फाइब्रॉएड के बारे में मिथक और तथ्य

  • by @ हेल्थ स्पेक्ट्रम
  • at November 29, 2019 -
  • 0 Comments

मिथक 1: फाइब्रॉएड से राहत पाने के लिए गर्भाशय को निकाल दिया जाना चाहिए।
तथ्य: फाइब्रॉएड के सभी मामलों में, यदि रोगी अपनी प्रजनन क्षमता को बनाये रखना चाहती है तो सिर्फ फाइब्रॉएड को निकाला जा सकता है और गर्भाशय को पूरी तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है। यदि रोगी भविष्य में बच्चे पैदा नहीं करना चाहती है, तब भी कुछ प्रक्रियाओं की मदद से रोगी को फाइब्रॉएड से राहत प्रदान कर गर्भाशय को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिए अब लैप ग्राॅस वेजिंग जैसी प्रक्रिया उपलब्ध है।


मिथक 2: बहुत बड़े फाइब्रॉएड के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी संभव नहीं है और इसलिए बड़े फाइब्रॉएड में ओपन सर्जरी अनिवार्य हो जाता है।
तथ्य: लेप्रोस्कोपी सर्जरी हर मामले में संभव है। सनराइज हाॅस्पिटल में, हमने लेप्रोस्कोपी की मदद से गर्भाषय को नुकसान पहुंचाये बगैर ही दुनिया के सबसे बड़े फाइब्रॉएड (4.8 किलोग्राम) को निकाला और उसके बाद उस महिला ने स्वस्थ गर्भ धारण किया। 


मिथक 3: फाइब्रॉएड हमेशा दोबारा होता है और इसे रोकने के लिए कुछ नहीं किया जा सकता है।
तथ्य: हालांकि फाइब्रॉएड आम तौर पर दोबारा होता है लेकिन अब हम लेप्रोस्कोपिक यूटेरिन आर्टरी लिगेशन (एलयूएएल) नामक प्रक्रिया की मदद से 96 प्रतिशत रोगियों में फाइब्रॉएड की पुनरावृत्ति को रोक सकते हैं।


मिथक 4: यदि रोगी की पहले सर्जरी हो चुकी हो तो उस रोगी में लेप्रोस्कोपी करना संभव नहीं है।
तथ्य: लेप्रोस्कोपिक सर्जरी करना हर रोगी में संभव है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि रोगी की पहले कितनी ओपन सर्जरी (सीजेरियन जैसी) हुई है। इसके लिए सिर्फ सर्जन का विशेषज्ञ होना और अस्पताल में अच्छे लेप्रोस्कोपिक उपकरणों की उपलब्धता जरूरी है।


मिथक 5: फाइब्रॉएड कैंसर में बदल सकते हैं।
तथ्य: फाइब्रॉएड 99 प्रतिशत मामलों में कैंसर रहित होते हैं। हालांकि एक प्रतिशत मामले में वे कैंसरयुक्त हो सकते है। इसलिए फाइब्रॉएड से संबंधित कैंसर के मामले बिल्कुल नहीं के बराबर होते हैं।


मिथक 6: यदि मुझे अधिक रक्तस्राव नहीं होता है, तो मुझे फाइब्रॉएड का इलाज कराने की जरूरत नहीं है।
तथ्य: फाइब्रॉएड कई रूप में मौजूद हो सकते है और इसमें दबाव, पेल्विस में भारीपन या मूत्र त्याग करने की आवृति में वृद्धि, कब्ज, कमर दर्द या पेट में बड़ा गांठ जैसे लक्षण हो सकते हैं जिनका इलाज कराने की जरूरत होती है। फाइब्रॉएड में गर्भ धारण न कर पाना एक बड़ी समस्या हो सकती है जिसके कारण रोगी को फाइब्रॉएड निकलवाने की जरूरत होती है। बहुत कम फाइब्रॉएड में ही उनके द्वारा दबाव पैदा होने के कारण किडनी फेल्योर की संभावना होती है।


Join as an Author

Health Spectrum

Health Spectrum welcomes unsolicited articles, blog posts and other forms of content. If you are interested in writing for us, please write to us at healthspectrumindia@gmail.com.

0 Comments: