कीमोथेरेपी (कीमो) एक प्रकार का कैंसर का उपचार है जिसके तहत कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए कड़ी दवाइयां दी जाती है।
कीमोथेरेपी कैसे काम करती है?
कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोककर या धीमा करके काम करती है, जो तेजी से बढ़ती हैं और बार-बार विभाजित होती हैं। इस उपचार से हानिकारक स्वस्थ कोशिकाएं भी खत्म हो सकती हैं जो तेजी से विभाजित होती हैं, जैसे कि आपके मुंह, आंतों की कोशिकाएं या जो आपके बालों को बढ़ने का कारण बनती हैं। एक बार कीेमो खत्म होने पर अक्सर इसके दुष्प्रभाव खत्म हो जाते हैं या पूरी तरह से चले जाते हैं।
कीमोथेरेपी क्या करती है?
— कीमोथेरेपी कैंसर कोशिकाओं को इस हद तक नष्ट कर देती है कि आपका डॉक्टर अब आपके शरीर में उनका पता नहीं लगा सकता है।
— कीमोथेरेपी कैंसर को फैलने से रोकती है, इसके विकास को धीमा करती है।
— कीमोथेरेपी ट्यूमर को सिकोड़ती है जो दर्द या दबाव का कारण बनते हैं।
कीमोथेरेपी कैसे दी जाती है?
— इंजेक्शन के रूप में - आपके हाथ, जांघ या कुल्हे की मांसपेशियों में या आपके पेट के फैटी हिस्से में त्वचा के ठीक नीचे मांसपेशी में।
— इंट्रा-आर्टेरियल (आईए) - सीधे उस धमनी में जो कैंसर को पोषित कर रही है।
— इंट्रापेरिटोनियल (आईपी) - सीधे उस क्षेत्र में जिसमें आपके आंत, पेट, यकृत और अंडाशय जैसे अंग होते हैं।
— इंट्रावेनश (आईवी) - सीधे एक नस में।
— टाॅपिकली - क्रीम के रूप में जिसे आप अपनी त्वचा पर रगड़ सकते हैं।
— मुंह से - गोलियों, कैप्सूल या तरल पदार्थों के रूप में जिन्हें आप निगलते हैं।
इसके सामान्य दुष्प्रभाव क्या हैं?
● थकान
● बालों का झड़ना
● आसानी से चोट लगना और खून बहना
● संक्रमण
● एनीमिया (लाल रक्त कोशिका की गिनती कम हो जाना)
● मतली और उल्टी
● भूख में परिवर्तन
● कब्ज
● डायरिया
● निगलने के दौरान मुंह, जीभ और गले में खराश और दर्द जैसी समस्याएं
● तंत्रिका और मांसपेशियों की समस्याएं, जैसे सुन्नता, झुनझुनी और दर्द
● त्वचा और नाखून में बदलाव, जैसे सूखापन और रंग में परिवर्तन
● किडनी की समस्या
● वजन संबंधी समस्याएं
● कीमो ब्रेन (एकाग्रता और फ़ोकस का प्रभावित होना)
● मूड में उतार- चढ़ाव
● कामेच्छा में परिवर्तन
● प्रजनन संबंधी समस्याएं
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