जगमगाती, सुंदर आँखें किसी महिला की सबसे बेशकीमती धरोहर हो सकती है। हालांकि कोई भी व्यक्ति आंखों की बीमारियों से ग्रस्त हो सकता है, लेकिन महिलाएं विशेषकर गर्भावस्था के दौरान और रजोनिवृति के बाद पुरुषों की तुलना में आंखों की बीमारियों के प्रति अधिक ग्रस्त हो सकती है। इसलिए महिलाओं को आंखों की देखभाल को लेकर अतिरिक्त सतर्क रहने की जरूरत है। इसलिए आपको अपनी आंखों की विशेष देखभाल करने के लिए समय निकालने की जरूरत है।
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद में आंख के लेंस में धुधलापन आ जाता है, जिसके कारण दृष्टि धुधली और अस्पष्ट हो जाती है। विटामिन ई, विटामिन सी और बीटा कैरोटीन सप्लिमेंट मोतियाबिंद के खतरे को कम करने में मदद करते हैं। रजोनिवृत्ति के बाद, एस्ट्रोजन सप्लिमेंट भी मोतियाबिंद के खतरे को कम कर सकते हैं। यह स्थिति दृष्टि को बहुत नुकसान पहुंचाती है और यह उम्रदराज लोगों में अधिक सामान्य है।
धुंधली दृष्टि
गर्भनिरोधक गोलियां का सेवन करने वाली और धुधली दृष्टि अनुभव करने वाली महिलाओं को माइग्रेन सिर दर्द होने का भी खतरा हो सकता है। नेत्र रोग विशेषज्ञ आपको यह बता सकते हैं कि इस तरह के सिर दर्द को दृष्टि की उचित देखभाल से कैसे ठीक किया जा सकता है।
एआरएमडी
महिलाओं को पुरुषों की तुलना में उम्र से संबंधित मैकुलर डीजेनेरेशन (एआरएमडी) होने का अधिक खतरा होता है। इसलिए यदि आपको पढ़ने में कठिनाई होती हो या देखने के लिए अधिक प्रकाश की जरूरत होती हो तो आप नेत्र विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श करें। मैकुलर डीजेनेरेशन के अल्य लक्षणों में परिधीय दृष्टि में कमी या रंगों को लेकर समस्याएं शामिल हैं।
ड्राई आई
महिलाएं, विशेषकर गर्भवती या रजोनिवृत हो चुकी महिलाएं ड्राई आई सिंड्रोम के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं। इसमें आँखें पर्याप्त मात्रा में आँसू का उत्पादन नहीं करती हैं या खराब गुणवत्ता के आँसू उत्पन्न करती हैं और ये तेजी से लुप्त हो जाती हैं। इस समस्या के होने पर आंखों में चुभन या जलन होने लगती हैं, आंखों में कुछ गड़ने का अहसास होता है, आँखों में इरीटेशन महसूस होती है या अधिक पानी आने लगता है।
अल्ट्रा वायलेट संरक्षण
सभी महिलाओं को धूप में निकलने पर अल्ट्रा वायलेट से 100 प्रतिशत सुरक्षा प्रदान करने वाले धूप के चश्मे को अवश्य पहनना चाहिए। आंखों के उतकों को नुकसान पहुंचाने वाले सूर्य के पराबैंगनी विकिरण से आंखों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह आवश्यक है। गर्भनिरोधक गोलियां, ट्रैंक्विलाइजर्स और कुछ सल्फा आधारित दवाओं जैसी कुछ दवाएं आंखों को धूप के संपर्क में रहने पर अधिक खतरा पैदा करती हैं। यदि आप इन्हें नियमित रूप से ले रही हैं तो आपको अपनी आंखों को सूर्य के प्रकाश के सपंर्क में रहने पर बहुत सावधान रहना चाहिए।
पोषण
यदि आप गर्भवती हैं, तो अच्छी तरह से संतुलित आहार का सेवन कर अपनी आंख के स्वास्थ्य की रक्षा करें और किसी भी प्रकार की दृष्टि संबंधित समस्या होने पर तुरत नेत्र विशेषज्ञ से परामर्श लें। यदि आप अपने बच्चों का लालन-पालन कर रही हैं, तो रतौंधी को रोकने के लिए विटामिन ए युक्त फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों (बीटा कैरोटीन के रूप में) का चयन करें।
महिलायें कैसे करें अपनी आंखों की हिफाजत
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