आज बदलते समय में महिलाओं को कुछ साल पहले की तुलना में स्वस्थ और फिट रहने के लिए बहुत अधिक प्रयास करना पड़ता है क्योंकि अब उन्हें अपने घरों और कार्यस्थल के प्रबंधन की दोहरी जिम्मेदारियों की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है
रोकथाम के लिए स्वास्थ्य देखभाल
2. अब सर्वाइकल कैंसर का टीका उपलब्ध है और सर्विक्स (गर्भाशय का मुंह) के कैंसर से बचने के लिए इसे लगा लेना चाहिए।
3. महिलाओं को रोजाना व्यायाम करना चाहिए और कम तेल वाले स्वस्थ और अच्छी तरह से संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा यदि उनके स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान विटामिन डी और कैल्शियम की कमी का पता चलता है तो विटामिन डी और कैल्सियम सप्लिमेंट भी लेना चाहिए
4. 40 साल की उम्र के बाद महिलाओं को स्तन कैंसर को रोकने और इसकी जल्द पहचान में मदद करने के लिए नियमित रूप से मैमोग्राफी कराना चाहिए। इसके अलावा उन्हें नियमित स्व-स्तन परीक्षण भी करना चाहिए।
5. रजोनिवृत्ति के बाद महिलाओं को हड्डियों की ताकत की जांच करने के लिए नियमित रूप से बीएमडी (बोन मिनरल डेंसिटी जांच करानी चाहिए और हड्डियों के कमजोर पाये जाने पर डॉक्टर इसके लिए मुंह से खाई जाने वाली दवा दे सकता है
6. सभी महिलाओं को रोजाना विशेषकर प्रसव के बाद योनि की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए केगल्स व्यायाम करना चाहिए इससे गर्भाशय को नीचे आने से रोकने और मूत्र के रिसाव को रोकने में मदद मिलती है
1. प्रजनन की उम्र वाली महिलाओं (18 से 50 वर्ष के बीच उम्र वाली महिलाएं) को नियमित रूप से अपना पैप स्मीयर टेस्ट कराना चाहिए। इसमें डॉक्टर ओपीडी में गर्भ के मुंह से कुछ कोशिकाओं को निकालता है और कैसर पूर्व और कैंसर कोशिकाओं का पता लगाने के लिए इसे प्रयोगशाला में भेजता है।
महिला स्वास्थ्य समस्याएं और उनके समाधान
गर्भाशय से असामान्य रक्तस्राव (एबनार्मल यूटेरिन ब्लीडिंग : एयूबी)
यदि महिला को पीरियड के दौरान अधिक रक्तस्राव होता हो और रक्त का थक्का भी आता हो तो ऐसा फाइब्रॉइड या एडेनोमायोसिस पॉलिप की उपस्थिति के कारण हो सकती है या यह गर्भाशय के कैंसर का लक्षण भी हो सकता है। एयूबी (एबनार्मल यूटेरिन ब्लीडिंग) के कारण एनीमिया हो सकता है और यह जीवन की खराब गुणवत्ता का कारण भी बन सकती है। इसके कारण महिला हर समय कमजोर और थकी- थकी सी रहती है। कभी-कभी यह एयूबी हाइपोथायरायडिज्म (थायराइड हार्मोन की कमी) जैसी हार्मोनल समस्याओं के कारण भी हो सकती हैलेकिन दवाओं द्वारा आसानी से इसका इलाज किया जा सकता है।
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