- डाॅ. सोनिया मलिक, (डीजीओ, एमडी, एफआईसीओजी, एफएएमएस), कार्यक्रम निदेशिका, साउथेंड फर्टिलिटी एंड आईवीएफ, नई दिल्ली
धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अपने रोजमर्रा के जीवन में आपको हर जगह धूम्रपान करने वालों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन फिर भी, आप इसके दुश्प्रभाव से अनभिज्ञ रहते है। धूम्रपान न केवल फेफड़े को नुकसान पहुंचाता है बल्कि हृदय, गुर्दे और शुक्राणुओं को भी नहीं छोड़ता है। यह पुरुषों और साथ ही साथ महिलाओं में भी इनफर्टिलिटी पैदा कर सकता है। धूम्रपान के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले सामान्य दुश्प्रभावों में, इनफर्टिलिटी सबसे आम है। यह कहना गलत नहीं होगा कि बहुत अधिक धूम्रपान करने वाले लोगों में धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों की तुलना में इनफर्टिलिटी संबंधित समस्याएं होने का अधिक खतरा रहता है। शोध के अनुसार, एक सिगरेट के धुएं मेे पूरे शरीर में फैल जाने वाले 7000 रसायन होते हैं, जो लंबे समय में अंगों को प्रभावित करते हैं। सिर्फ सक्रिय धूम्रपान ही नहीं, यहां तक कि दूसरे लोगों द्वारा किए गए धूम्रपान के धुएं या धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहना भी खतरनाक है। धूम्रपान चाहे सक्रिय हो या निश्क्रिय, यह प्रजनन अंगों को नुकसान पहुंचा सकता है, शिशुओं में आनुवांशिक ऊतकों (गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान करने पर) को नुकसान पहुंचा सकता है, ओवुलेशन संबंधित समस्याएं पैदा कर सकता है और कैंसर और गर्भपात के खतरे को बढ़ा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार 2015 तक, भारत में दुनिया के 12 प्रतिशत तम्बाकू सेवन करने वाले लोग होंगे और यहां धूम्रपान करने वालों की संख्या 10 करोड़ 80 लाख हो जाएगी।
इस बात के मजबूत प्रमाण उपलब्ध हैं कि धूम्रपान संबंधित व्यवहार सामाजिक कारकों से संबंधित होते हैं, विशेष रूप से माता-पिता और सहकर्मियों का अधिक प्रभाव पड़ता है। तंबाकू का स्वाद और गंध भी लोगों को धूम्रपान करने को प्रेरित करता है क्योंकि यह होंठ, मुंह और गले के संवेदी अंगों में स्पर्श, स्वाद और जलन की उत्तेजना प्रदान करता है। इसके अलावा, यह भी सुझाव दिया गया है कि अधिक नकारात्मक मूड और मूड में अधिक उतार- चढ़ाव के कारण भी लोग धूम्रपान की लत के गिरफ्त में आ सकते हैं।
कई अध्ययनों ने गर्भावस्था के दौरान माता के द्वारा किए जाने वाले धूम्रपान के विशिष्ट प्रभावों की पहचान की है, जिसमें भ्रूण के विकास का बाधित होना, नवजात षिषु की मृत्यु, गर्भावस्था संबंधी जटिलताएं, समय से पहले प्रसव और स्तनपान पर संभावित प्रभाव और जीवित बच्चों पर दीर्घकालिक प्रभाव शामिल हैं। इसके अलावा, इस बात के भी संकेत मिले हैं कि धूम्रपान करने से महिलाओं में प्रजनन क्षमता कम हो जाती है, माहवारी संबंधित असामान्यताएं होने की संभावना बढ़ जाती है और सहज रजोनिवृत्ति की आयु कम हो जाती है। पुरुषों के मामले में, यह सुझाव दिया गया है कि धूम्रपान उनकीे प्रजनन प्रक्रिया में शामिल हर प्रणाली को प्रभावित करता है। धूम्रपान करने वालों के स्पर्माटोजोआ में निशेचन क्षमता कम हो जाती है, और भ्रूण में इंप्लांटेषन दर कम हो जाती है।
धूम्रपान किसी भी अंगों या कोशिकाओं को नहीं छोड़ता है, और इसलिए, धूम्रपान के कारण शुक्राणु के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव अपरिहार्य है। अध्ययनों मंे धूम्रपान नहीं करने वालों की तुलना में धूम्रपान करने वाले पुरुशों में वीर्य की गुणवत्ता में कमी देखी गई है और शुक्राणु की सांद्रता में 23 प्रतिषत की कमी देखी गई है। धूम्रपान का शुक्राणु की गतिशीलता पर भी प्रभाव पड़ता है, जिसके कारण अंडे का निशेचित होना मुश्किल हो जाता है। और अगर अंडे निषेचित हो भी जाते हैं, तो भ्रूण और बढ़ते भ्रूण पर हानिकारक रसायनों के दुश्प्रभाव के कारण भ्रूण के जीवित करने की संभावना कम हो सकती है। पुरुषों में धूम्रपान करने से गैर-व्यवहार्य गर्भावस्था का खतरा बढ़ जाता है और इसलिए महिला में गर्भपात का खतरा अधिक हो जाता है।
धूम्रपान करने वाली महिलाओं या धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहने वाली महिलाओं में इनफर्टिलिटी का अधिक खतरा रहता है और वे देर से गर्भ धारण करती हैं। सिगरेट में मौजूद विषाक्त पदार्थों के कारण, धूम्रपान गर्भपात की संभावना को बढ़ा देता है। यह गर्भावस्था के दौरान समय पूर्व प्रसव पीड़ा और एक्टोपिक गर्भावस्था जैसे कई स्वास्थ्य जोखिमों को भी बढ़ाता है। कई अध्ययनों के अनुसार, प्रतिदिन 10 या अधिक सिगरेट पीने पर महिलाओं को गर्भ धारण करने की क्षमता में काफी नुकसान होता है। इसके अलावा, धूम्रपान करने वाली या धूम्रपान करने वालों के संपर्क में रहने वाली महिलाओं के 50 वर्श से पहले ही रजोनिवृत्त होने की संभावना होती है। इसलिए प्रजनन क्षमता को सुरक्षित रखने का सबसे अच्छा तरीका धूम्रपान छोड़ना है। हालांकि धूम्रपान करने वाली गर्भवती महिलाओं के लिए धूम्रपान छोड़ना मुश्किल हो सकता है यदि उसका पार्टनर धूम्रपान करता हो। अनुसंधान से पता चलता है कि जब लोग अपने पार्टनर के साथ धूम्रपान छोड़ने की योजना बनाते हैं तो धूम्रपान बंद करना बहुत आसान होता है। एक साथ धूम्रपान छोड़ने का निर्णय लेना प्रजनन क्षमता बढ़ाने और स्वस्थ बच्चे पैदा होने की संभावना में सुधार करने का एक बढ़िया तरीका है।
स्वस्थ आहार का सेवन करना, नियमित व्यायाम करना, ध्यान करना, योग करना आदि स्वस्थ जीवन के लिए बहुत आवश्यक हैं। इससे न केवल आपके गर्भवती होने की संभावना में वृद्धि होगी, बल्कि इससे स्वस्थ बच्चे के जन्म की संभावना भी बढ़ जाती है। आपमें अपनी बेहतरी के लिए अपने जीवन को बदलने की क्षमता है! पहला कदम है, खुद के साथ ईमानदार होना; दूसरा कदम है मदद और सहयोग मांगना!
धूम्रपान करने वालों को हो सकता है इंफर्टिलिटी का खतरा
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