उच्च रक्तचाप अब उम्र का मोहताज नहीं है। अब युवाओं को भी यह बीमारी होने लगी है। खानपान की खराब आदतें, मोटापा, असंतुलित जीवनशैली सब मिलकर रक्तचाप जैसी कभी न छूटने वाली बीमारी के खतरे को बढ़ाते हैं। उच्च रक्तचाप दिल, किडनी, लीवर और न जाने शरीर के किन-किन भागों को प्रभावित करती है। लेकिन शायद ही किसी को पता हो कि उच्च रक्तचाप याद्दाश्त का भी दुश्मन होता है। अगर आपको चीजें याद नहीं रहती, और बार-बार भूलने की ये आदत आपके लिए हर जगह शर्मिदगी का कारण बनती है, अगर आप याद्दाश्त से जुड़ी ऐसी किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको अपने रक्तचाप की जांच करवानी चाहिए।
उच्च रक्तचाप और याद्दाश्त
उच्च रक्त चाप को दिल की बीमारी के लिहाज से खतरनाक बताया जाता है। लेकिन, 40 की उम्र के करीब उच्च रक्तचाप की समस्या याद्दाश्त के लिहाज से भी खतरनाक हो सकती है। एक शोध के अनुसार, उच्च रक्तचाप से पीड़ित अधेड़ उम्र के लोगों में डिमेंशिया (याद्दाश्त खोना) का खतरा छह गुना तक बढ़ जाता है।
पूर्व में किए गए शोधों में उच्च रक्तचाप को दिल की बीमारियों, मसलन दिल के दौरे और किडनी खराब होने के लिए जिम्मेदार बताया गया था। लेकिन अल्जाइमर्स सोसायटी और लंदन के इंपीरियल काॅलेज के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए संयुक्त अध्ययन में अधेड़ उम्र में होने वाले उच्च रक्तचाप और याद्दाश्त संबंधी समस्याओं के बीच गहरा संबंध पाया गया।
शोधकर्ताओं ने उच्च रक्तचाप के मरीजों के एमआरआई स्कैन के अध्ययन पर बताया कि याद्दाश्त से संबंधित मस्तिष्क का हिप्पोकैंपस नामक भाग पर उच्च रक्तचाप का प्रभाव पड़ता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि उच्च रक्तचाप के दौरान हिप्पोकैंपस में रक्त का संचार ठीक प्रकार से न होने के कारण, कई छोटे-छोटे स्ट्रोक की आशंका अधिक हो जाती है। इस वजह से उच्च रक्तचाप के मरीजों को याद्दाश्त से जुड़ी समस्याओं का खतरा अधिक हो जाता है।
रक्तचाप को नियंत्रित करने के उपाय
नमक के अधिक सेवन से बचें
नमक ज्यादा खाने से कुछ लोगों का रक्तचाप बढ़ जाता है। नमक के अधिक सेवन से खून की नलियों में चर्बी बढ़ जाती है। इससे रक्त वाहिकाओं की अंदरूनी सतह में कोलेस्ट्रॉल जमा होने से वे संकरी हो जाती हैं जिसके कारण रक्तचाप बढ़ने लगता है। इसलिए रक्तचाप को नियंत्रित रखने के लिए नमक का सेवन कम करने की सलाह दी जाती है।
वजन कम करें
जिन लोगों का वजन सामान्य से 30 प्रतिशत अधिक होता है, उनमें उच्च रक्तचाप होने का खतरा बहुत अधिक रहता है। इसलिए उच्च रक्तचाप से बचने के लिए अपने वजन को नियंत्रित करें। जिनका बॉडी मास इंडेक्स 25 से अधिक होता है उन्हें ओवरवेट की श्रेणी में रखा जाता है और जिनका बीएमआई 30 से ज्यादा होता है उन्हें मोटापे की श्रेणी में रखा जाता है।
धूम्रपान और शराब से दूरी
धूम्रपान और उच्च रक्तचाप एक-दूसरे के बहुत बड़े दुश्मन हैं, और अगर ये दोनों मिल जाये तो कई तरह के हृदय रोग हो सकता है। सिगरेट में मौजूद तंबाकू रक्त वाहिनियों को स्थायी रूप से संकुचित करता है, जिससे धमनियों पर रक्त का दबाव बढ़ जाता है। इसी तरह एल्कोहल का अधिक सेवन रक्तचाप को बढ़ाता है।
कॉफी की जगह हर्बल टी
अधिक मात्रा में कॉफी जैसे कैफीन युक्त पदार्थों का सेवन रक्तचाप को बढ़ाता है। इसलिए सामान्य चाय की जगह हर्बल चाय का सेवन करें। गुड़हल का काढ़ा उच्च रक्तचाप में फायदेमंद होता है।
पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ
उच्च रक्तचाप से बचने के लिए पोटैशियम की मात्रा ज्यादा लेने की सलाह दी जाती है। इसलिए अपने आहार में सेम, हरी सब्जियों और फलों - केला, तरबूज, गाजर, चुकंदर, टमाटर और संतरे जैसे खाद्य पदार्थों को शामिल करें। इन सब खाद्य पदार्थों में सोडियम की मात्रा कम और पोटेशियम की मात्रा ज्यादा होती है। इसके अलावा ऐसा भोजन लेना चाहिए जिनमें कैल्शियम, मैग्नीशियम फाइबर भरपूर मात्रा में हो। अल्जाइमर्स सोसाइटी के अनुसार कम नमक खाने, नियमित रूप से व्यायाम करने, धूम्रपान से बचने, वजन को नियंत्रण में रखने और दवाओं के सेवन से रक्तचाप को बढ़ने से रोका जा सकता है।
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