इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट अर्थात ई सिगरेट का इस्तेमाल दुनिया भर में तेजी से बढ़ रहा है लेकिन स्वास्थ्य पर इसके असर के बारे में काफी भ्रम की स्थिति है। ई सिगरेट के बारे में कहा जाता है कि यह धूम्रपान की लत ंछुड़ाने में कारगर है जबकि कुछ वैज्ञानिकों ने इसे ''इलेक्ट्रॉनिक निकोटिन डिलीवरी सिस्टम'' भी कहा है।
विकसित देषों खास तौर पर अमरीका में में षॉपिंग मॉल्स में ई-सिगरेट उपलब्ध है और इंटरनेट पर भी उपलब्ध है। लेकिन ई-सिगरेट कितना सुरक्षित है इसका पता लगाने के लिए कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के अनुसंधानकर्ताओं ने ई-सिगरेट के पांच ब्रांडों का मूल्यांकन किया जिसमें डिजाइन संबंधी दोश, पर्याप्त लेबलिंग की कमी, गुणवत्ता नियंत्रण में कमी तथा स्वास्थ्य पर इसका दुश्प्रभाव पाया गया। इस मूल्यांकन के आधार पर उन्होंने ई-सिगरेट को हानिकारक पाया है और जब तक इसका सुरक्षा संबंधी पर्याप्त मूल्यांकन नहीं हो जाता है तब तक बाजार से ई-सिगरेट को हटाने का अनुरोध किया है।
परम्परागत सिगरेट में तम्बाकू को जलाने के विपरीत ई-सिगरेट कार्टिज में मौजूद अन्य यौगिकों के साथ निकोटिन को वाश्पीकृत करता है। यह गर्म होकर एयरोसोल का निर्माण करता है। हालांकि यह तम्बाकू के जलने से बनने वाले हजारों रसायन और जहरीले पदार्थों का निर्माण नहीं करता है लेकिन ई-सिगरेट से उत्पन्न वाश्प में एयरोसोल रसायन मौजूद होता है।
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी रिवरसाइड के स्टेम सेल सेंटर के निदेषक और इस अध्ययन के प्रमुख प्रू टैलबोट कहते हैं कि कुछ लोग ई-सिगरेट को परम्परागत सिगरेट के लिए एक सुरक्षित विकल्प मानते हैं। हालांकि ई-सिगरेट और उनकी सुरक्षा पर कोई वैज्ञानिक अध्ययन नहीं हुए हैं। यह ताजा अध्ययन ई-सिगरेट के मूल्यांकन के लिए पहला अध्ययन है और इस अध्ययन में इस उत्पाद में कई खामियां पायी गयी हैं और अगर इन खामियों को सुधारा नहीं गया तो यह भविश्य में कई गंभीर जन स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है।
इस अध्ययन के तहत् एनजेओवाई, लिबर्टी स्टिक्स, क्राउन सेवेन (हाइड्रो), स्मोकिंग एवरीव्हेयर (गोल्ड एवं प्लैटिनम) तथा वैपसिग्स ब्रांडों के लिए डिजाइन, लेबलिंग की सटीकता तथा स्पश्टता, निकोटिन सामग्री, रिसाव, दोशपूर्ण भाग, निपटान, भरने में त्रुटि, अनुदेष मैनुअल गुंणवत्ता और विज्ञापन का एक साथ परीक्षण किया गया।
इस अध्ययन में पाया गया कि इसकी बैटरी, ऑटोमाइजर, कार्टिज, कार्टिज रैपर, पैक और इंस्ट्रक्षन मैनुअल पर ई-सिगरेट से संबंधित सामग्री, इसके इस्तेमाल और आवष्यक चेतावनी का अभाव था। ई-सिगरेट के कार्टिज में रिसाव था जिससे निकोटिन निकल रहा था। निकोटिन एक नषे की लत वाला खतरनाक रसायन है जो बच्चों, वयस्कों, पालतू जानवरों और वातावरण पर दुश्प्रभाव डालता है। मौजूदा समय में ई-सिगरेट उत्पादों और सहायक सामग्रियां सहित कार्टिज के सही तरीके से निपटान के लिए कोई तरीका उपलब्ध नहीं है जिसके कारण बेकार कार्टिज के जल स्रोतों और मिट्टी में चले जोने के कारण निकोटिन संदूशण होता है और वातावरण पर दुश्प्रभाव डालता है। इसके अलावा ई-सिगरेट का निर्माण, गुणवत्ता नियंत्रण, बिक्री और विज्ञापन भी अनियमित हैं।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार ई-सिगरेट का इस्तेमाल करने वालों और इस्तेमाल नहीं करने वालों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए ई-सिगरेट पर और अनुसंधान किये जाने चाहिए। हालांकि ई-सिगरेट के निर्माताओं और मार्केटर्स का दावा है कि यह सुरक्षित है लेंकिन इसके बावजूद ई-सिगरेट के द्वारा निकलने वाले वाश्प की विशाक्तता के बारे में अभी जानकारी उपलब्ध नहीं है। जब तक हमें ई-सिगरेट कार्टिज की सामग्रियों के गर्म होने पर निकलने वाले विशाक्त पदार्थों के संभावित स्वास्थ्य खतरों के बारे में पूरी जानकारी हासिल नहीं हो जाती तब तक इसके निर्माताओं के सुरक्षा संबंधी दावों पर विष्वास नहीं किया जा सकता। इस षोध को टोबैको कंट्रोल के ताजा अंक में प्रकाषित किया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक सिगरेट से स्वास्थ्य को खतरा
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