गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन से स्तन कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। एक नवीनतम अध्ययन से निष्कर्ष निकला है कि जिन महिलाओं में स्तन कैंसर पैदा करने वाले जीन होते हैं उन्हें गर्भनिरोधक गोलियों के सेवन से यह कैंसर होने की आशंका और प्रबल हो जाती है।
शोधकर्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम ने अपनी एक शोध रिपोर्ट में कहा है कि जिन महिलाओं में बीआरसीए-1 नामक जीन होते हैं उन्हें जीवन काल में स्तन कैंसर होेने का खतरा 80 प्रतिशत तक होता है जबकि सामान्य महिलाओं को यह खतरा करीब 11 प्रतिशत होता है। बीआरसीए-1 जीन को वहन करने वाली महिलाओं पर किये गये अध्ययन से पता चला कि जिन महिलाओं ने गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन किया उनमें स्तन कैंसर का खतरा एक तिहाई बढ़ गया। यही नहीं इन्हें 40 वर्ष से कम उम्र में ही स्तन कैंसर होने की आशंका बढ़ गयी। इस अध्ययन में शामिल शोधकर्ताओं की टीम का नेतृत्व करने वाले वैज्ञानिक कनाडा के टोरंटो युनिवर्सिटी के डा. स्टीवन नैरोड का कहना है कि बीआरसीए-1 जीन वहन करने वाली महिलाओं को 25 वर्ष की उम्र के पूर्व गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन नहीं करना चाहिए।
फेफड़े के कैंसर के बाद स्तन कैंसर महिलाओं का दूसरा सबसे बड़ा हत्यारा है। डा. नैरोड एवं उनकी टीम ने बीआरसीए-1 तथा बीआरसीए-2 जीन को वहन करने वाली 26 हजार महिलाओं पर यह अध्ययन किया। इन महिलाओं का चुनाव 11 देशों से किया गया। इनमें से एक हजार 311 महिलाओं को स्तन कैंसर था तथा एक हजार 311 महिलाओं में स्तन कैंसर के लक्षण प्रकट नहीं हुए थे।
द जर्नल आफ नेशनल कैंसर इंस्टीच्यूट के ताजे अंक मंे प्रकाशित शोध रिपोर्ट में शोधकर्ताओं ने कहा है कि उन्होंने अपने अध्ययन में पाया कि गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन के कारण बीआरसीए-2 जीन वहन करने वाली महिलाओं में स्तन कैंसर के खतरे में बहुत ही मामूली वृद्वि हुई जबकि बीआरसीए-1 जीन वहन करने वाली महिलाओं में यह खतरा एक तिहाई बढ़ गया।
इस अध्ययन में शामिल कैलिफोर्निया के ड्यूरेट स्थित होप हाॅस्पीटल के डा. जेफरी व्हीटजेल ने बताया कि इस अध्ययन से यह भी पाया गया कि अलग-अलग देशों में गर्भ निरोधक गोलियों के प्रभाव से स्तन कैंसर बढ़ने का खतरा अलग-अलग है और इसका संबंध विभिन्न देशों में जीवन शैलियों में अंतर से है। डा.व्हीटजेल का कहना है कि युवा अवस्था में गर्भ निरोधक का दुष्प्रभाव अधिक होता है क्योंकि उसी अवस्था में कैंसर पूर्व परिवर्तन अधिक होते हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि अधिक उम्र की महिलायें गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन कर सकती हैं। 30 वर्ष की उम्र के बाद गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन के कारण स्तन कैंसर का खतरा नहीं बढ़ता है बल्कि अधिक उम्र में गर्भ निरोधक गोलियों के सेवन से गर्भाशय कैंसर के खतरों को कम किया जा सकता है।
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