अल्जाइमर के प्रति आनुवांशिक रूप से संवेदनशील लोगों में अधिक कैलोरी लेने से इस मानसिक बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। सुप्रसिद्ध विज्ञान पत्रिका आर्काइव्स आॅफ न्यूरोलाॅजी में प्रकाशित इस अध्ययन में 65 वर्ष से अधिक उम्र के वैसे लोगों को शामिल किया गया जो अल्जाइमर पैदा करने वाले जीन को वहन कर रहे थे। इनमें अधिक खुराक लेने वाले लोगों में कम खुराक लेने वाले लोगों की तुलना में अल्जाइमर होने की संभावना 2.3 गुना पायी गयी।
इस अध्ययन में सहयोग करने वाले न्यूयार्क स्थित कोलंबिया यूनिवर्सिटी के मेडिसीन विभाग के सहायक प्रोफेसर डा. जोस लुसिंगर के अनुसार इस अध्ययन में अधिक कैलोरी विशेषकर अधिक वसा लेने और अल्जाइमर होने के बीच गहरा संबंध पाया गया।
डा. लुसिंगर और उनके सहयोगियों के अनुसार यह प्रभाव सिर्फ ए.पी.ओ.ई. - 4 नामक एपोलाइपोप्रोटीन जीन के रूपान्तर को वहन करने वाले लोगों में पाया गया। इस अध्ययन में इस जीन का अल्जाइमर रोग से गहरा संबंध पाया गया। दुनिया की एक चौथाई आबादी में यह जीन पायी जाती है। लुसिंगर का कहना है कि कम कैलोरी और वसा लेने की तुलना में अधिक कैलोरी और वसा लेने पर हमारा शरीर इसे प्रोसेस करने के दौरान अधिक विषैले पदार्थ उत्पन्न करता है। इन विषैले पदार्थों को आॅक्सीडेंट कहा जाता है और ये अल्जाइमर की संभावना को बढ़ाते हैं। इस अध्ययन में अल्जाइमर के प्रति असंवेदनशील लोगों में आहार का कोई विशेष प्रभाव नहीं पाया गया।
यह अध्ययन हाल में ही किए गए एक अन्य अध्ययन से समानता रखता है जिसमें कहा गया था कि कम खाने वाले लोग अधिक दिनों तक जीवित रहते हैं।
यह अध्ययन चूहों और बंदरों पर किया गया था जिसमें पाया गया था कि चूहे और बंदर कम कैलोरी लेने के बावजूद अधिक दिनों तक जीवित रह सकते हैं। डा. लुसिंगर का कहना है कि हालांकि यह अध्ययन अपने आप में पूर्ण है लेकिन इससे चिकित्सकों में विरोधाभास पैदा हो गया है कि ए.पी.ओ.ई. - 4 जीन अल्जाइमर रोग की तरह ही कार्डियोवैस्कुलर बीमारियां पैदा करने के लिए तो जिम्मेदार नहीं है।
यह अध्ययन मैनहटन में रहने वाले 980 स्वस्थ लोगों पर किया गया। इनमें से आधे लोग काले या हिस्पैनिक थे। वर्ष 1991 में आरंभ हुये इस अध्ययन के तहत हर साल इन लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया तथा इनसे आहार संबंधित जानकारी ली गई। विशेषज्ञ इन लोगों में पागलपन का पता लगाने की कोशिश कर रहे थे। इस अध्ययन में शामिल ए.पी.ओ.ई. - 4 जीन को वहन करने वाले अधिक कैलोरी (प्रतिदिन 1870 कैलोरी) लेने वाले लोगों में कम कैलोरी (प्रतिदिन 780 कैलोरी) लेने वाले लोगों की तुलना में अल्जाइमर का बहुत अधिक खतरा पाया गया। लेकिन इस अध्ययन से इस बात का पता नहीं चल पाया कि अल्जाइमर से दूर रहने के लिए कितनी कैलोरी लेनी चाहिए।
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