घरों की साफ-सफाई और रंग-रौगन दिवाली की तैयारी का जरूरी हिस्सा हे। इन दिनों महिलाएं दीपावली के स्वागत के लिए घरों की साफ-सफाई में व्यस्त होती हैं। धूल, मिट्टी, पेंट आदि से कई महिलाओं को एलर्जी होती है। ऐसे में उन्हें नाक व श्वास संबंधी कई दिक्कतें होती हैं। इनमें सर्दी, खांसी, जुकाम, कफ, नेजल ब्लाकेज, सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा, फेफड़ों में संक्रमण आदि शामिल है। अक्सर धूल, पेंट, डिटर्जेट आदि एलर्जी पैदा करते हैं और इनसे श्वास संबंधी समस्याओं एवं त्वचा में एलर्जी होने का खतरा होता है। यह देखा जाता है कि साफ-सफाई करते समय महिलाएं अपनी सेहत के प्रति लापरवाही बरतती हैं।
क्या है एलर्जी
जब हमारा शरीर किसी बाहरी चीज को लेकर अत्यधिक प्रतिक्रिया करता है तो उसे एलर्जी कहते हैं। एलर्जी किसी खाने की चीज, पालतू जानवर, मौसम में बदलाव, कोई फूल-फल-सब्जी के सेवन, खुशबू, धूल, धुआं, दवा यानी किसी भी चीज से हो सकती है। इन चीजों को एलर्जन कहते हैं। हमारा इम्यून सिस्टम एलर्जी पैदा करने वाली चीजों /एलर्जन/ को स्वीकार नहीं कर पाता और नतीजा ऐसी प्रतिक्रिया होती है जिससे हमें कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं होती है जैसे शरीर पर लाल-लाल चकत्ते निकलना, नाक और आंखों से पानी बहना, जी मितलाना, उलटी होना, सांस लेने में दिक्कत होना, सांस तेज चलना और बुखार आदि शामिल है। आमतौर पर ज्यादातर एलर्जी खतरनाक नहीं होतीं, लेकिन कभी-कभार समस्या गंभीर भी हो सकती है।
दिवाली के दौरान होने वाली एलर्जी
वैसे तो अलग-अलग प्रकार की एलर्जी अलग-अलग लोगों में होती है, लेकिन दिवाली की सफाई करते वक्त जो आमतौर पर एलर्जी की शिकायतें मिलती हैं, वह होती हैं श्वास संबंधी एलर्जी की। इस तरह की एलर्जी गंभीर बीमारी नहीं है लेकिन समय पर सावधानी बरत कर इससे बचा जा सकता है।
कई महिलाओं को धूल से एलर्जी होती है। दिवाली के समय आमतौर पर महिलाएं कोने-कोने से धूल, मिट्टी, जाला आदि निकालती हैं। काफी पुरानी धूल में फंगस हो जाता है। इसके बैक्टीरिया महिलाओं के नाक पर अटैक करते हुए सीधे श्वसन प्रणाली को नुकसान पहुंचाते
पेंट्स में मौजूद कुछ रसायन भी श्वसनन प्रणाली में दिक्कत पैदा कर सकते हैं। पेंटिंग के रंगों में बेंजीन नामक केमिकल एलर्जिक लोगों के लिए नुकसानदायक है। इससे बचने के लिए जहां कलर हो रहा हो वहां जाने से बचें।
कई महिलाओं को जिन्हें सर्फ, वॉशिंग सोडा, विम पाउडर क्लीनिंग लिक्विड्स, फिनाइल की गंध आदि से एलर्जी होती है। किसी को इनकी गंध नहीं भाती तो किसी को इनसे खुजली हो जाती है। इनके संपर्क में आने पर त्वचा संबंधी एलर्जी होती है। त्वचा में खुजली हो सकती है। हालांकि इस तरह की एलर्जी कुछ समय बाद ठीक हो जाती है।
दीपावली में पटाखों से निकलने वाला धुआं न केवल वायु-प्रदूषण को बढ़ाता है बल्कि कई लोगों की परेशानी का सबब भी बन जाता है। इन पटाखों में विस्फोटकों का इस्तेमाल होता है। इससे निकलने वाले धुएं से कई लोगों को एलर्जी होती है।
कैसे बचें
जिन महिलाओं को धूल-मिट्टी से एलर्जी है तो कोशिश करें कि वे इनसे दूर रहें। हो सके तो दूसरों से सफाई करवाएं। जिस कोने की सफाई हो रही हो वहां न जाएं। साफ होने के कम से कम दो दिन तक उस जगह से दूरी बनाएं रखें। बहुत जरूरी है तो नाक पर गीला कपड़ा बांधकर सफाई करें, इससे डस्ट पार्टिकल्स कपड़े पर चिपकेंगे।
एक के बाद एक एक करके घर के कमरों, किचन आदि का रंगरोगन करवाएं। जिस कोने में पेंटिंग का काम जारी है वहां जाने से बचें। आजकल केमिकल रहित पेंट्स बाजार में उपलब्ध हैं, उनका इस्तेमाल करवाएं। कम से कम डिटरजेंट का इस्तेमाल करें। ग्लव्ज पहनकर डिटर्जेट से सफाई करें। यह ध्यान रखें कि अगर आप इनहेलर या फिर कोई दवाई ले रही हों उसे समय पर लेती रहें। अगर दिक्कत अधिक हो या जल्दी ठीक नहीं हो रही हो तो चिकित्सक से परामर्श करें।
डा. राकेश कुमार, वरिष्ठ इंटरनल मेडिसीन विशेषज्ञ, इंद्रप्रस्थ अपोलो हास्पीटल, नई दिल्ली
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