आधुनिक युग के कारण नित नई बीमारियों का न केवल पता चलता है बल्कि अस्वस्थ दिनचर्या के कारण कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्यायें भी होती हैं जो पुरुषों और महिलाओं को प्रभावित करती हैं। एन्डोमीट्रीओसिस भी आधुनिक युग की महिलाओं की सामान्य समस्या है जो सबसे अधिक कामकाजी महिलाओं में देखी जाती है, क्योंकि उनकी दिनचर्या अनियमित होती है। तनाव भी इस बीमारी का कारण है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं यह केवल कामकाजी महिलाओं को ही होता है, यह बीमारी घरेलू महिलाओं को भी प्रभावित करती है। जिनकी जिंदगी तनाव और अवसादग्रस्त होती है उनमें यह बीमारी अधिक देखी जाती है।
क्या है एन्डोमीट्रीओसिस
यह एक प्रकार की दर्दनाक और खतरनाक समस्या है जो अंतर्गर्भाशयकला (एन्डोमीट्रियम) में होती है। अंतर्गर्भाशयकला एक प्रकार का म्यूकस यानी श्लेष्मा है जो गर्भाशय की झिल्ली पर होता है। यह गर्भाशय के आंतरिक और बाहरी मुख पर भी हो सकता है। वास्तव में यह गर्भाशय, अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब और गर्भ के पीछे कहीं भी हो सकता है। किसी प्रकार के घाव या सर्जरी भी इस बीमारी के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। दुर्लभ मामलों में ही एन्डोमीट्रीओसिस शरीर के अन्य हिस्से में हो सकते हैं। इसमें योनि के मुख पर अतिरिक्त कोशिकाओं का विकास हो जाता है जो मासिक धर्म और यौन संबंध बनाने के दौरान दर्द का कारण बनता है। कुछ मामलों में एन्डोमीट्रीओसिस आंतरिक शारीरिक रचना को प्रभावित करता है और इसकी गंभीर स्थिति को 'फ्रोजेन पेल्विस' के नाम से जाना जाता है।
एन्डोमीट्रीओसिस के लक्षण
मासिक धर्म के दौरान कभी-कभी ऐसा दर्द होता है कि महिला इसे बर्दाश्त नहीं कर पाती और यह असनीय हो जाता है। कई बार तो यह दर्द पूरे महीने तक बना रहता है। इसके अलावा पीठ में दर्द, कंधों में दर्द और जांघों में भी तेज दर्द होता है। डायरिया, कब्ज, सूजन और मूत्र में खून निकलने जैसे लक्षण भी इसी से जुड़े हुए हैं। हालांकि कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि इसके कारण सामान्य दर्द होता है। इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इस बीमारी से ग्रस्त महिला गर्भवती नहीं हो सकती है। क्योंकि इसके कारण शुक्राणु फैलोपियन ट्यूब तक नहीं जा पाता और महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है।
एन्डोमीट्रीओसिस के कारण
हालांकि अभी तक यह बीमारी एक पहेली बनी हुई है, इसके लिए जिम्मेदार प्रमुख कारणों का पता अभी तक नहीं चल पाया है। शोधकर्ताओं का मानना है कि इम्यूनिटी के कारण गर्भाशय में अतिरिक्त कोशिकाओं का निर्माण हो जाता है। अनियमित दिनचर्या के कारण भी यह बीमारी अधिक देखी जाती है और काफी हद तक तनाव भी इस बीमारी का कारण है।
निदान और उपचार
इसके लक्षणों के आधार पर चिकित्सक महिला के गर्भाशय ग्रीवा या गर्भाशय स्नायुबंधन की जांच करते हैं। इसके परिणाम के बाद चिकित्सक महिला के गर्भाशय का आंतरिक परीक्षण करते हैं, इसके लिए लैप्रोस्कोपी का सहारा लिया जाता है। इस तकनीक में नाभि के माध्यम से बहुत छोटा कैमरा महिला के गर्भाशय में डालकर उसकी स्थिति का पता लगाया जाता है। सर्जरी के जरिये एन्डोमीट्रीओसिस का उपचार किया जाता है। त्वरित राहत के लिए दर्दनिवारक दवाओं का प्रयोग किया जा सकता है। अगर आपको मासिक धर्म और यौन संबंध के दौरान दर्द हो तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करें और अपनी स्थिति के बारे में बतायें।
0 Comments: