। हालांकि ये अत्यंत दुर्लभ होते हैं। यह चार प्रकार, इंट्राम्यरल फाइब्रॉएड, सबसरोसल फाइब्रॉएड, सरवाइकल फाइब्रॉएड तथा सरवाइकल फाइब्रॉएड का होता है। यह क्यों होता है इसका ठीक-ठीक कारण अभी तक पचा नहीं चल सका है।
उपचार व दवाएं
फाइब्रॉएड के इलाज के लिए कोई अकेला कारगर इलाज नहीं है। इससे निपटने के लिए कई प्रकार से इलाज किया जाता है और इसके कई उपचार विकल्प मौजूद हैं। यदि आपको इसके लक्षण दिखाई देते हैं तो अपने डॉक्टर से इसके उपचार के संभावित विकल्पों के बारे में चर्चा करें। फाइब्रॉएड के होने के कई बार कोई संकेत नहीं मिलते हैं। ये कैंसर रहित होते हैं और शायद ही कभी गर्भावस्था में हस्तक्षेप करते हैं। ये धीरे-धीरे बढ़ते हैं, और और रजोनिवृति के बाद हटने भी लगते हैं, जब प्रजनन हार्मोन का स्तर कम होता है।
फाइब्रॉएड के लिए दवाएं
गर्भाशय फाइब्रॉएड के लिए ली जाने वाली दवाएं मासिक धर्म चक्र को विनियमित करने वाले हॉर्मोंस को लक्षित करती हैं। इनसे मासिक धर्म के भारी लक्षणों जैसे माहवारी रक्तस्राव और श्रोणि दबाव का इलाज होता है। ये दवाएं फाइब्रॉएड को खत्म तो नहीं करतीं, लेकिन, छोटा जरूर कर सकती हैं। इसके उपचार में गोनाडोट्रोपिन-रिलेक्सिंग हॉर्मोन अगोनिस्ट्स, प्रोजेस्टिन-रिलेक्सिंग इंट्रॉटरीने डिवाइस, आईयूडी आदि उपयोग किये जा सकते हैं।
अन्य उपचार माध्यम
आपका डॉक्टर आपको अन्य दवाएं लेने की सलाह दे सकता है। उदाहरण के लिए मुंह से ली जाने वाली गर्भ निरोधकों या जेस्टिन्स माहवारी रक्तस्राव को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं, लेकिन ये फाइब्रॉएड का आकार कम नहीं कर सकती हैं। नोनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी), जो कि हार्मोनल दवाएं नहीं हैं, फाइब्रॉएड से संबंधित दर्द से राहत दिलाने में प्रभावी हो सकती हैं। लेकिन ये फाइब्रॉएड की वजह से हो रहे रक्तस्राव को कम नहीं करतीं। इसके अलावा भारी माहवारी रक्तस्राव और एनीमिया होने पर आपका चिकित्सक आपको विटामिन और आयरन सप्लीमेंट लेने का सुझाव भी दे सकता है।
कैंसर रहित ट्यूमर होते हैं फाइब्रॉएड
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