सड़क दुर्घटनाओं में सिर के अलावा स्पाइनल कार्ड या इन दोनों को क्षति पहुंचने की आशंका न केवल बहुत अधिक होती है। इन दोनों महत्वपूर्ण अंगों की क्षति मौत अथवा विकलांगता का कारण बन सकती है। आम तौर पर सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति के सिर की चोट की तरफ अधिक ध्यान जाता है जबकि स्पाइनल कार्ड की चोट की या तो अनदेखी हो जाती है या उसकी तरफ बाद में ध्यान जाता है। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को अस्पताल ले जाते समय भी उसके सिर की चोटों की तरफ अन्य अंगों की चोट की अपेक्षा अधिक ध्यान दिया जाता है जिससे जाने-अनजाने मरीज की स्पाइनल कार्ड कट जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है क्योंकि उनका वर्टिब्रल कालम दुर्घटना के दौरान ही टूट चुकी होती है। सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों में से तकरीबन 10 से 15 प्रतिशत लोगों की स्पाइन दुर्घटना के दौरान क्षति ग्रस्त नहीं होती है, लेकिन घायल व्यक्ति को गाड़ी से निकालने या अस्पताल ले जाने के दरम्यान उसकी स्पाइन क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसलिये आसपास के लोगों को चाहिये कि सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को कम से कम हिलाये-डुलाये अथवा मोडे़ बगैर सीधा उठाकर एंबुलेंस या गाड़ी में सावधानी पूर्वक लिटाना चाहिये। अगर मरीज किसी कार के अंदर फंसा हुआ हो तो मरीज को मोड़कर निकालने की बजाय वाहन के चदरे को काटकर या वाहन की सीटों को उठाकर मरीज को निकालना चाहिये। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति के सिर में चोट लगने पर तत्काल सड़क के किनारे उल्टा या करवट में लिटा दिया जाना चाहिये ताकि घायल व्यक्ति अगर उल्टी करे तब उल्टी फेफड़ों में नहीं जा पाये और फेफड़ों में संक्रमण नहीं हो। इससे एक फायदा यह होगा कि उसे मिर्गी का दौरा आने पर उसका जुबान नहीं कटेगा। घायल व्यक्ति के शरीर के किसी स्थान से रक्त बहने पर वहां पट्टी या रूमाल कस कर बांध देना चाहिये ताकि रक्तस्राव कम हो और मरीज को अस्पताल पहुंचते ही उसे टांके लग सकें। सिर या स्पाइनल कार्ड की किसी भी तरह की चोट या क्षति को कभी भी हल्के ढंग से नहीं लेना चािहये और इसका तुरंत इलाज करवाना चाहिये क्योंकि इलाज में देर होने पर मरीज को स्थायी क्षति पहुंच सकती है।
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