यौन शिक्षा : सुहागरात से पहले सेक्स को लेकर भ्रांतियों एवं भय से उबरें

डॉ. पिंकी सक्सेना, वरिष्ठ सलाहकार, प्रसूति एवं स्त्री रोग चिकित्सा 
हर महिला और पुरुष के लिये सुहाग रात रोमांच एवं उत्तेजना के अलावा संकोच एवं थोड़ी चिंता से भरी होती है। ज्यादातर नव दम्पतियों के दाम्पत्य जीवन की पहली रात दोनों के लिये आनंदित एवं रोमांचकारी यौन संपर्क का पहला मौका प्रदान करती है और इस रात के अनुभव पर भावी दाम्पत्य जीवन की नींव तैयार होती है। 
हालांकि सामान्य युवती के मन में पहली रात के यौन संबंधों को लेकर ढेर सारी कल्पनायें होती हैं लेकिन जब पहली बार यौन संबंध स्थापित करने का मौका आता है तब वह कई तरह की मनोवैज्ञानिक भावनाओं तथा सांस्कृतिक एवं प्राकृृतिक षील के कारण अत्यधिक संवेदनषील बन जाती है और इस कारण अक्सर वह अपने पहले यौन संबंध को लेकर संकोच करती है और कई बार यौन संबंध स्थापित करने में आनकानी करती है। जबकि शादी की पहली रात किसी महिला के जीवन के निर्णायक चरण की षुरुआत होती है। पवित्रता का शारीरिक प्रतीक मानी जाने वाली हाइमन झिल्ली ही केवल एकमात्र ऐसी चीज नहीं है जो किसी कुंवारी लड़की और यौन संपर्क स्थापित कर चुकी लड़की के बीच फर्क करती है। इसमें कोई शक नहीं कि लड़की के मन में इस बात का डर बैठा होता है कि हाइमन मौजूद होने से षारीरिक कश्ट या दर्द होता है लेकिन पहली बार यौन संबंध स्थापित करने से झिझकने का सबसे प्रमुख एवं वास्तविक कारण तरूणाई के समाप्त होने की आशंका होती है। 



आज भी सेक्स को लेकर लड़कियों के मन में काफी भ्रांतियां एवं संकोच है क्योंकि किशोरावस्था के दौरान उन्हें हमेषा यही बताया जाता है कि सेक्स गंदी और अनैतिक चीज है। सेक्स को लेकर उनके मन में नाकारात्मक भावना भरे जाने के कारण लड़कियां शादी की रस्म को रातों-रात स्वीकार नहीं करतीं। लड़कियों का मन आम तौर पर कामुकता एवं भोग के बजाय महिला-पुरुष के रिष्ते के बीच के रोमांस के नाजुक एवं नरम पहलुओं के प्रति केन्द्रित रहता है।  



वक्त का तकाजा यह है कि हम दुल्हन बनने वाली युवतियों को पहले से उनके भावी जीवन के संवेदनषील एवं अंतरंग पहलुओं के बारे में तैयार करें और उन्हें सेक्स के बारे में स्वस्थ्य एवं संतुलित जानकारी एवं सोच दें तथा उनकी भ्रांतियों को दूर करें। यह स्वभाविक है कि कोई लड़की किसी अजनबी से जीवन का डोर बांधने से पूर्व यौन संबंधों को लेकर असहज रहती है। असल में यौन श्क्षिा की कमी और स्कूल एवं कॉलेज अधिकारियों एवं षिक्षकों के प्रतिरोध के कारण उनमें सेक्स को लेकर आधा-अधूरा ज्ञान होता है। इसकी परिणति षादी के पूर्व यौन संबंध, असमान्य व्यवहार, यौन षोशण, विवाह पूर्व गर्भपात, अवांछित गर्भधारण, मानसिक पीड़ा, एड्स जैसी बीमारियों का संक्रमण और असफल विवाह के रूप में हो सकती है। 
इन सुझावों का पालन करें - 




  • शादी की योजना बनाने या पहली बार यौन संबंध की योजना बनाने के बाद तनाव होना स्वभाविक है, लेकिन इससे योनि में सूखापन हो सकता है जो यौन संबंध को अधिक कष्टदायक अथवा असुविधाजनक बना सकता है।


  • अगर यौन संबंध के दौरान दर्द हो तो सांस अंदर-बाहर करने से दर्द कम करने में मदद मिलती है खास कर आरंभिक यौन संबंध के दौरान। ऐसे में तनाव मुक्त एवं बेहतर महसूस कर सकती हैं। 


  • बातचीत करें। पहली बार यौन संबंध स्थापित करने के समय अपने पति या पत्नी से अपने डर, इच्छा और जरूरतों के बारे में चर्चा करें। बेहतर यौन संबंध स्थापित करने के लिये एक दूसरे के प्रति खुलापन एवं विश्वास जरूरी है।