Header Ads Widget

We’re here to help you live your healthiest, happiest life.

यजुर्वेद में जड़ी—बूटियों और पौधों का वर्णन 

पौराणिक ग्रंथों में जड़ी- बूटियों, झाड़ियों और पेड़ों सहित विभिन्न पौधों की प्रजातियांे का वर्णन किया गया है। वेदों में पौधों / पेड़ों के जीवन के लिए सौ गुना सम्मान और श्रद्धा व्यक्त किया गया है। यजुर्वेद (वाईवी) संहिता, ब्राह्मण, अर्याका और उपनिषद में कई वनस्पति विज्ञान और कृषि संबंधी शब्दावलियों का वर्णन किया गया है। 
संस्कृत एवं वैदिक अध्ययन संस्थान, बेंगलुरू के राघव एस. बोद्दुपल्ली के अनुसार यजुर्वेद की सभी शाखाओं में पौधों के विवरण में कई समानताएं हैं। कृष्ण यजुर्वेद की चार शाखाओं में तैत्तिरिया सबसे महत्वपूर्ण शाखा है। तैत्तिरिया संहिता (टीएस) और वजसनेई संहिता (वीएस) में पौधों के विभिन्न भागों का भी वर्णन किया गया है और इनकी व्याख्या की गई है। टीएस पौधों के साम्राज्य को इनके रूप और विकास के आधार पर कई वर्गों में वर्गीकृत करता है। वाईवी संहिता और ब्राह्मण में अनुष्ठानिक महत्व का वर्णन किया गया है। यज्ञ और यग वाईवी की मौलिक विशेषताएं हैं। वाईवी में वर्णन की गई जड़ी- बूटियां और पेड़ अनुष्ठान गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हैं।
इस कार्य में, पौधों, पेड़ों और उनके उत्पादों के नामों पर व्यापक रूप से चर्चा की जाती है जिन्हें विशेष रूप से वाईवी में वर्णित यज्ञ, यग, होम और इस्तिस में उपयोग किया जाता है। यज्ञ में उपयोग की जाने वाली चीजों का वाईवी में अच्छी तरह से वर्णन किया गया है। यज्ञ में इस्तेमाल की जाने वाली अधिकांश चीजों या पात्रों को लकड़ी से निर्मित किया जाता है और जिन पेड़ों की लकड़ियों से इन्हें बनाया जाता है उन्हें निर्दिष्ट किया जाता है और वाईवी में इनका उल्लेख किया जाता है। वाईवी में जादूई और दवा के तत्व होते हैं। कुछ जड़ी- बूटी सीधे उपयोगी होती हैं, जबकि कुछ अन्य अप्रत्यक्ष रूप से उपयोगी होते हैं। अरगवधा के धुआं को अंदर लेने पर यह विषैला होता है। जबकि कई जड़ी-बूटियां शारीरिक बीमारियों का इलाज करती हैं, जबकि कुछ अन्य जड़ी- बूटियांे का प्रभाव दिमाग पर पड़ता है। अपमारगा होमा इनका इस्तेमाल करने वाले को शारीरिक स्वास्थ्य प्राप्त करने में सक्षम बनाता है। अश्वत्था, उडुम्बरा, न्याग्रोधा और प्लाक्सा के इधमा का इस्तेमाल मानसिक गड़बड़ी का इलाज करने के लिए किया जाता है। इसी तरह वाईवी में उल्लेख किए गए जादुई और औषधीय महत्व के कई पौधों के गुणों पर चर्चा की गई है।


Post a Comment

0 Comments