सुप्रसिद्ध श्वसन विशेषज्ञ एवं नौएडा स्थित मेट्रो सेंटर फॉर रेसपाइरेट्री डिजीजेज के प्रमुख डॉ. दीपक तलवार बताते हैं कि तापमान में गिरावट के कारण बच्चे खास तौर पर प्रभावित हो सकते हैं और उनमें टांसिलाइटिस, गले में सूजन, सांस लेने में दिक्कत, बुखार, जुकाम और नाक से पानी आने जैसी समस्याएं आमतौर पर हो सकती हैं
डॉ. दीपक तलवार बताते हैं कि हर साल हम लोग सामान्य मौसम के मुकाबले ठंड के मौसम में तीन गुना अधिक फ्लू के मामले देखते हैं। उनके अनुसार तापमान कम होने और आर्द्रता के कारण फ्लू के वायरस अधिक आसानी से फैल रहे हैं। इसलिए इंफ्लुएंजा के मामलों में 15-20 प्रतिशत की दर से वृद्धि हो रही है। सर्दियों में बरती जाने वाली सावधानियां :
• खाने में नमक का प्रयोग कम करें
• व्यायाम नियमित रूप से करें। ध्यान रखना चाहिए कि वातावरण अधिक ठंडा न हो। बाहर ठंड ज्यादा होने पर घर के अंदर ही व्यायाम करें
• संतुलित भोजन लें। ज्यादा तेल-घी वाली चीजों से बचें
• डॉक्टर की सलाह से दवाइयों का सेवन करते रहें। डॉक्टर की सलाह से शाम को दवा लेकर सुबह होनेवाले खतरे को कम किया जा सकता हैहृदय रोग से बचने के लिए ब्लड प्रेशर, शुगर व कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएंबादाम और पिस्ते का सेवन हृदय रोगियों के लिए लाभदायक है। ग्रीन टी का सेवन भी उनके लिए फायदेमंद हो सकता है। फिर भी कोई असुविधा महसूस होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
• तनाव को अपने ऊपर हावी न होने दें
• शरीर की सक्रियता को बनाए रखें यानी अपने शरीर का वजन न बढ़ने दें
• मौसमी फल और हरी सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं। पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें।
• दोस्तों, जीवनसाथी और परिवार के सदस्यों के साथ समय बिताएं। • यदि ठंड में बाहर निकलें तो अच्छी तरह से गर्म कपड़े पहनकर, सिर में टोपी और गले में स्कार्फ आदि लगाकर निकलें।
• ज्यादा फैट वाली चीजें खाना और सिगरेट, शराब आदि का सेवन बिल्कुल बंद कर दें
• गुनगुनी धूप का आनंद लें लेकिन सिर को अधिक तपने ना दें
• अधिक ठंड बढ़ने पर आग या ताप से सिकाई करें, मगर कुछ दूरी से
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