भारत सरकार द्वारा स्टेंट की कीमतों में कटौती करने के निर्णय के बाद, बेहतर चिकित्सा सेवाएं चाहने वाले कोरोनरी धमनी रोग से पीड़ित लोगों को गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराया जाना संभव होने लगा है।
भारत में स्टेंट की कीमतों में कटौती के बाद हृदय रोग के प्रबंधन के बारे में हृदय रोगियों से पूछताछ की गई। इन मरीजों पर तीन महीने तक अवलोकन किया गया और इसके आधार पर यह पाया गया कि 10 में से 8 रोगियों ने वैसे स्टेंट की उपलब्धता के बारे में चिकित्सकों से सवाल किये जिसकी अधिकतम क्षमता होने और न्यूनतम जटिलता दर होने के आंकड़े उपलब्ध हों और जिसकी पुष्टि की गई हो।
यह अवलोकन विश्लेषण, 280 रोगियों और हृदय रोग विशेषज्ञों के साथ बातचीत के आधार पर किया गया। इसे मार्च, 2017 से मई 2017 तक होली हार्ट हाॅस्पिटल में किया गया था।
इस विष्लेशण के परिणाम की घोषणा करते हुए डॉ. आदित्य बत्रा ने कहा कि मरीजों से सवाल- जवाब के 80 प्रतिशत मामलों में स्टेंट के बारे में सवाल किये गए। स्टेंट के मूल्य मंे कटौती होने से पहले ज्यादातर मरीज स्टेंट की कीमतों और उस पर छूट को लेकर सवाल करते थे लेकिन अब वे स्टेंट के प्रदर्षन से संबंधित सवाल पूछ रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मरीज अब अधिक जानकार की तरह व्यवहार कर रहे हैं। रोगियों के व्यवहार संबंधी विश्लेषण से पता चलता है कि अब वे स्टेंट की गुणवत्ता से संबंधी पहलुओं को समझने पर अधिक ध्यान देते हैं।
उन्होंने कहा कि ''स्टेंट के गुणवत्ता मानकों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ने के कारण एंजियोप्लास्टी के बाद हृदय रोगियों के समग्र स्वास्थ्य देखभाल पर बड़े पैमाने पर इसका प्रभाव पड़ सकता है। इससे इलाज की क्षमता को उच्चतम स्तर पर बढ़ाने के साथ- साथ कम संभावित जटिलताओं को रोकने में भी मदद मिल सकती है।''
उन्होंने कहा कि हृदय रोग शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में तेजी से फैल रहा है। यह भारत में कुल मौतों में से 25 प्रतिषत मौत के लिए जिम्मेदार है। दिल का दौरा पड़ने के बाद जीवन को बचाने के लिए किए गए कोरोनरी हस्तक्षेपों की आवश्यकता में वर्ष 2014-2015 में 51 प्रतिषत की वृद्धि हुई। वर्ष 2015 में करीब 475000 स्टेंटों का इस्तेमाल किया गया था। स्टेंट की बढ़ती जरूरत ने कई स्टेंट कंपनियों को भारत में खुद को लॉन्च करने के लिए प्रेरित किया लेकिन लोगों को स्टेंट की गुणवत्ता के पहलुओं पर जानकारी उपलब्ध कराने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, ''हम होली हार्ट हॉस्पिटल में मरीजों के लिए गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य देखभाल उपलब्ध कराने के लिए समर्पित हैं। हमारा सिस्टम रोगी को जानकारी प्रदान करने के लिए साक्ष्य का इस्तेमाल करता है।''
एक सार्वजनिक सलाहकार के रूप में, हम यह कहना चाहते हैं कि अब चूंकि सभी स्टेंट समान कीमत पर उपलब्ध हैं, इसलिए रोगियों को सूचित निर्णय लेना चाहिए और वैसे स्टेंट ही लगवाना चाहिए जिसके बेहतर होने के साक्ष्य उपलब्ध हों।
उन्होंने आगे कहा कि एंजियोप्लास्टी के लिए कुल उपचार खर्च के बारे में लोगों के भ्रम को दूर करना महत्वपूर्ण है। नई पॉलिसी के बाद सभी, यहां तक कि सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले स्टेंट, अब करीब 32,000 रुपये मेें रोगियों के लिए उपलब्ध हैं। लेकिन इसमें प्रक्रिया और अन्य शुल्क शामिल नहीं हैं, जिन्हें मरीजों को स्टेंट के खर्च के अलावा भुगतान करने की आवश्यकता होती है।
स्टेंट की कीमतों के लेकर ज्यादा जागरूक हो गए हैं मरीज
~ ~
SEARCH
LATEST
6-latest-65px
POPULAR-desc:Trending now:
-
- Vinod Kumar मस्तिष्क में खून की नसों का गुच्छा बन जाने की स्थिति अत्यंत खतरनाक साबित होती है। यह अक्सर मस्तिष्क रक्त स्राव का कारण बनती ह...
-
विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी लेकिन कोरोना से बच नहीं पाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक...
-
INDIAN DOCTORS FOR PEACE AND DEVELOPMENT An international seminar was organised by the Indian Doctors for Peace and Development (IDPD) at ...
-
अत्यधिक प्रतीक्षित इंडो इंटरनेशनल फैशन कार्निवल एंड अवार्ड्स सीजन 2: मिस, मिसेज और मिस्टर स्टार यूनिवर्स ने एक शानदार लोगो लॉन्च इवेंट के सा...
-
The woman in the picture with a smile is Salwa Hussein !! She is a woman without a heart in her body. She is a rare case in the world, as...
Featured Post
Air Pollution Fuels Alarming Rise in Childhood Asthma Cases (On World Asthma Day - 6 May)
- Vinod Kumar, Health Journalist In a month, 3-4 kids, aged 6-10, report symptoms like frequent coughing, breathlessness during play, dis...
