उम्र बढ़ने के साथ—साथ आम तौर पर उच्च रक्तचाप, मधुमेह, नजर की कमजोरी और घुटने की समस्याएं जैसे कई तरह ही स्वास्थ्य समस्याएं होने लगती हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आपका ओस्टियोआर्थराइटिस का पारिवारिक इतिहास हैए यदि आपका वजन अधिक है या आपके घुटने में किसी प्रकार की चोट लगी हैए तो आपके घुटने खराब होने की अधिक संभावना हो सकती है। ऑस्टियोआर्थराइटिसए जिसका शाब्दिक अर्थ होता है घुटने के कार्टिलेज को क्षति पहुंचना। इसमें आम तौर पर घुटने में दर्द होता है और रोगी का चलना—फिरना कम हो जाता है। इसके कारण उम्र बढ़ने के साथ घुटना प्रत्यारोपण कराने की जरूरत होती है। लेकिन कम उम्र में ही सावधानी बरतकर जितना संभव हो सके इस समस्या से बचा जा सकता है या या कम से कम टाला जा सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि चलने—फिरने में सुधार करके, मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाकर और वजन को नियंत्रित कर दर्द को कम करने में मदद मिल सकती है और आपके घुटने कम उम्र के घुटने की तरह महसूस हो सकते हैं।
यहां कुछ उपाय बताये गये हैं जिन पर अमल करने पर आपके घुटने पर उम्र का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। अपने घुटने के जोड़ों को किसी प्रकार की क्षति से बचाकर आप घुटने के दर्द में देरी कर सकते हैं, और यहां तक कि इसे पूरी तरह से रोक भी सकते हैं।
मांसपेशियों को सुदृढ़ करें
मांसपेशियों की ताकत को बढ़ाने से घुटने के जोड़ स्थिर रहते है और मांसपेशियों को आपके घुटने के तनाव को अवशोषित करने में मदद मिलती है। मांसपेशियों को जांघों में क्वाड्रिसेप्स और हैमरस्ट्रिंग की मदद से सुदृढ़ करना शुरू करना चाहिएए लेकिन इसे यहीं तक समाप्त नहीं कर देना चाहिए। घुटने के कार्य को अधिकतम करने के लिए कूल्हे और मुख्य मांसपेशियों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।
घुटने को मोड़े नहीं क्योंकि इससे घुटने पर बहुत अधिक दबाव पड़ता है। घुटने मोड़़ कर बैठने पर घुटने के नरम उपास्थि मेनस्कस को क्षति पहुंच सकती है। अपने घुटनों को लंबे समय तक पूरी तरह से मोड़कर रखने से बचें।
वजन कम करना
यदि आपका वजन अधिक है तो आपका हर अतिरिक्त किलोग्राम वजन आपके घुटने के जोड़ों पर 4 किलोग्राम अतिरिक्त दबाव डालेगा। अपने बॉडी मास इंडेक्स को स्वस्थ रेंज में रखने से आपके घुटने बेहतर महसूस करेंगे। बीएमआई वजन को मापने का एक उपाय है जिसमें आपकी ऊंचाई और वजन दोनों का ध्यान रखा जाता है।
गति की सीमा बढ़ाएं
अधिकांश लोगों की जोड़ उम्र के साथ कठोर हो जाते हैं और इस बात के स्पष्ट सबूत मौजूद हैं कि बेहतर गति वाले लोगों में घुटने के दर्द के लक्षण कम होते हैं, खासकर अगर वे घुटने को सीधा रखते हैं। इसलिए घुटने को सीधा रखकर काम करना महत्वपूर्ण है। घर में, बिस्तर पर या फर्श पर बैठें, टखने के नीचे एक तकिया रखें, और अपनी पैर की मांसपेशियों का उपयोग कर धीरे—धीरे घुटने को नीचे लाएं।
फुट वियर
यदि आप ऐसी नौकरी या काम करते हैं जिसमें आपको कठोर सतहों पर खड़े रहना पड़ता है तो कुशन वाले जूते पहनें, और बागवानी करने के दौरान बैठने के लिए कम उंचाई वाली स्टूल का उपयोग करें।
