दिवाली के समय तापमान में गिरावट और अत्यधिक प्रदूषण के कारण अस्थमा का प्रकोप बढ़ जाता है। चिकित्सकों के पास सांस लेने की तकलीफ के साथ पास आने वाले मरीजों की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक का इजाफा हो जाता है। इन मरीजों में से ज्यादातर या तो बच्चे होेते हैं या अधिक उम्र के लोग होते हैं।
इस मौसम में लोगों को खास तौर पर श्वसन रोग से ग्रस्त मरीजों को धुंए के संपर्क में आने से बचना चाहिए तथा अगर सांस लेने में दिक्कत हो तो डॉक्टर की सलाह से दवाई की खुराक बढ़ा देनी चाहिए।
अस्थमा के मरीजों को प्रदूषण के असर से बचने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए :
— आपको हमेशा अपने पास इनहेलर रखना चाहिए तथा चिकित्सक के सुझाव के अनुसार आपको नियमित रूप से प्रिवेंटर इनहेलर लेना चाहिए।
— डाक्टर को दिखाकर यह सुनिश्चित करें कि आप जो इनहेलर ले रहें हैं वह सही है।
— आपको अगर सामान्य से अधिक बार इनहेलर लेने की जरूरत पड़ती है या अधिक बार पफ लेना पड़ता है तो आप अपने चिकित्सक से परामर्श करें ताकि आपको दी जा रही दवाइयां के बारे में वे दोबारा विचार करें।
— अगर आप घर से बाहर जा रहे हैं तो अपने नाक एवं मुंह के चारों तरफ स्कार्फ को ढीला करके बांध ले इसके कारण आप जो हवा श्वास के जरिए लेंगे वह थोड़ी गर्म हो जाएगी।
— अपने मुंह के बजाए नाक से श्वास लें ताकि आपके फेफड़े में जाने वाली हवा गर्म हो जाए।
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