चिकित्सा के क्षेत्र में कैरियर बनाने वाले हर व्यक्ति का मुख्य लक्ष्य प्रतिष्ठित डॉक्टर बनना होता है। इन क्षेत्रों में जाने की इच्छा रखने वाले ऐसे छात्र कड़ी मेहनत करते हैं और रात-रात भर जाग कर पढाई करते हैं ताकि वे भारत में होने वाली कठिनतम मूल्यांकन प्रक्रियाओं एवं परीक्षाओं में वे सफल हों। पूर्व में जब चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में उंगलियों पर गिने जा सकने वाली विषेशज्ञताएं एवं शाखाएं हुआ करती थीं, चिकित्सा विज्ञान के छात्रों के समक्ष अपना कैरियर बनाने के लिए गिने-चुने विकल्प ही होते थे। हालांकि चिकित्सा के क्षेत्र में प्रगति होने तथा आईटी के अविर्भाव के कारण चिकित्सा विज्ञान के छात्रों के लिए अनेक भूमिकाओं एवं विषेशज्ञताओं का मार्ग प्रषस्त हो गया है। इनमें से एक है रिजेनरेटिव एस्थेटिक मेडिसीन। कास्मोस्टेम इंस्टीच्यूट आफ रिजेनरेटिव एस्थेटिक मेडिसीन (सीआईआरएएम) के संस्थापक डा. प्रभु मिश्रा कहते हैं कि रिजेनरेटिव एस्थेटिक मेडिसीन कैरियर का आकर्षक अवसर पेष कर रहा है और यह चिकित्सकों के लिए सर्वाधिक आकर्शक एवं सर्वाधिक मांग वाले पाठ्यक्रम के रूप में उभर रहा है। सीआईआरएएम देष में पहला निजी स्टेम सेल प्रषिक्षण संस्थान है।
पिछले दशक में, ऐस्थेटिक मेडिसीन ने त्वचा चिकित्सा या चर्म रोग चिकित्सा विज्ञान से अलग एक अलग दर्जा प्राप्त कर लिया है। यह न केवल चिकित्सकों और एस्थेटिक फिजिषियनों के लिए बल्कि गैर-चिकित्सा प्रशिक्षित कर्मियों के लिए भी कैरियर के अवसर प्रदान कर रहा है। एस्थेटिक मेडिसीन सौंदर्यशास्त्र की कार्यविधि के नए तौर तरीके के रूप में विकसित हुआ है। जिन छात्रों के पास एमबीबीएस जैसी या उससे उपर की डिग्री है या जिनके पास बीडीएस, बीएएमएस, एमटेक, पीएचडी, एम एससी जैसी डिग्री है वे इस पाठ्यक्रम के लिए आवेदन कर सकते हैं। पाठ्यक्रम मॉड्यूल में ऑर्थोबायोलॉजी, चेहरे एवं यौनांगों के लिए एस्थेटिक्स, पीआरपी थेरेपी, अस्थि मज्जा स्टेम सेल, एडीपोज स्टेम सेल और मेटाबोलिक दवा षामिल हैं।
विभिन्न नैदानिक अनुप्रयोगों के लिए मैजिक बुलेट के रूप में चित्रित की जाने वाली स्टेम सेल थेरेपी को रिजेनरेटिव मेडिसीन के रूप में भी जाना जाता है। इसे चिकित्सा षास्त्र में किसी जीव के जीवनकाल के लिए ऊतक को नवीनीकृत करने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता है। वास्तव में, यह शरीर की मरम्मत और वृद्ध होने वाली कोशिकाओं, ऊतकों और अंगों को के पनरूत्पादन में मदद करने वाली नवीनतम विधि के रूप में उभरा है। नतीजतन, यह न केवल रूप-रंग को नया स्वरूप प्रदान करके या उसमें परिवर्तन करके युवाओं को पुनर्जीवित करने में सहायता करता है बल्कि स्टेम सेल थेरेपी का उपयोग करके अक्षम या जख्मी ऊतकों की मरम्मत करने में भी मदद करता है।
इसलिए, इस प्रौद्योगिकी को न्यूरोलॉजिकल स्थितियों, आर्थोपेडिक्स, क्रोनिक किडनी रोग, सीओपीडी और फेफड़ों की बीमारियों, लिवर रोग, कार्डियोलॉजी, ऑटोम्यून्यून विकार, ओप्थाल्मॉलिक रोग और बांझपन जैसी स्थितियों के लिए कारगर उपचार विधि तथा प्रसाधन प्रक्रिया के रूप में देखा जा रहा है। सथ ही इसे टाइप 1 मधुमेह मेलिटस, रूमेटोइड गठिया, पार्किंसंस रोग और विभिन्न प्रकार की कैंसर की स्थिति के संभावित उपचार के रूप में भी देखा जा रहा है।
रिजेनरेटिव मेडिसीन की तेजी से बढ़ती मांग
उद्योग रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में स्टेम सेल थेरेपी बाजार का मूल्य 2013 में एक बिलियन रूपए का था। हालांकि अभी यह नवजात अवस्था में, लेकिन स्टेम सेल बैंकों और स्टेम सेल संग्रहकर्ताओं की बढ़ती संख्या के चलते इसके बाजार के 2018 में 2 बिलियन तक पहुंचने का अनुमान है। हालांकि स्टेम सेल थेरेपी के विकास और लोकप्रियता में वृद्धि करने में कई कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, स्टेम सेल शोध के उदारीकरण और सरकारी सहायता के कारण इस क्षेत्र में त्वरित सफलता के लिए मजबूत प्रेरक बल उभर रहा है।