निम्न चीजों से बचें
जॉगिंग और एरोबिक्स कक्षाओं जिनमें कूदना शामिल हो, ऐसी उच्च प्रभाव वाली गतिविधियों से बचें।
आहार
अपने दैनिक आहार में फल और सब्जियां शामिल करें क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूती प्रदान करते हैं और इंफ्लामेशन से लड़ते हैं। परिष्कृत और संसाधित वस्तुओंए कार्बोहाइड्रेटए ट्रांस और संतृप्त वसा के सेवन से बचें क्योंकि वे तुरंत इंफ्लामेशन को बढ़ाने के लिए जाने जाते हैं। दही का सेवन करें क्योंकि इसकी संतुष्टि प्रदान करने, ठंडा और एंटी—इंफ्लामेट्री गुण इंफ्लामेशन से निपटने के लिए उपयुक्त हैं। यह स्वस्थ, मजबूत हड्डियों के लिए कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत भी है।
सर्जरी
घुटने के ऑस्टियोआर्थराइटिस के लिए सभी गैर शल्य चिकित्सा उपचारों के विफल हो जाने के बाद ही घुटना प्रत्यारोपण पर विचार किया जाना चाहिए। रोबोट की मदद से टोटल नी रिप्लेसमेंट के बाद आम तौर पर रोगी की जीवन की गुणवत्ता में सुधार होता है। दुनिया भर में अब ज्वाइंट रिप्लेसमेंट में मैनुअल तकनीक की बजाय अत्यधिक सटीक रोबोटिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। घुटना या कुल्हा प्रत्यारोपण कराने वाले रोगियों को लंबे समय तक स्थायी संतोषजनक परिणाम देने के लिए सटीक अलाइनमेंट और लिगामेंट में सही संतुलन महत्वपूर्ण है जो कि रोबोटिक नी रिप्लेसमेंट सर्जरी के द्वारा संभव है।
घुटना प्रत्यारोपण पार्शियल या टोटल नी रिप्लेसमेंट हो सकता है। पार्शियल नी रिप्लेसमेंट में घुटने के सभी चार लिगामेंट को संरक्षित रखा जाता है और सर्जरी रोबोटिक आर्म की मदद से छोटे चीरा के माध्यम से किया जा सकता है। रोगी ऑपरेशन के अगले दिन घर चला जाता है। रोबोटिक टोटल नी रिप्लेसमेंट में घुटना पूरी तरह से अलाइन और संतुलित रहता है ताकि यह अधिकतम कार्य कर सके।
बढ़ती उम्र की समस्याओं को समय से पहले ही रोकें
~ ~
SEARCH
LATEST
6-latest-65px
POPULAR-desc:Trending now:
-
- Vinod Kumar मस्तिष्क में खून की नसों का गुच्छा बन जाने की स्थिति अत्यंत खतरनाक साबित होती है। यह अक्सर मस्तिष्क रक्त स्राव का कारण बनती ह...
-
विनोद कुमार, हेल्थ रिपोर्टर वैक्सीन की दोनों डोज लगी थी लेकिन कोरोना से बच नहीं पाए। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक...
-
INDIAN DOCTORS FOR PEACE AND DEVELOPMENT An international seminar was organised by the Indian Doctors for Peace and Development (IDPD) at ...
-
अत्यधिक प्रतीक्षित इंडो इंटरनेशनल फैशन कार्निवल एंड अवार्ड्स सीजन 2: मिस, मिसेज और मिस्टर स्टार यूनिवर्स ने एक शानदार लोगो लॉन्च इवेंट के सा...
-
The woman in the picture with a smile is Salwa Hussein !! She is a woman without a heart in her body. She is a rare case in the world, as...
Featured Post
Air Pollution Fuels Alarming Rise in Childhood Asthma Cases (On World Asthma Day - 6 May)
- Vinod Kumar, Health Journalist In a month, 3-4 kids, aged 6-10, report symptoms like frequent coughing, breathlessness during play, dis...
