बढ़ती उम्र का असर केवल महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर नहीं पड़ता है बल्कि पुरुषों की प्रजनन क्षमता भी इससे प्रभावित होती है।
एक ताजा शोध के अनुसार महिलाओं की तरह पुरुषों की बायोलाॅजिकल क्लाॅक या जैव घड़ी भी 35 साल के आसपास मंद पड़ने लगती है। जब पुरुष की उम्र 35 साल को पार करती है तो उनके शुक्राणु की गुणवत्ता प्रभावित होने के कारण प्रजनन क्षमता प्रभावित होने लगती है। साथ ही महिलाओं में भी उम्र बढ़ने के साथ-साथ सफल गर्भधारण की संभावना कम होने लगती है क्योंकि उम्र की इस दहलीज पर शुक्राणु की गुणवत्ता पहले जैसी नहीं रह जाती। जब पुरुष की उम्र 45 साल की होती है तो उस स्थिति में गर्भधारण के तीन मामलों में से एक में गर्भपात की स्थिति देखने को मिलती है चाहे मां की उम्र कितनी भी हो। इसका मतलब यह हुआ कि 45 साल की उम्र में पुरुषों में शुक्राणु की गुणवत्ता में बहुत अधिक गिरावट देखी जाती है।
यह शोध फ्राॅस के अनुसंधानकर्ताओं द्वारा 12,200 दम्पतियों पर किया गया। इन दम्पतियों में मेल पार्टनर की उम्र 35 साल से ज्यादा थी। इससे इस बात को भी बल मिला कि अगर पुरुष की उम्र 40 पार कर जाती है, तो बच्चे होने की संभावना और भी कम हो जाती है। शोधकर्ताओं ने इन पुरुषों के शुक्राणु की गुणवत्ता की जांच की। इस दौरान गर्भधारण और गर्भपात को भी रेकाॅर्ड किया गया। उपलब्ध किये गए आंकड़ों के विश्लेषण में उम्मीद के मुताबिक ही बात सामने आई कि 35 साल की उम्र के बाद जहां महिलाओं में गर्भधारण की क्षमता कम होने लगती है, गर्भपात की संभावना बढ़ने लगती है, वहीं पुरुषों की भी प्रजनन क्षमता प्रभावित होने लगती है।
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