रजोनिवृति में इस्ट्रोजन सेवन से मिलती है दांतों की सुरक्षा

अधिक उम्र की महिलाओं को इस्ट्रोजन हार्मोन के सेवन से न सिर्फ ओस्टियोपोरोसिस से बचाव होता है बल्कि दांतों को भी मजबूती मिलती है। उम्र बढ़ने के साथ-साथ हड्डियों के अलावा दांत भी कमजोर होते जाते हैं। महिलाओं में रजोनिवृति के बाद हड्डियों और दांत के कमजोर होने और टूटने की प्रक्रिया अधिक तेजी से होती है। इसका कारण जबड़े की हड्डियों और दांतों को घेरे रखने वाली कोष्ठिका (एलवियोलर) नामक अस्थि का कमजोर होना है। 
आर्काइव्स आॅफ इंटरनल मेडिसीन में प्रकाशित एक शोध रिपोर्ट के अनुसार अमरीका में 65 वर्ष से अधिक उम्र की 40 प्रतिशत महिलाओं को एक भी प्राकृतिक दांत नहीं होते हैं। इनमें से अधिकतर महिलाएं मसूढ़े की बीमारियों से पीड़ित रहती हैं।
सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल आॅफ मेडिसीन के अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार इस्ट्रोजन शरीर की विभिन्न हड्डियों के साथ-साथ एलवियोलर को भी मजबूती प्रदान करता है तथा दांत को गिरने से रोकता है। इस अध्ययन के तहत 135 महिलाओं को इस्ट्रोजन के साथ-साथ कैल्शियम और विटामिन 'डी' के सप्लिमेंट भी दिये गये जबकि अन्य महिलाओं को कैल्शियम और विटामिन डी के सप्लिमेंट तो दिये गये लेकिन इस्ट्रोजन की जगह प्लैसिबो या शुगर की गोलियां दी गयी। इन दोनों वर्ग की महिलाओं की नियमित जांच से पाया गया कि इस्ट्रोजन के रूप में हारमोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एच.आर.टी.) लेने वाली महिलाओं में कुल्हे से पैर को जोड़ने वाली फीमर हड्डियों के घनत्व में 3ण्6 प्रतिशत तथा एलवियोलर हड्डियों के घनत्व में 1ण्8 की वृद्धि हुई। दूसरी तरफ प्लैसिबो लेने वाली महिलाओं की फीमर हड्डियों के घनत्व में 2ण्2 प्रतिशत तथा एलिवियोलर के घनत्व में एक प्रतिशत की और जबड़े की हड्डियों के घनत्व में मामूली वृद्धि हुई लेकिन शरीर की अन्य हड्डियों के घनत्व में कोई वृद्धि नहीं हुई। 
इस अध्ययन के प्रमुख और मेडिसीन, सेल बायोलाॅजी तथा फिजियोलाॅजी के प्रोफेसर डा. रोबर्टो सिविटेली के अनुसार इस अध्ययन से पता चलता है कि कैल्शियम और विटामिन 'डी' के सप्लिमेंट जबड़े में अस्थि क्षय को रोकने में तो कारगर हैं लेकिन हड्डियों के क्षय की भरपाई करने में कारगर नहीं हैं।