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ट्रिवीट्रॉन और न्यूबर्ग ने भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के उपक्रम 'सी-कैम्प' के साथ एमओयू पर दस्तखत किए

नई दिल्ली1 अगस्त2019: हेल्थकेयर इंडस्ट्री को सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने वाली प्रमुख चिकित्सा उपकरण कंपनी ट्रिवीट्रॉन और न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड, जो भारत में सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य सेवा है, और भारत में शीर्ष 4 नैदानिक सेवा प्रदाताओं में शुमार है, ने सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर प्लेटफॉर्म्स (सी-कैम्प),  जो भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग का उपक्रम है, के साथ एक मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओयू) पर दस्तखत करके रणनीतिक साझेदारी का ऐलान किया है ।


ट्रिवीट्रॉन और सी-कैम्प के साथ ये साझेदारी "संयुक्त बौद्धिक संपदा" (यानी उत्पाद एवं प्रक्रिया पेटेंट तथा इसकी संपूर्ण जानकारी) के तत्वाधान में पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विश्व स्तरीय हेल्थकेयर तकनीकों के सहकारी विकास की दिशा में दोनों के लिए एक रणनीतिक कदम है।


एमओयू पर डॉ. रेणु स्वरूप, सचिव, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारत सरकार और अध्यक्ष, जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC); डॉ. तस्लीमरीफ़ सैय्यद, सीईओ और निदेशक, सी-कैंप; डॉ. जीएसके वेलु, अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड और ट्रिवीट्रॉन हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड और डॉ. सुजय रामप्रसाद, मेडिकल डायरेक्टर, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए।


सी-कैम्प ने एक स्वदेशी मल्टीप्लेक्स फ्लोरेसेंट माइक्रोफ्लुइडिक-एनालाइजर का विकास और परीक्षण किया है, जो दो पेटेंटों के अंतर्गत आता है- माइक्रोफ्लुइडिक्स फ्लो एनालाइजर के लिए एक बेस-पेटेंट, जिसे कई देशों में दर्ज और मंजूर किया गया है तथा मल्टीप्लेक्स फंक्शनलिटी को कवर करने वाला एक अन्य फॉलो-ऑन पेटेंट। सी-कैम्प अवधारणा का प्रमाण प्रदर्शित करेगा और क्लीनिकल निदान के लिए एक जैविक द्रव विश्लेषक का सह-विकास करने में भागीदार बनेगा। इस एमओयू के द्वारा ट्रिवीट्रॉन, जिसका वैश्विक स्तर पर इमेजिंग उपकरणों समेत नैदानिक उपकरण विकसित और स्थापित करने का इतिहास रहा है, से अपेक्षा की जा रही है कि वह इन सी-कैम्प विकसित प्रौद्योगिकियों की व्यावसायिक रूप से व्यापक बाजार तक पहुंच बनाने में मदद करेगा।


सी-कैम्प  : द सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलीक्युलर प्लेटफॉर्म्स (सी-कैम्प) भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के जैव प्रौद्योगिकी विभाग का एक उपक्रम है,जिसे अत्याधुनिक जीवन विज्ञान और हेल्थकेयर अनुसंधान व नवाचार को सक्षम करने के लिए जनादेश प्राप्त है। यह देश के सबसे रोमांचक और अनूठे जीवन विज्ञान नवाचार हब में से एक है, जो एक ही मंच पर शिक्षा, उद्योग और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र को प्रस्तुत कर रहा है। यह देश के कुछ सबसे पुराने बायो क्लस्टरों में से एक- बैंगलोर लाइफ साइंसेज क्लस्टर (बीएलआईएससी) का हिस्सा भी है, जिसमें नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस) और इंस्टीट्यूट फॉर स्टेम सेल बायोलॉजी एंड रिजेनेरेटिव मेडिसिन (इनस्टेम) और सी-कैम्प शामिल हैं।


 ट्रिवीट्रॉन हेल्थकेयर : 1997 से सस्ती स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने वाली एक चिकित्सा प्रौद्योगिकी कंपनी के रूप में ट्रिवीट्रॉन हेल्थकेयर की यात्रा कई स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के लिए प्रेरणा का एक आकर्षक धागा बुनती है। अनुसंधान और विकास में ठोस विशेषज्ञता रखते हुए ट्रिवीट्रॉन 180 देशों में असाधारण चिकित्सा प्रौद्योगिकी उत्पादों का निर्माण और वितरण करती है। 9यूएसएफडीए, सीई प्रमाणित विनिर्माण सुविधाओं के साथ ट्रिवीट्रॉन ने नवजात स्क्रीनिंग, इन-विट्रो डायग्नोस्टिक्स, इमेजिंग एवं रेडियोलॉजी, रेडिएशन प्रोटेक्शन, क्रिटिकल केयर और ऑपरेटिंग रूम सॉल्यूशंस के क्षेत्र में नवाचार का नेतृत्व करती है। इस प्रकार इसने एक समग्र स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के रूप में बड़ा नाम कमाया है।


