व्हाइट कोट हाइपरटेंशन में घबराएं नहीं

  • by @ हेल्थ स्पेक्ट्रम
  • at November 29, 2019 -
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''यह सिर्फ एक नियमित स्वास्थ्य जांच है। घबराइए मत, शांत रहिए।'' अगर आपके डाक्टर आपसे ऐसा कहते हैं और आपकी रक्त चाप की दोबारा जांच करते हैं तो आप ऐसे एकलौते व्यक्ति नहीं हैं। ऐसे कई व्यक्ति हैं जो अस्पताल या क्लिनिक में रक्त चाप की जांच के समय घबरा जाते हैं। रक्त चाप की जांच के दौरान अगर कोई मरीज घबराता है तो इससे रीडिंग गलत हो सकती है। इसे ''व्हाइट कोट हाइपरटेंशन'' कहा जाता है। जब कोई डाॅक्टर किसी मरीज को देखता है, खास तौर पर जब मरीज के रक्त चाप की जांच करता है तो मरीज को एंग्जाइटी या स्ट्रेस होता है। यह व्हाइट कोट हाइपरटेंशन है। 
व्हाइट कोट हाइपरटेंशन बहुत ही आम है। करीब दस में पांच मरीज जब अस्पताल में रक्त चाप की जांच कराते हैं तो उसकी जो रीडिंग आती है उससे कम रीडिंग तब आती है जब वही मरीज अपने घर पर रक्त चाप की जांच करता है। इसके कारण मरीज का गलत उपचार होने की आशंका रहती है। जब आप चिंतित होते हैं तब आपका शरीर अधिक मात्रा में कैटेकोलामाइन्स उत्सर्जित करता है और इसके परिणामस्वरूप आपके हृदय की गति एवं रक्त चाप में बढ़ोतरी हो जाती है। कैटेकोलामाइन्स एड्रेनल ग्रंथियों द्वारा उत्पादित स्ट्रेस हार्मोन है। 
मानक यह है कि जब मरीज तनाव मुक्त होता है उससे पांच मिनट के बाद तनावमुक्त अवस्था में ली गई रीडिंग के आधार पर ही यह माना जाना चाहिए कि उस व्यक्ति को अनियंत्रित रक्त चाप है। कई मामलों में 24 घंटे की मानिटरिंग के आधार पर की गई रक्त चाप की जांच उपयोगी साबित होती है। 
डॉक्टर मरीज को घर पर ही रक्तचाप रीडिंग करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। इससे रक्त चाप की जांच उस समय होगी जब आप वास्तव में सक्रिय रहते हैं। यही नहीं इससे मरीज के बारे में ऐसी कई जानकारी मिलती है जिससे यह समझा जा सकता है कि किस तरह से जीवन की छोटी सी छोटी असावधानी अगले दिन आपके रक्त दाब को प्रभावित करती है। 
व्हाइट कोट हाइपरटेंशन को दूर करने के सरल उपाय इस प्रकार हैं: 
— सबसे पहले, यह सुझाव दिया जाता है कि मरीज को तनाव मुक्त होना चाहिए। एक जगह से दूसरी जगह पर जाने पर आपको शांत होने में मदद मिलती है। स्वास्थ्य प्रदाता से इसके लिए कहें। 
— गहरी और धीमी सांस लेने से एंग्जाइटी को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अलावा, कुछ लोग कविता या गीत को गुनगुनाने पर तनाव से छुटकारा पा सकते हैं।
— बातचीत के विषय को बदलने से भी तनाव मुक्त होने में मदद मिल सकती है। अगर बातचीत से आपका ध्यान बटता है तो ऐसा करें। 


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