अभी तक, भारत ने एशिया प्रशांत क्षेत्र में जैव प्रौद्योगिकी में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया है, जो जापान और दक्षिण कोरिया जैसे दिग्गजों के साथ अपनी जगह बना रहा है। विशेष रूप से कर्नाटक की राजधानी बैंगलूर स्टेम कोशिकाओं से संबंधित कार्य के लिए प्रमुख केंद्र बन गया है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि भारत स्टेम सेल शोध में 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश कर रहा है। इसलिए, लोकप्रियता में वृद्धि के साथ, आज के समय में रिजेनरेटिव एस्थेटिक मेडिसीन में निर्देशित गुणवत्ता, कौशल और प्रशिक्षित मानव शक्ति की मांग बढ रही हैं। यद्यपि हमारे देष में ऐसे कई संस्थान हैं जो जैव प्रौद्योगिकी के पाठ्यक्रम उपलब्ध कराते हैं, लेकिन स्टेम सेल थेरेपी पर केंद्रित प्रशिक्षण और शिक्षा की पेशकश करने वाले संस्थानों की कमी है। ऐसे में सीआईआरएएम ने अपना नाम भारत में प्रथम निजी स्टेम सेल प्रषिक्षण संस्थान के रूप में सफलतापूर्वक स्थापित कर चुका है और यह अत्याधुनिक थिरेपियों में अत्याधुनिक शिक्षा प्रदान करने, उन्नत सेलुलर और विषिश्ट चिकित्सा के क्षेत्र में तेजी से उभर रहे विशयों एवं संबंधित अनुसंधान में प्रषिक्षण प्रदान कर रहा है।
आकर्षक करियर के रूप में रिजेनरेटिव मेडिसीन
हाल के दिनों में, रिजेनरेटिव मेडिसीन नवीनतम क्षेत्र है और इसमें ट्रांसलेषनल फर्मास्यूटिकल की षाखाएं षािमल है। रिजेनरेटिव मेडिसीन के कई लाभ हैं और इन लाभों में एक लाभ स्ट्रोक, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर, प्रोग्रेसिव न्यूरोलॉजिकल स्थितियांे, ऑटोम्यून्यून रोग, आघात और अन्य पुरानी बीमारियों का उपचार है। हालांकि इस षाखा के तेजी से बढ़ने में योगदान देने वाले कारकों में एक प्रमुख कारण बुजुर्गोंं की बढ़ती आबादी है। जनसांख्यिकीय बदलाव के परिणामस्वरूप, शोधकर्ताओं ने अनुमान लगाया है कि आने वाले समय में वृद्ध लोगों की संख्या में वृद्धि होगी जो ने चिकित्सीय और औषधीय सेवाओं पर अधिक खर्च करेंगे।
उपरोक्त कारकों को ध्यान में रखते हुए, यह देखा जा सकता है कि एक करियर विकल्प के रूप में रिजेनरेटिव एस्थेटिक मेडिसीन विकसित हो रहा है जो कई अवसर प्रदान कर रहा है। चूंकि रिजेनरेटिव मेडिसीन को हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और कई अन्य बीमारियों के इलाज की कारगर तकनीक के रूप में पहचाना गया है वैसे में जो छात्र रिजेनरेटिव एस्थेटिक मेडिसीन में कोर्स कर रहे हैं वे कार्डियोलॉजी या न्यूरोलॉजी जैसे मुख्यधारा की विषेशज्ञताओं का चयन कर सकते हैं। हालांकि, मरीजों को अधिक परिष्कृत और प्रभावी उपचार प्रदान करने वाली 'इन-डिमांड' तकनीक का उपयोग करने के प्रशिक्षण और कौशल होने से उन्हें अतिरिक्त लाभ मिल सकता है।
इसके अतिरिक्त, त्वचा विज्ञान में स्नातक करने वाले डॉक्टर और चिकित्सा छात्र रेजेनरेटिव मेडिसीन में ज्ञान और प्रशिक्षण के जरिए अपने डर्मेटो -सर्जिकल कौशल को बढ़ा सकते हैं। हालांकि कॉस्मेटोलॉजी और सौंदर्यशास्त्र उच्च आमदनी वाले करियर विकल्प के रूप में तेजी से विकसित हो रहे हैं, रिजेनरेटिव एस्थेटिक मेडिसीन का अतिरिक्त ज्ञान रखने वाले छात्र जलन एवं दुर्घटनाओं के षिकार लोगों की मदद करने वाली बहु-अनुशासनात्मक टीम के साथ मिलकर काम कर सकते हैं।
इनके अलावा, ये छात्र और इस क्षेत्र में प्रवेष को इच्छुक उम्मीदवार गुणवत्ता, अनुसंधान और विकास, उत्पादन, नैदानिक अनुसंधान, आपूर्ति श्रृंखला और मानव संसाधन, वित्त और प्रशासनिक कार्यों में उच्च पुरस्कृत भूमिकाओं में करियर भी चुन सकते हैं।
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