न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स : भारत, यूएई और दक्षिण अफ्रीका की सर्वश्रेष्ठ प्रयोगशालाएं ने विकासशील देशों की पहुंच के भीतर नवीनतम प्रौद्योगिकी और तकनीकों को लाने के लिए न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के बैनर तले एकजुट हुई हैं। अपनी संयुक्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, न्यूबर्ग गठबंधन 5000 से अधिक किस्मों की पैथोलॉजिकल जांच करने की क्षमता रखता है और डेटा विज्ञान और एआई टूल्स द्वारा सहायता प्राप्त सबसे उन्नत तकनीकों का उपयोग करके दुर्लभ बीमारियों के लिए रोकथाम और प्रारंभिक निदान, फोकस्ड वेलनेस प्रोग्राम और संरचित रोग प्रबंधन कार्यक्रमों को बढ़ावा देगा। आज, न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स भारतीय मूल की शीर्ष निदान कंपनियों और भारत में सबसे तेजी से बढ़ती स्वास्थ्य सेवा स्टार्ट-अप में से एक है। न्यूबर्ग कंसोर्टियम के संस्थापक सदस्य - आनंद डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी (बैंगलोर), सुप्राटेक माइक्रोप्रैथ (अहमदाबाद), एह्रलिच लैबोरेटरी (चेन्नई),ग्लोबल लैब्स (दक्षिण अफ्रीका), और मिनर्वा डायग्नोस्टिक्स (दुबई) 200 से अधिक वर्षों की अपनी संयुक्त विरासत ला रहे हैं और सालाना 20 मिलियन से अधिक नमूने संसाधित कर रहे हैं। दुनिया भर के कुछ बेहतरीन पैथोलॉजिस्ट, बायोकेमिस्ट, जेनेटिक्स, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और कई अन्य क्लिनिकल लैब प्रोफेशनल्स बारीकी से काम कर रहे हैं, ज्ञान साझा कर रहे हैं और अगले स्तर पर सटीक और समय पर निदान के लिए डायग्नोस्टिक्स तकनीकों की नवीनतम पीढ़ी का उपयोग कर रहे हैं।


 एनएएएलएम : न्यूबर्ग आनंद एकेडमी ऑफ़ लेबोरेटरी मेडिसिन (एनएएएलएम) नैदानिक प्रयोगशाला चिकित्सा के आला क्षेत्रों में योग्य पेशेवरों के प्रशिक्षण का समर्थन और उन्हें बनाए रखने के लिए आवश्यक बुनियादी ढाँचे के निर्माण; वैज्ञानिक अनुसंधान और चिकित्सक के बीच की खाई को कम करने के लिए अनुवादिक अनुसंधान पर ध्यान देने के साथ अनुसंधान परियोजनाओं की पहचान करने और शुरू करने; और आणविक परीक्षणों और जीनोमिक्स सहित नियमित और विशेष प्रयोगशाला परीक्षणों की एक विस्तृत श्रृंखला को कवर करने के लिए लागत प्रभावी प्रवीणता परीक्षण समाधान और समर्थन प्रदान करने के लिए प्रयास करता है। बैंगलोर से आधारित, एनएएएलएम की प्रवीणता परीक्षण कार्यक्रम, न्यूरो-क्यूएपी की जनवरी 2019 में शुरुआत की गई थी और आज इसके पास हिस्टोपैथोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, विशेष रसायन विज्ञान, हेमाटोलॉजी और दूसरों के बीच सेरोलॉजी को कवर करने वाली योजनाओं के लिए लगभग 300 प्रयोगशालाओं की वर्तमान सदस्यता है। एनएएएलएम ने लैबोरेटरी मेडिसिन के डॉक्टरों के लिए पोस्ट-डॉक्टोरल सर्टिफिकेट कार्यक्रमों के साथ-साथ विश्व लैब प्रोफेशनल्स सप्ताह 2019 के अवसर पर तकनीकीविदों  के लिए पोस्ट ग्रेजुएट सर्टिफिकेट कोर्स भी शुरू किए हैं।


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